Publish Date:24-Feb-2020 23:17:06
नई दिल्ली: राष्ट्रपति भवन में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के स्वागत की तैयारियां भव्य स्तर पर की गई हैं. सूत्रों के मुताबिक समाज के अलग-अलग तबके से 90 से 100 अतिथियों को बैंक्वेट में भाग लेने का विशेष न्योता दिया गया है. इसके लिए कांग्रेस के तीन वरिष्ठ नेताओं को न्योता दिया गया था, लेकिन लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद और पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने ऑफिसियल बैंक्वेट में भाग लेने से इनकार कर दिया है. अधीर रंजन चौधरी ने पिछले शनिवार को ही सार्वजनिक तौर पर सोनिया गांधी को निमंत्रण न मिलने पर नाराज़गी जताते हुए बैंक्वेट में भाग लेने से इनकार कर दिया था. अब गुलाम नबी आजाद और मनमोहन सिंह ने भी सोमवार को राष्ट्रपति भवन को आधिकारिक तौर पर अपनी असर्मथता जता दी.
सरकारी सूत्रों से कांग्रेस नेताओं के इस फैसले पर हैरानी जताई है. सूत्रों ने एनडीटीवी को बताया है की विपक्ष की सबसे बड़ी पार्टी के अध्यक्ष को ऑफिसियल बैंक्वेट में बुलाया जाए इसकी कोई परंपरा नहीं है. ऐसे में सोनिया गांधी को न्योता देने की कोई अनिवार्यता नहीं है. UPA के दस साल के शासनकल में दो अमेरिकी राष्ट्रपति भारत आए, लेकिन एक बार भी बीजेपी के किसी भी राष्ट्रीय अध्यक्ष को ऑफिसियल बैंक्वेट में भाग लेने के लिए राष्ट्रपति भवन की तरफ से बुलाया नहीं गया, जबकि उन 10 सालों में बीजेपी सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी थी.
बता दें कि अमेरकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप दो दिवसीय भारत दौरे पर हैं. गुजरात के अहमदाबाद एयरपोर्ट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की अगवानी की. ट्रंप वहां से सीधे साबरमती आश्रम गए. वहां उन्होंने चरखा चलाया और सूत भी काते. इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी भी उनके साथ थे. इसके बाद वह दुनिया के सबसे बड़े मोटेरा स्टेडियम गए, जहां 'नमस्ते ट्रंप' कार्यक्रम को संबोधित किया.
ट्रंप ने कहा, 'अमेरिका भारत से प्यार करता है और सम्मान करता है. भारत आना मेरे लिए सौभाग्य है. मेरे लिए बहुत बडे़ सम्मान की बात है. सबसे बड़े क्रिकेट स्टेडियम में ऐसे स्वागत के लिए अभिभूत हूं. 1.25 लाख लोगों का इस स्वागत के लिए धन्यवाद. अगले 10 साल में भारत से गरीबी हट जाएगी. भारत की तरक्की हर देश के लिए मिसाल है. यह स्वामी विवेकानंद का देश है. भारत में हर नागरिक के हक का सम्मान है.
साभार- एनडीटीवी