Publish Date:12-Oct-2019 23:17:21
बीजिंग. दो दिन के भारत दौरे से लौटने के बाद चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा कि भारत और चीन के संबंधों को किसी भी स्थिति में 'कमजोर' नहीं होने दिया जाएगा. शिन्हुआ समाचार एजेंसी के अनुसार जिनपिंग ने कहा कि जो मुद्दे हम दोनों से जुड़े हुए हैं, उन पर हमें ध्यान से काम करना होगा. हम कायदे से समस्याओं पर नियंत्रण करेंगे.'
शी ने कहा कि बीते साल वुहान में पीएम मोदी के साथ हुई अनौपचारिक बैठक के बाद ही दोनों देशों के रिश्ते एक नए आयाम तय कर चुके थे. उस बैठक के सकारात्मक प्रभाव लगातार सामने आ रहे हैं.
रिपोर्ट में कहा गया है कि चीनी राष्ट्रपति ने संबंधों को बाधित किए बिना संबंधों के निरंतर विकास के लिए छह बिंदुओं का प्रस्ताव दिया है. शिन्हुआ की रिपोर्ट में कहा गया है कि 'दोनों देशों के बीच अंतर को सही तरीके से देखा जाना चाहिए. हमें उन्हें द्विपक्षीय सहयोग के समग्र हितों के लिए कम नहीं करना चाहेंगे. उसी समय हमें बातचीत कर मतभेदों को हल करना चाहिए.'
अगले कुछ वर्ष दोनों देशों के लिए महत्वपूर्ण - शी
उन्होंने सुझाव दिया कि दोनों देशों को समय पर और प्रभावी तरीके से रणनीतिक संचार करना चाहिए, आपसी समझ और सहयोग को बढ़ाना चाहिए और द्विपक्षीय संबंधों के विकास की सामान्य दिशा को मजबूती से पकड़ना चाहिए.
उन्होंने कहा कि 'मित्रता और सहयोग पर ध्यान दें, संदेह और शंकाओं का समाधान करें, और मतभेदों और संवेदनशील मुद्दों को ठीक से संभालें.' शी ने कहा कि अगले कुछ वर्ष दोनों देशों के लिए महत्वपूर्ण होंगे. शी ने कहा, दोनों देशों को निश्चित रूप से मैत्रीपूर्ण सहयोग की उज्ज्वल सड़क पर चलना चाहिए.
LAC पर भी बोले शी
3,488 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के साथ सीमा विवाद पर शी ने राजनीतिक मार्गदर्शक सिद्धांतों पर समझौते के अनुसार कहा, हम सीमा मुद्दे के लिए एक उचित और उचित समाधान की तलाश करेंगे जो दोनों पक्षों को स्वीकार्य हो.
शी ने कहा कि 'हमें एक-दूसरे के मूल हितों से संबंधित मुद्दों को ध्यान से संभालना चाहिए. हमें उन समस्याओं का उचित प्रबंधन और नियंत्रण करना चाहिए जिन्हें समय रहते हल नहीं किया जा सकता है.' शी ने यह भी सुझाव दिया कि दोनों देशों को सैन्य सुरक्षा आदान-प्रदान और सहयोग के स्तर में सुधार करना चाहिए.
शी ने कहा 'हमें पेशेवर सहयोगी होना होगा'
उन्होंने कहा, 'हमें विश्वास बढ़ाने की सही दिशा में सैन्य-से-सैन्य संबंधों के विकास को बढ़ावा देना चाहिए, गलतफहमी और मैत्रीपूर्ण सहयोग को साफ करना चाहिए.'
शी ने कहा 'हमें पेशेवर सहयोग, संयुक्त अभ्यास और प्रशिक्षण करना चाहिए, दोनों देशों के सेनाओं के बीच आपसी विश्वास बढ़ाना चाहिए, कानून प्रवर्तन और सुरक्षा विभागों के बीच सहयोग को मजबूत करना और क्षेत्रीय सुरक्षा और स्थिरता बनाए रखना चाहिए.
साभार- न्यूज 18