कांग्रेस प्रत्याशी दिग्विजय सिंह के विरूद्ध अनर्गल आरोप लगाते हुए राम द्रोही एवं हिन्दु और मुस्लिमों को लड़ाने वाला व्यक्ति बताकर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने किया आचार संहिता का उल्लंघन, कांग्रेस ने चुनाव आयोग से प्रकरण की शिकायत कर कार्यवाही की मांग की
भोपाल, 17 अप्रैल, 2024 पूरे देश में लोकसभा चुनाव के परिप्रेक्ष्य में आचार संहिता प्रभावशील है। किंतु भाजपा सत्ता का दुरूपयोग कर विपक्षी दलों की मान-मर्यादा का लगातार दोहन कर रही हैं। प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा बीते 15 अप्रैल को चुनावी रणभूमि में राजगढ़ में कांग्रेस प्रत्याशी दिग्विजय सिंह के विरूद्व अनर्गल विलाप करते हुये उन्हें राम द्रोही एवं हिन्दु-मुस्लिमों को लड़ाने वाला व्यक्ति बताया जाना प्रदेश के अमनोपसंद माहौल को बिगाड़ने की एक साजिश और षड्यंत्रकारी कृत्य है और चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री की इस तरह की भाषा आचार संहिता के उल्लंघन की श्रेणी में आती है।
प्रदेश् कांग्रेस के चुनाव आयोग कार्य प्रभारी जे.पी. धनोपिया ने चुनाव आयोग को इस संबंध में एक शिकायत पत्र भेजकर मुख्यमंत्री के विरूद्व आचार संहिता का उल्लंघन दर्ज कर कार्यवाही की मांग की है। धनोपिया ने पत्र में बताया कि लोकसभा क्षेत्र राजगढ़ में 15 अप्रेल, 2024 को भाजपा प्रत्याशी रोडमल नागर के नामांकन के संबंध में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं राजगढ़ लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी दिग्विजय सिंह को सबसे बड़ा रामद्रोही बताया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि दिग्विजय सिंह ने जिंदगी भर हिन्दु और मुस्लिमों का लड़ाने का काम किया है और वोट का रास्ता ढूंढा है, उन्होेंने कहा कि सबसे बड़े रामद्रोही जो रंग बदलकर बात कर रहे है, सुसनेर में आकर राम मंदिर और संघ की तारीफ कर रहे है।
अपनी अमर्यादित भाषा का उपयोग करते हुये डा. मोहन यादव ने दिग्जिवय सिंह को लेकर यह तक कहा कि वे हिन्दु-मुस्लिम को लड़ाने के जिम्मेदार है, हिन्दु और मुसलमानों को लडाने का एक मात्र व्यक्ति जिम्मेदार है तो वह है दिग्विजय सिंह, भगवान राम के मंदिर का लोकार्पण करने का निमंत्रण ठुकराया है वे सबसे बड़े रामद्रोही है। प्रभावशील आदर्श आचार संहिता के अनुसार कोई भी राजनीतिक दल का नेता धर्म एवं सम्प्रदाय के नाम पर वोट नहीं मांग सकता और ना ही विपक्षी दल प्रत्याशी के विरूद्ध अनर्गल, असत्य एवं निराधार आरोप लगाकर उन्हें बदनाम करने का कृत्य कर सकता है धर्म के नाम पर चुनाव में हराने की अपील करते हुए वोट मांगना प्रतिबंधित है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा दिग्विजय सिंह को सबसे बड़ा रामद्रोही कहने पर चुनाव आयोग डॉ. मोहन यादव के विरूद्व आचार संहिता का उल्लंघन मानते हुए प्रकरण दर्ज कर उचित कार्यवाही करे जिससे की राजगढ़ लोकसभा क्षेत्र का मतदान स्वतंत्र एवं निष्पक्ष रूप से सम्पन्न हो सके।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वी.डी.शर्मा ने कांग्रेस प्रत्याशी दिग्विजय सिंह को आतंकवादियों को गले लगाने वाला बताकर किया आचार संहिता का उल्लंघन
लोकसभा चुनाव के परिप्रेक्ष्य में पूरे देश में आचार संहिता प्रभावशील है। भारतीय जनता पार्टी शासन और प्रशासन का जमकर दुरूपयोग कर रही है। वहीं भाजपा विपक्षी दलों की मान-मर्यादा का लगातार दोहन कर रही हैं। प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष बी.डी. शर्मा द्वारा बीते दिनों राजगढ़ की चुनावी रणभूमि में आमसभा को संबोधित कर कांग्रेस प्रत्याशी दिग्विजय सिंह के विरूद्व अनर्गल विलाप करते हुये अपने भाषण में धार्मिक उन्नमाद फैलाने का कार्य कृत्य किया और राजनीतिक कार्यक्रम को धर्म की आड़ लेकर कांग्रेस प्रत्याशी दिग्विजय सिंह जी के विरूद्ध अनर्गल बयान बाजी करते हुए कहा कि ‘‘ राजगढ़ का चुनाव साधारण चुनाव नहीं है, बल्कि यह चुनाव भगवान राम का अपमान करने वाले, भारतीय संस्कृति का अपमान करने वाले, आतंकवादियों को गले लगाने वाले व्यक्ति दिग्विजय सिंह के साथ (विरूध) है, इसलिए 22 जनवरी, 2024 को अयोध्या में भगवान राम के मंदिर बनवाने एवं उनकी प्राण प्रतिष्ठा कराने वाले देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनाने के लिए राम विरोधी, संस्कृति विरोधी, आतंकवादियों के हितैषी दिग्विजय सिंह को चुनाव में हराकर भाजपा प्रत्याशी रोड़मल नागर को भारी संख्या में विजयी बनाएं। भाजपा प्रत्याशी श्री रोडमल नागर के नामांकन के संबंध में आयोजित चुनावी आमसभा में सत्तारूढ भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने खुलकर आचार संहिता की धज्जियां उडाई एवं शासकीय मशनरी का भी दुरूपयेाग किया।
प्रदेश कांग्रेस के चुनाव आयोग कार्य प्रभारी जे.पी. धनोपिया ने चुनाव आयोग को लिखे अपने पत्र में शिकायत की है कि प्रभावशील आदर्श आचार संहिता के अनुसार कोई भी राजनीतिक दल का नेता धर्म के नाम पर वोट नहीं मांग सकता, प्रत्याशी के विरूद्ध गलत, असत्य एवं निराधार आरोप लगाकर उन्हें बदनाम करने का कृत्य करते हुए चुनाव में हराने की अपील करते हुए वोट मांगना प्रतिबंधित है। धनोपिया ने चुनाव आयोग से उक्त शिकायत पर प्रकरण दर्ज कर कार्यवाही करने की मांग की है।