14-Jun-2024

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ईरानी राष्ट्रपति के जनाजे में शामिल होने के लिए सड़कों पर उतरे हजारों लोग

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ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के अचानक निधन होने से पूरी दुनिया सदमे में है। वहीं ईरान में शोक की लहर है। हजारों लोग अपने राष्ट्रपति और उनके दल के सदस्यों के जनाजे के लिए मंगलवार को सड़कों पर दिखाई दिए।

दिवंगत राष्ट्रपति की फोटो लहराते दिखे लोग
नम आंखों के साथ ईरानी झंडे और दिवंगत राष्ट्रपति की फोटो लहराते हुए लोग उत्तर-पश्चिमी शहर तबरीज के केंद्रीय चौक से रवाना हुए।
सोमवार को मिले थे शव
बता दें, ईरान के राष्ट्रपति रईसी रविवार को पूर्वी अजरबैजान से लौट रहे थे। तभी अजरबैजान के सीमावर्ती शहर जोल्फा के करीब दुर्घटना घटी। सोमवार को सभी के मरने की पुष्टि हुई। आज भारत में राष्ट्रीय शोक मनाया जा रहा है।
ईरान में पांच दिन का राष्ट्रीय शोक 
ईरान के राष्ट्रपति रईसी, विदेश मंत्री हुसैन अमीर-अब्दोल्लाहियन, पूर्वी अजरबैजान के गवर्नर मालेक रहमती समेत नौ लोगों की हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मौत हो गई। ईरान में पांच दिन का राष्ट्रीय शोक मनाया जा रहा है। 
मोहम्मद मोखबर बने ईरान के कार्यवाहक राष्ट्रपति
हेलीकॉप्टर हादसे में इब्राहिम रईसी की मौत के बाद उपराष्ट्रपति मोहम्मद मोखबर को कार्यवाहक राष्ट्रपति नियुक्त किया गया है। ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने मोखबर को अंतरिम कार्यभार सौंपा। खामनेई ने बताया कि संविधान के अनुच्छेद 131 के अनुसार मोखबर को यह कार्यभार सौंपा गया है। मोहम्मद मोखबर को 50 दिनों के भीतर राष्ट्रपति चुनाव की तैयारी के लिए न्यायिक प्रमुखों के साथ काम करना होगा।
कौन हैं ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी?
ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी का जन्म 1960 में उत्तरी पूर्वी ईरान के मशहद शहर में हुआ था। रईसी के पिता एक मौलवी थे। जब वह सिर्फ पांच साल के थे, तभी उनके पिता का निधन हो गया था। रईसी का शुरुआत से ही धर्म और राजनीति की ओर झुकाव रहा और वो छात्र जीवन में ही मोहम्मद रेजा शाह के खिलाफ सड़कों पर उतर गए। रेजा शाह को पश्चिमी देशों को समर्थक माना जाता था।
15 साल की उम्र में ही शुरू की थी पढ़ाई
पूर्वी ईरान के मशहद शहर में शिया मुसलमानों के लिए सबसे पवित्र मानी जाने वाली मस्जिद भी है। वे कम उम्र में ही ऊंचे ओहदे पर पहुंच गए थे। अपने पिता के पदचिह्नों पर चलते हुए उन्होंने 15 साल की उम्र से ही कोम शहर में स्थित एक शिया संस्थान में पढ़ाई शुरू कर दी थी। अपने छात्र जीवन में उन्होंने पश्चिमी देशों से समर्थित मोहम्मद रेजा शाह के खिलाफ प्रदर्शनों में हिस्सा लिया था। बाद में अयातोल्ला रुहोल्ला खुमैनी ने इस्लामिक क्रांति के जारिए साल 1979 में शाह को सत्ता से बेदखल कर दिया था।
2021 में बने राष्ट्रपति
सिर्फ 20 साल की उम्र में ही उन्हें तेहरान के करीब स्थित कराज का महाअभियोजक नियुक्त कर दिया गया था। 
साल 1989 से 1994 के बीच रईसी, तेहरान के महाअभियोजक रहे और इसके बाद 2004 से अगले एक दशक तक न्यायिक प्राधिकरण के डिप्टी चीफ रहे।
साल 2014 में वो ईरान के महाभियोजक बन गए थे। ईरानी न्यायपालिका के प्रमुख रहे रईसी के राजनीतिक विचार 'अति कट्टरपंथी' माने जाते हैं।
उन्हें ईरान के कट्टरपंथी नेता और देश के सर्वोच्च धार्मिक नेता अयातोल्ला अली खुमैनी का करीबी माना जाता है। 
वे जून 2021 में उदारवादी हसन रूहानी की जगह इस्लामिक रिपब्लिक ईरान के राष्ट्रपति चुने गए थे।
चुनाव अभियान के दौरान रईसी ने खुद को एक ऐसे व्यक्ति के रूप में प्रचारित किया था कि वे रूहानी शासन के दौरान पैदा हुए भ्रष्टाचार और आर्थिक संकट से निपटने के लिए सबसे अच्छे विकल्प हैं।
इब्राहीम रईसी, शिया परंपरा के मुताबिक हमेशा काली पगड़ी पहनते थे, जो यह बताती है कि वो पैगंबर मुहम्मद के वंशज हैं।
उन्हें ‘हुज्जातुलइस्लाम’ यानी ‘इस्लाम का सबूत’ की धार्मिक पदवी भी दी गई है।
 
साभार- अ उ
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