Publish Date:03-Nov-2018 22:29:04
भोपाल 03 नवंबर 2018। दिनांक 02.11.2018 को आर.सी.व्ही.पी. नरोन्हा प्रशासन एवं प्रबंधकीय अकादमी भोपाल में भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के 45 एवं भारतीय वन सेवा (IFS) के 25 एवं अन्य भारतीय सेवाओं के (IRS) (IDES) (IDAS) 90 प्रशिक्षु अधिकारियों को पीपीटी प्रजेण्टेशन के माध्यम से अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक डी.सी.सागर द्वारा ^^Why Hon`ble court countermands the death penalty into life imprisonment” विषय पर उदबोधन दिया गया।
डी.सी.सागर ने प्रशिक्षु अधिकारियों को अपराध अन्वेषण के संबंध में महत्वपूर्ण बातें भी बताई। उन्होंने कहा कि जैसे ही घटना घटित होती है वैसे ही संबंधित थाना प्रभारी को घटनास्थल पर जाना चाहिए एवं इसकी सूचना पर्यवेक्षक अधिकारी जैसे - SDOP, Add. SP, S.P., DIG, IG को देना चाहिए। पर्यवेक्षक अधिकारी का यह कर्तव्य है कि गंभीर अपराध की सूचना प्राप्त होने पर वह स्वयं घटनास्थल पर पहॅुचे एवं विवेचना अधिकारी को मार्गदर्शन दें। एफएसएल के वैज्ञानिक अधिकारी को अनिवार्यत: घटनास्थल की सूचना दें जिससे जिला सीन ऑफ क्राईम मोबाइल यूनिट के वैज्ञानिक अधिकारी के दिशा-निर्देश में वैज्ञानिक दृष्टिकोण से साक्ष्य संकलन का कार्य किया जा सके। पुलिस अधीक्षक का यह दायित्व होता है कि अपराध से संबंधित Samples को विधिसम्मत जबावदार अधिकारी के साथ Chain of Study को बरकरार रखते हुए एफएसएल जांच हेतु भिजवायें और जांच रिपोर्ट प्राप्त होते ही जांच रिपोर्ट को चालान के साथ में प्रस्तुत किया जाये । उन्होंने कहा कि जहॉ भी सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं उन सीसीटीवी की सतत निगरानी करवानी चाहिए ताकि यदि कोई गंभीर अपराध घटित हो रहा हो तो सीसीटीवी में देखकर उसको पहले से रोकने के प्रयास किये जा सके ।
सागर द्वारा 02 सत्र लिए गये । दोनों सत्रों में प्रतिभागियों ने उत्साहपूर्वक बढ-चढकर भाग लिया । सागर द्वारा प्रश्नोत्तरी के लिए 03 टीम बनाई गई जिसमें 01 टीम विजयी हुई।