भोपाल, राजधानी भोपाल में प्रदेश व देश के अलग-अलग कोनों से बड़ी संख्या में मजदूर अपना जीवन यापन करने आते हैं परंतु कोरोना वायरस के कारण लोग डाउन हुए भोपाल से अब मजदूर जिनके पास कोई काम नहीं बचा है वह यहां से किसी भी सूरत में पलायन करने को मजबूर हैं। शनिवार को ऐसे कई मामले
देखने को मिले जहां झांसी के रहने वाले पारसिंह पाल और विदिशा जिले के बासौदा के रहने वाले नीरज कुशवाह अपने घर के लिये पैदल ही रवाना हो गये। वही प्रदेश के आदिवासी क्षेत्र अलीराजपुर से काम करने भोपाल आये कुछ लोग भी नादरा स्टैंड के पास से पैदल घर की ओर रवाना हुए । उनके साथ महिलायें भी थी । इसी तरह ग्वालियर, भिंड ,मुरैना शिवपुरी, अशोकनगर ,चंदेरी सहित अन्य स्थानों से आए भोपाल में मजदूरी करने आये लोग पैदल ही अपने घर को जाने के लिए मजबूर हो गए हैं ।
हालांकि प्रशासन द्वारा इनके खाने के व्यवस्था के बड़े-बड़े दावे किए जा रहे हैं। परंतु वह सभी खोखले साबित हो रहे हैं। शनिवार को भी अनेक स्थानों पर प्रशासन द्वारा नियुक्त किए गए कर्मचारियों द्वारा लोगों को खाना नहीं पहुंचाया जा सका। कारण था कि इनकी संख्या रात में आई थी उनके लिए किसी प्रकार का खाना बन नहीं पाया था। ऐसे स्थान करोद क्षेत्र में रिंग गार्डन के पीछे, पीपुल्स मॉल के पीछे, यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री के पास झुग्गी वासी। इनमें से कई लोग तो रात के समय रोड पर बैठे दिखाई दिए जो खाना बांटने वालों का इंतजार करते नजर आए ।परंतु प्रशासन के पास खाना ही नहीं बचा था इसी कारण इन तक खाना नहीं पहुंच पाया।
Abhishek की रिपोर्ट