Publish Date:18-Feb-2020 18:39:39
बेंगलुरू. कर्नाटक में पिछले विधानसभा चुनाव से जारी सियासी घमासान खत्म नहीं हो रहा है. पहले ये संघर्ष तीन दलों के बीच था और अब बीजेपी (BJP) के भीतर ही बगावत के सुर उठने लगे हैं. बीजेपी ने दो महीने पहले ही कर्नाटक में हुए उपचुनावों (Karnataka Bypolls) में शानदार प्रदर्शन किया था. माना गया कि लोगों ने सीएम बीएस येडियुरप्पा (CM BS Yediyurappa) के खिलाफ बनाए जा रहे माहौल को पूरी तरह से खारिज कर दिया है. हालांकि, अब बन रहे हालात से लगता है कि पार्टी में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है. हाल में कुछ बीजेपी विधायकों (BJP MLAs) ने एक गोपनीय बैठक कर येडियुरप्पा सरकार के कामकाज पर चर्चा की.
विधायकों का आरोप, विजयेंद्र बन गए हैं 'सुपर सीएम'
बीजेपी से जुड़े सूत्रों ने News18 को बताया कि गोपनीय बैठक (Secret Meeting) करने वाले विधायक पार्टी में वंशवाद की राजनीति (Dynasty Politics) की शुरुआत होती देख नाराज हैं. उनका कहना है कि येडियुरप्पा के बेटे विजयेंद्र 'सुपर सीएम' बन गए हैं. इसके अलावा कुछ बागवत के सुर कैबिनेट विस्तार के बाद भी उठे हैं. उनका कहना है कि येडियुरप्पा ने सिर्फ कांग्रेस छोड़कर आए विधायकों को ही कैबिनेट में जगह दी है. इस चक्कर में बीजेपी के वफादार और लंबे समय से जुड़े विधायक किनारे कर दिए गए. इन नाराज नेताओं में बेलगावी जिले से आठ बार के विधायक उमेश कट्टी भी शामिल हैं. उन्हें कैबिनेट में शामिल करने का भरोसा दिलाया गया था, लेकिन आखिरी समय पर किनारे कर दिया गया.
येडियुरप्पा के नेतृत्व पर चिट्ठी लिख खड़े किए सवाल
कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और मौजूदा येडियुरप्पा सरकार में मंत्री जगदीश शेट्टार (Jagadish Shettar) भी इस सीक्रेट मीटिंग में शामिल हुए थे. बताया जा रहा है कि सोमवार रात हुई गोपनीय बैठक में वह भी विद्रोह कर रहे विधायकों के पक्ष में खड़े दिखाई दिए. इस बीच येडियुरप्पा के करीबी विधायकों ने भी एक पत्र लिखकर नाराजगी जताई है. इसमें विजयेंद्र को लेकर असंतोष जताने के साथ ही येडियुरप्पा के नेतृत्व को लेकर चिंता भी जताई गई है. हालांकि, इस चिट्ठी में पार्टी को फिर खड़ा करने और सत्ता में वापसी कराने के लिए येडियुरप्पा की तारीफ भी की गई है. इसमें कहा गया है कि अब उनकी उम्र हो चुकी है.
'येडियुरप्पा ने पार्टी में किसी को आगे नहीं बढ़ने दिया'
चिट्ठी में लिखा गया है, 'येडियुरप्पा ने अपने समुदाय के किसी नेता को पार्टी में आगे नहीं बढ़ने दिया. वह आगे भी किसी को आगे नहीं बढ़ने देंगे. ये दुखद है कि इस उम्र में भी कोई व्यक्ति सत्ता को अपने हाथों में रखने के लिए संघर्ष कर रहा है. हालांकि, उनकी उम्र और अनुभव को ध्यान में रखते हुए उन्हें किसी राज्य का राज्यपाल (Governor) बना देना चाहिए.' ये सियासी हलचल ठीक तब शुरू हुई है, जब सोमवार को कर्नाटक विधानसभा का सत्र शुरू हुआ है. माना जा रहा है कि सत्र के दौरान विपक्ष सियासी विरोधियों के खिलाफ पुलिस का इस्तेमाल करने और नागरिकता संशोधन कानून 2019 (CAA 2019) के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों पर की गई कार्रवाई के बहाने येडियुरप्पा सरकार को घेरने की कोशिश करेगा.
साभार- न्यूज 18