Publish Date:12-Jul-2019 00:43:05
राजकाज न्यूज, भोपाल
मध्यप्रदेश की राजधानी में 8 जून की रात्रि में एक नाबालिग के साथ दुष्कर्म करने और फिर जघन्य तरीके से हत्या करने के आरोपी को एक माह में ही फांसी की सजा सुनाई गयी है। आरोपी विष्णु को वारदात के दूसरे दिन ही गिरफ्तार किया गया था। मामले में पुलिस ने 108 पन्नों का चालान न्यायालय में पेश किया और 30 लोगों के बयान दर्ज हुए। अदालत में चार्जशीट फाइल होने के 18 दिनों के अंदर फैसला सुना दिया गया। बच्ची के साथ दुष्कर्म और हत्या के आरोपी 35 साल के विष्णु प्रसाद उर्फ बबलू को भोपाल से लगभग 250 किमी दूर ओंकारेश्वर के पास मोरटक्का में हिरासत में लिया गया था। न्यायालय द्वारा किए गए त्वरित फैसले का मुख्यमंत्री कमलनाथ ने स्वागत किया है।
गौरतलब है कि कमलानगर थाना क्षेत्र की मांडवा बस्ती में रहने वाले परिवार की आठ वर्षीय बालिका आठ जून की रात को अपने घर से सामान लेने बाहर गई थी, जिसके बाद वह वापस नहीं लौटी। अगले दिन उसका शव क्षेत्र के ही एक नाले में मिला। इस मामले में लापरवाही बरतने पर छह पुलिस कर्मियों को निलंबित किया गया था। इसी मामले में मासूम के साथ दुष्कर्म करने और उसकी हत्या करने के आरोपी विष्णु भांभरे को विशेष अदालत की न्यायाधीश कुमुदनी पटेल ने फांसी की सजा सुनाई है। मात्र 32 दिनों में आए इस निर्णय में उन्होंने अपराध को जघन्यतम करार दिया। लोक अभियोजन अधिकारियों के अनुसार, विशेष न्यायाधीश कुमुदनी पटेल ने आरोपी पर बुधवार को ही आरोप तय कर दिए थे और गुरुवार को मृत्युदंड की सजा सुनाई।
फैसला सुनते वक़्त आरोपी विष्णु अदालत रूम में बिल्कुल शांत खड़ा रहा। फांसी की सजा सुनते ही आरोपी की आंखों में आंसू आ गए और फैसले की प्रतिलिपि पर जब उसके हस्ताक्षर करवाए जा रहे थे तो उसके हाथ कांप रहे थे। वहीं फैसला सुनते ही बच्ची के परिवार वाले भी अदालत में ही रो पड़े। बच्ची की मां को वहां उपस्थित अन्य परिजन बाहर लेकर आए।
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने न्यायालय की फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि भोपाल की मांडवा बस्ती में आठ जून को बालिका के साथ दुष्कर्म व हत्या की घटना के दोषी को गुरूवार को न्यायालय ने फांसी की सजा दी है, जिसका हम स्वागत करते हैं।