मप्र राज्य औद्योगिक विकास निगम में करोडों रुपयों के घोटाला का मामला
भोपाल। मप्र राज्य औद्योगिक विकास निगम में हुए करोडों रुपयों के घोटाला मामले में राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो ( ईओडब्ल्यू ) ने सोमवार को विशेष न्यायाधीश सविता दुबे की अदालत में मेसर्स भास्कर इंडस्ट्रीज लिमिटेड के सुधीर अग्रवाल, तत्कालीन संचालक, गिरीश अग्रवाल तत्कालीन संचालक और नागेन्द्र मोहन शुक्ला तत्कालीन कार्यपालिक संचालक एवं निगम के तत्कालीन अध्यक्ष राजेन्द्र कुमार सिंह एवं नरेन्द्र नाहटा तत्कालीन संचालक, अजय आचार्य तत्कालीन प्रबंध संचालक,एमपी राजन तत्कालीन महाप्रबंधक लेखा, और एमएल स्वर्णकार के विरुद्ध भारतीय दंड विधान की धारा 409,420,467,468,471 और 120 बी के अलावा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13 (1)(डी) और 13(2) के तहत चालान पेश किया है । अदालत में उपस्थित नहीं होने पर विशेष न्यायाधीश ने भास्कर इंडस्ट्रीज के सुधीर अग्रवाल और गिरीश अग्रवाल के खिलाफ गिरफ्फतारी वारंट जारी किया है।
ईओडब्ल्यू के प्रेस नोट में कहा गया है कि चालान पेश होने के दौरान आरोपी नागेन्द्र मोहन शुक्ला विशेष अदालत के समक्ष हाजिर हुए, उनकी ओर से जमानत याचिका पेश की गई जिसे स्वीकार करते हुए अदालत ने उनको जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए । मामले के अन्य आरोपी कंपनी मेसर्स भास्कर इंडस्ट्रीज लिमिटेड के सुधीर अग्रवाल तत्कालीन संचालक और गिरीश अग्रवाल तत्कालीन संचालक विशेष अदालत में उपस्थित नहीं हुए इस पर अदालत ने दोनों के खिलाफ गिरफतारी वारंट जारी करने के आदेश दिए हैं।
- यह है मामला
मप्र राज्य औद्योगिक विकास निगम के तत्कालीन अध्यक्ष संचालक मंडल प्रबंध संचालक एवं अन्य अधिकारियों ने षडयंत्र पूर्वक बेईमानी के इरादे से छल करते हुए करीब 42 डिफॉल्टर कंपनियों के प्रवर्तकों एवं संचालकों से सांठ-गांठ कर उनको अवैध रूप से लाभान्वित किया। जिससे शासन और निगम को ब्याज सहित करीब 719 करोड़ रुपए की वित्तीय हानि हुई। 31 सितंबर 2017 तक इस नुकसान का आंकड़ा ब्याज सहित 7534.57 करोड़ हो चुका है। मप्र राज्य औद्योगिक विकास निगम भोपाल में घोटाले की सूचना पर ईओडब्ल्यू द्वारा एमपीएसआईडीसी में हुई गड़बडिय़ों और अनियमितताओं के संबंध में रिपोर्ट पर दर्ज कर मामला जांच में लिया गया। विवेचना के बाद आरोपी 5 लोकसेवक राजेन्द्र कुमार सिंह तत्कालीन अध्यक्ष एमपीएसआईडीसी ,अजय आचार्य तत्कालीन संचालक एमपीएसआईडीसी ,जेएस राममूर्ति तत्कालीन संचालक एमपीएसआईडीसी, एमपी राजन तत्कालीन प्रबंध संचालक एमपीएसआईडीसी और नरेन्द्र नाहटा तत्कालीन अध्यक्ष एमपीएसआईडीसी सहित 20 कंपनियों के प्रवर्तक और संचालकों के खिलाफ जांच के बाद पहले चालान पेश किया जा चुका है।