मंत्री पुत्र द्वारा पत्रकार और दंपति पर जानलेवा हमले की घटना निंदनीय
पटवारी ने निर्दोषों पर हुये हमले पर प्रशासन से की न्याय की मांग
भोपाल, 31 मार्च,2024 शनिवार रात्रि में स्वास्थ्य राज्य मंत्री नरेन्द्र शिवाजी पटेल के बेटे पर एक दम्पत्ति के साथ मारपीट करने की घटना सामने आई। इस मामले के पुलिस थाना पहुंचने के बाद थाने में भी काफी देर तक हंगाम होता रहा। घटना की जानकारी मिलने पर राज्य मंत्री भी थाने पहुंचे और उन्होंने पुलिस कर्मियों पर अपने पुत्र से मारपीट करने का आरोप लगाया और पुलिस कर्मियों को संस्पेड कराने की बात कही। बाद में हुआ भी यही। घटना की जानकारी मिलने पर वरिष्ठ अधिकारी थाने पहुंचे। आखिरकार 4 पुलिस कर्मियों को संस्पेड भी कर दिया गया। रविवार को कांग्रेस ने इस मामले को हाथों हाथ लिया और बीजेपी पर अराजकता का राज स्थापित करने का आरोप लगाया। पीसीसी चीफ स्वयं कांग्रेस नेताओं के साथ शाहपुरा थाने पहुंचे और पीडि़त दम्पत्ति के पक्ष में बात की।
मामला यह है कि घटना शाहपुरा थाना क्षेत्र में शनिवार रात की है। रात करीब 10.30 बजे स्वास्थ्य राज्यमंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल का बेटा अभिज्ञान शाहपुरा थाना क्षेत्र के त्रिलंगा इलाके में घूम रहा था। ट्रैफिक सिग्नल के पास गाड़ी रुकने पर मीडियाकर्मी विवेक सिंह से उनका विवाद हो गया। अभिज्ञान और उसके साथ मौजूद लड़कों ने विवेक के साथ मारपीट शुरू कर दी। इस दौरान मेन रोड़ पर रेस्टोरेंट संचालक सोनू मार्टिन अपनी पत्नी के साथ बाहर निकले और बीच बचाव करने लगे। आरोप है कि इससे नाराज होकर अभिज्ञान और उसके समर्थकों ने सोनू के साथ भी मारपीट की, जिससे सोनू के सिर पर चोट आई है। रेस्टोरेंट संचालक डेनिस मार्टिन की पत्नी अलीशा ने आरोप लगाया कि मारपीट होते देख मैं बीच बचाव करने पहुंची। इस दौरान मुझ पर भी हमला किया गया, यह देख मेरे पति भी आ गए। अभिज्ञान और उसके साथियों ने उनके सिर में रॉड मार दी। महिला ने आरोप लगाया है कि मारपीट करते हुए अभिज्ञान जोर से चिल्लाते हुए बोल रहा था कि मेरे पिता मंत्री हैै।
पुलिस ने मामले पर संज्ञान लेते हुए मंत्री के पुत्र समेत उसके दोस्तों को हिरासत में ले लिया। जब मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल को मामले की सूचना मिली तो वे भोपाल के शाहपुरा थाने पहुँच गए। यहाँ रात 11 बजे तक हाईवोल्टेज ड्रामा चला जिसके बाद मंत्री अपने पुत्र और उसके साथियों को लेकर निकल गए। इस सब के चलते 4 पुलिस कर्मी निलंबित कर दिए गए हैं। इस मामले में देर रात FIR दर्ज की गई है। बेटे के पुलिस की हिरासत में होने की सूचना मिलते ही मंत्री थाने पहुंच गए। यहां उन्होंने बेटे की गलती सुनने से पहले ही पुलिस पर बेटे के साथ मारपीट करने का आरोप लगा दिया।
मप्र भाजपा की सरकार में अराजकता का राज स्थापित हो गया है। संविधान की शपथ खाने वाले मंत्री तक प्रजातंत्र के चौथे स्तंभ पर हमला कर रहे हैं। भाजपा सरकार के मध्यप्रदेश के एक मंत्री नरेन्द्र शिवाजी पटेल के पुत्र द्वारा सत्ता के नशे और दबंगई के चलते बीते शनिवार की रात्रि में राजधानी भोपाल निवासी एक पत्रकार और एक दंपति पर जानलेवा हमला किये जाने की घटना को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष श्री जीतू पटवारी ने बेहद निंदनीय और शर्मसार करने वाली घटना बताया है।
पटवारी ने इस घटना से आहत होकर पीड़ित पत्रकार और दंपत्ति से मुलाकात कर मंत्री पुत्र द्वारा किये गये हमले की जानकारी ली। पटवारी पत्रकार और दंपत्ति के साथ शाहपुरा थाने उक्त पीड़ितों को प्रशासन से न्याय की मांग करने के लिए पहुंचे, जहां थाने में उनकी रिपोर्ट तक नहीं लिखी गई और न ही उक्त संबंध में आवेदन लिया गया। पटवारी ने बताया कि भाजपा के मंत्री द्वारा पुलिस प्रशासन पर दबाव बनाकर मामले को गंभारतापूर्वक नहीं लिया गया, जबकि मंत्री पुत्र द्वारा पत्रकार को बेरहमी से पीटा गया और वहीं दंपत्ति के साथ मारपीट की गई, जिसमें दंपत्ति के परिवार के मुखिया को सिर में आठ टांके आये, महिला के साथ अभ्रदतापूर्ण व्यवहार किया गया। घटना के सीसीटीवी फुटेट होने के बाद भी मंत्री के दबाव के चलते पुलिस उक्त मामले पर कोई ठोस कार्यवाही नहीं कर रही है।
पटवारी ने घटना की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन से ठोस कार्यवाही की मांग की है। साथ ही कहा कि भाजपा पूरे प्रदेश में इस तरह का भय और आतंक का माहौल बना रही है, जिससे जनता में आक्रोश बना हुआ है। पटवारी ने आगे बताया कि मंत्री और मंत्री पुत्र द्वारा जिस तरह से प्रशासन को डरा-धमकाकर दबाव बनाया जा रहा है, वह कानून व्यवस्था का मखौल उड़ाने और प्रदेश की जनता के साथ भद्दा मजाक हैं।
इस मौके पर पटवारी के साथ पूर्व विधायक पी.सी. शर्मा, कुणाल चौधरी, शैलेन्द्र पटेले, अभिनव बरोलिया, राम पाण्डेय, नवीन चौबे सहित अन्य कांग्रेसजन भी उपस्थित थे।
मोहन के मंत्री आधी रात क्यों गये थाने? : जीतू पटवारी
एक बयान में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने मोहन सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि मोहन यादव सरकार के एक मंत्री के परिवार के सदस्यों ने आतंक मचा रखा है। आज के समाचार पत्र उनके आतंक को बयॉं कर रहे हैं। पीड़ितों की सुनवाई के बजाय मंत्री थाने में आए और 4 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया। मुख्यमंत्री स्वयं गृहमंत्री हैं और ये अराजकता उनकी विफलता का आईना है। पटवारी ने थाने पहुंचकर मंत्री पुत्र के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की है और कहा है कि सामान्य नागरिकों पर हमला कर गुंडागर्दी करने वाले कब जेल जायेंगे।