नई दिल्ली: फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्डस् अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) का एक ताजा सर्वेक्षण होश उड़ाने वाला है. एफएसएसएआई ने दूध का अब तक का सबसे बड़ा सैंपल सर्वे किया है जिसके नतीजे दूध के सेवन पर सवाल खड़े कर रहे हैं. दूध के सैंपल देश भर में एकत्रित किए गए और उनका परीक्षण किया गया. आश्चर्यजनक रूप से देशभर में दूध के 41 प्रतिशत नमूने गुणवत्ता के मानक पर खरे नहीं उतरे. इतना ही नहीं सात फीसदी सैंपलों में तो ऐसे तत्व मिले जो सेहत के लिए काफी घातक हैं.
फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्डस् अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) द्वारा लिए गए अब तक के सबसे बड़े सैंपल से बड़ा खुलासा हुआ है. जो दूध आप खरीद रहे हैं, क्या उसमें वे सभी फायदे हैं जो आप मानते हैं? एफएसएसएआई के खुलासे ने साफ कर दिया है कि उनके लिए गए सैंपल में 41 फीसदी दूध गुणवत्ता में फेल हो गया. इतना ही नहीं, यह भी पाया गया है कि फायदे तो दूर की बात, यह दूध आपको नुकसान भी पहुंचा रहा है.
फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्डस् अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) के सीईओ पवन कुमार अग्रवाल ने माना कि 40 प्रतिशत से ज्यादा मिल्क में क्वालिटी की समस्या पाई गई है. प्रोसेस्ड मिल्क में पाया जाना भी अचरज की बात है. उन्होंने बताया कि 7 प्रतिशत दूध में जो सेफ्टी का कंसर्न है उस 7 प्रतिशत में से 5.7 फीसदी में 'एफ्लैटॉक्सिन एम 1' (Aflatoxin M1) पाया गया है. यह देश भर में नहीं, कुछ राज्यों तक है. उनको सतर्क कर दिया गया है.
दरअसल 'एफ्लैटॉक्सिन एम 1' की मौजूदगी ब्रांडेड दूध तक में भी मिली है जो चारे के जरिए मवेशी में दाखिल होता है. डॉक्टर बताते हैं कि इससे कैंसर तक हो सकता है. बाल रोग विशेषज्ञ डॉ रवि मलिक कहते हैं कि इससे लिवर का कैंसर भी हो सकता है. इसके बच्चों पर दुष्प्रभाव होते हैं. बच्चों में उनकी ग्रोथ, लिवर, गैस की समस्या आदि होती है. अगर इसकी मात्रा का नियमित सेवन किया जाए तो ये कार्सिनोजेनिक भी हैं. इससे कैंसर तक हो सकता है.
साभार- एनडीटीवी