दुनिया में जितने भी देश हैं उनके अलग-अलग प्रोटोकॉल हैं। अगर भारत की बात
करे तो यहां प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति को प्रोटोकॉल के तहत कई प्रकार की
सुरक्षा दी जाती है। इनमें सुरक्षा एजेंसियां, अर्ध सैनिक बल, सीआईएसएफ,
एनएसजी कमांडो, पुलिस सुरक्षा देते हैं। इसके साथ ही राष्ट्रपति और
प्रधानमंत्री को बुलेट प्रुफ गाड़ी भी दी जाती है। वे जब भी देश-विदेश के
दौरे पर निकलते हैं तो उनके साथ पूरा दस्ता जाता है। मतलब सुरक्षा का पूरा
तामझाम उनके साथ हमेशा रहता है। इसके अलावा नेताओं और मंत्रियों को लेकर भी
सुरक्षाकर्मियों पर काफी बोझ रहता है। लेकिन आज हम आपको एक ऐसे देश के
बारे में बताने जा रहे है, जहां का राष्ट्रपति अकेले सड़क पर घूमता है।
उसके साथ कोई सुरक्षा का तामझाम नहीं होता। हैरानी की बात है कि इस देश की
कुल आबादी 33 है।
इस अजीबो-गरीब देश का नाम मोलोसिया है। यह देश अमेरिका के नेवादा में स्थित
है। सबसे रोचक बात ये भी है कि यह देश स्वघोषित है। मोलोसिया की कहानी है
कि साल 1977 में यहां के रहने वाले केविन बॉघ और उनके एक दोस्त के दिमाग
में अमेरिका से अलग एक नया देश बनाने का विचार आया। जिसके बाद बॉघ और
दोस्तों ने मिलकर मोलोसिया नामक देश की नींव रखी। तब से केविन बॉघ इस देश
के राष्ट्रपति हैं। उन्होंने खुद को इस देश का तानाशाह घोषित कर दिया। उनकी
बीवी देश की पहली महिला का दर्जा रखती है। इस देश में रहने वाले ज्यादातर
नागरिक केविन के रिश्तेदार हैं, हालांकि इस देश को अभी तक दुनिया की किसी
भी सरकार से मान्यता नहीं मिली है।
इस देश में अन्य देशों की तरह स्टोर, लाइब्रेरी, श्मशान घाट के अलावा कई
सुविधाएं मौजूद हैं। मोलोसिया का अन्य देशों की तरह अपना कानून, ट्रेडिशन
और करंसी भी है। इसके अलावा पर्यटन के लिहाज से भी मोलोसिया काफी प्रचलित
है। यहां काफी लोग इस देश के बारे में जानने और घूमने के लिए आते हैं। यहां
आने के लिए टूरिस्टों को अपने पासपोर्ट पर स्टैम्प लगवाना पड़ता है।
केविन ने अपने जिस दोस्त के साथ इस देश की स्थापना की थी, उसने थोड़े समय के
बाद इस आइडिया को त्याग दिया, लेकिन केविन ने अपने इस शौक को आगे जारी
रखा। वह अपने देश विकास के लिए काम करते रहते हैं। इस देश की नींव रखे 40
साल हो गए, लेकिन टूरिस्टों का आना अभी भी जारी है। इस देश में घूमने के
लिए टूरिस्टों को केवल 2 घंटे का समय निकालना पड़ता है। इस ट्रिप में केविन
खुद टूरिस्टों को देश की बिल्डिंग्स और सड़कों को दिखाते हैं।
साभार- जनसत्ता