राजकाज न्यूज, भोपाल
मुख्यमंत्री कमलनाथ की आज विधानसभा में मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि विधायको को बीजेपी ने प्रलोभन देने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि कई सालों की परंपरा को विपक्ष ने तोड़ा है। कमलनाथ ने कहा कि फुट डालने की मंशा के साथ बीजेपी ने अध्यक्ष पद के लिए नॉमिनेशन भरा था। उन्होंने कहा कि निरंतर बीजेपी का प्रलोभन का प्रयास जारी रहा।
नाथ ने कहा कि स्पीकर का चुनाव प्राथमिकता नही, अपना बहुमत साबित करना हमारी प्राथमिकता में रहा। जब बीजेपी ने परंपरा तोड़ी तो हमने उसी तरह जवाब दिया।
उसके बाद ही उपाध्यक्ष का चुनाव लड़ने का भी हमने फैसला लिया। भाजपा को वोटिंग से डर था कि बहुत सारे खुलासे ना हो जाये। मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी बहुत सारे ख़ुलासे होंगे।
उन्होंने कहा कि सदन में हमने बीजेपी को वोटिंग का आफर दिया, लेकिन वो वोटिंग चाहते ही नही थे। कमलनाथ ने कहा कि हमने नियम का पूरी तरह से पालन किया। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश के विकास का काम करना हमारे सामने सबसे बड़ी चुनौतियां है। आज सोच व नज़रिये में परिवर्तन की ज़रूरत। कमलनाथ ने कहा कि विपक्ष के साथ मिलकर काम करने का हमेशा प्रयास रहेगा।
विधानसभा सदन में हंगामा और बहिगर्मन भाजपा की भाजपा की पुरानी आदत
मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मीडिया विभाग की अध्यक्ष श्रीमती शोभा ओझा ने विधानसभा सत्र के दौरान विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के निर्वाचन में भाजपा द्वारा किए गए व्यवहार को संसदीय गरिमा के प्रतिकूल बताया है। श्रीमती शोभा ओझा ने कहा कि भाजपा ने जिस प्रकार विधानसभा अध्यक्ष के निर्वाचन की प्रक्रिया में भाग न लेकर अवरोध उत्पन्न किया और बेवजह वही बहिगर्मन किया, वह उसकी संसदीय मूल्यों के प्रति निम्न स्तरीय सोच को परिलक्षित करता है। भाजपा ने पक्ष एवं विपक्ष में रहकर कभी भी संसदीय कार्यप्रणाली और व्यवहार के अनुकूल आचरण नहीं किया बल्कि सदन को मनमाने तरीके से संचालित करने अथवा विपरीत स्थिति निर्मित कर कार्रवाई को संचालित नहीं होने दिया।
भाजपा द्वारा आज सदन में महिला विधायक सुश्री हिना कावरे के उपाध्यक्ष पद के निर्वाचन में हंगामा उत्पन्न कर बाधा की गई , उसे कतई शोभनीय नहीं कहा जा सकता । मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ ने सदैव महिलाओं का सम्मान किया है ।इसी के अनुरूप बालाघाट जिले से युवा महिला विधायक को उपाध्यक्ष के लिए चयनित करवा कर उन्होंने युवाओं को प्रेरित किया है । लेकिन दूसरी ओर भाजपा को कांग्रेस की युवा महिला विधायक का उपाध्यक्ष जैसे गरिमामय पद पर निर्वाचित होना रास नहीं आया और उसने सदन की कार्यवाही नहीं चलने दी ।श्रीमती ओझा ने कहा कि भाजपा सदस्यों का सदन में आज जो व्यवहार देखने को मिला, वह घोर निंदनीय और महिला वर्ग के प्रति अपमानजनक कहा जा सकता है । इससे साबित होता है कि भाजपा महिलाओं के प्रति कभी पक्षधर नहीं रही ।भाजपा के वरिष्ठ नेता गण सदन में बैठ कर कार्यवाही में व्यवधान उत्पन्न करवाते रहे और एक युवा महिला को उपाध्यक्ष जैसे महत्वपूर्ण पद पर आसीन होना देख नहीं पाए ।