25-Apr-2024

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आकाशवाणी को बंद करने का निर्णय गांव-गरीब और किसान को सूचना से वंचित करने का प्रयास- शोभा ओझा

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भोपाल, 05 जनवरी, 2019, केंद्र में काबिज भाजपा की मोदी सरकार द्वारा आकाशवाणी को अचानक बंद करने का निर्णय गांव-गरीब और किसान को जरूरी सूचनाओं तथा ज्ञान से वंचित करने का प्रयास है! केंद्र सरकार के इस निर्णय से देश के हर वर्ग को मिलने वाली सस्ती, सरल और सहज सूचनाओं से वंचित कर सूचना के अधिकार को प्राइवेट ब्राॅडकास्टिंग करने वाली पूंजीपतियों के हाथ बेचने का काम किया गया है।
यह आरोप मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी की मीडिया विभाग की अध्यक्ष श्रीमती शोभा ओझा ने केंद्र की मोदी सरकार पर लगाया है। अपने आरोप में उन्होंने कहा है कि कांग्रेस की तत्कालीन सरकारों ने जन सूचना के तंत्र को गांव-गरीब और आम जनता तक पहुंचाने के लिए पहले आकाशवाणी और फिर दूरदर्शन का व्यापक विस्तार कर उन्हें सूचना के द्वारा जागरूक बनाने का प्रयास किया है। स्वर्गीय राजीव गांधी जी ने सूचना क्रांति के द्वारा ज्ञान से समृद्ध भारत का निर्माण करने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
श्रीमती शोभा ओझा ने आगे कहा है कि संचार ने सस्ती सुलभ और सरल माध्यम से जहां देश के युवाओं को शिक्षा, किसानों को खेती, महिलाओं-बच्चों और आम जनता को स्वास्थ्य के साथ बेहतर जीवन जीने की कला और मनोरंजन के द्वारा समृद्ध बनाने का काम किया है वही आकाशवाणी ने पूरे देश को एक सूत्र में जोड़ने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग की अध्यक्ष श्रीमती शोभा ओझा ने भाजपा की केंद्र शासित मोदी सरकार द्वारा आकाशवाणी को बंद करने के निर्णय को बेहद आश्चर्यजनक और दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा है कि प्रधानमंत्री की बेहद उबाऊ मन की बातों को जनता द्वारा नकारे जाने के चलते, उनसे सूचना का सस्ता सहज सरल और सुलभ माध्यम छीन कर इसे पूंजीपतियों को बेचने का षड्यंत्र किया गया है। उन्होंने सरकार से अपने इस निर्णय को वापस लेकर आकाशवाणी को यथावत चालू रखने की मांग की है।

गुटबाजी के चलते नेता प्रतिपक्ष का चयन नहीं कर पा रही है भाजपा: शोभा ओझा

प्रदेश कांगे्रस मीडिया विभाग की अध्यक्ष श्रीमती शोभा ओझा ने कहा है कि सोमवार, 7 जनवरी से मध्यप्रदेश में नई सरकार का पहला विधानसभा सत्र प्रारंभ होने जा रहा है और गुटबाजी में उलझी भाजपा अभी तक नेता प्रतिपक्ष का चयन तक नहीं कर पा रही है। प्रदेश से लेकर केंद्रीय नेतृत्व के भाजपा नेता अपनी पराजय से इतने बौखलाऐ हुए हैं कि वे सत्तापक्ष के सामने एक मजबूत नेता प्रतिपक्ष का चयन नहीं कर पा रहे है।
श्रीमती ओझा ने कहा कि प्रदेश में 15 वर्षों तक शासन करने वाली भाजपा विधानसभा में विपक्ष की भूमिका में कार्य करने के लिए अपनी सक्षमता को साबित नहीं कर पा रही है। शुचिता की दुहाई देने वाली भाजपा का असली चेहरा अंर्तकलह के रूप में जनता के सामने आ गया है। भाजपा नेता प्रतिपक्ष के लिए रोज एक नये नेता का नाम सामने आता है और शाम तक खारिज हो जाता है।
श्रीमती ओझा ने कहा कि जनविरोधी नीतियों, कारगुजारियों और भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरी पूर्ववर्ती भाजपा सरकार विपक्ष के लिए एक साफ-स्वच्छ छवि के नेता का चयन नहीं कर पा रही है जो वर्तमान सरकार के सामने खडे़ होकर जनता की बात रख सके।

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