Publish Date:26-Jun-2019 17:07:43
भोपाल : 26 जून 2019, कमिश्नर श्रीमती कल्पना श्रीवास्तव ने कहा है कि समझाइश के बाद भी यदि कोचिंग और हॉस्टल संचालक बच्चों को मानक सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराते हैं तो ऐसे संस्थानों को बंद करने पर विचार किया जाए । कमिश्नर ने आज संभाग आयुक्त सभागार में नगर में संचालित इन संस्थानों में उपलब्ध सुविधाओं की समीक्षा की। उल्लेखनीय है कि गत माह इन संस्थानों की जांच के लिए 4 दल बनाए गए थे। बैठक में कलेक्टर तरूण पिथौड़े, जांच दल और संस्थाओं के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
कमिश्नर श्रीमती श्रीवास्तव ने जांच दल द्वारा किए गए परीक्षण रिपोर्ट का गंभीरता से अध्ययन करते हुए अधिकारियों से कहा कि वे बेसमेंट में संचालित हो रहे संस्थानों का संचालन तत्काल बंद कराएं। उन्होंने इन संस्थानों में कार्यरत अमले का भी तुरंत पुलिस सत्यापन कराने के लिए भी कहा है। उन्होंने कहा है अब तक जिन व्यवस्थाओं में सुधार किया गया है, उनका और जो कार्य कराए जाना है, उनका संस्थानों से शपथ पत्र प्राप्त किया जाए। जांच दल के अधिकारियों ने बताया कि संस्थानों में अनेक अपूर्ण निर्माण कार्य हैं, जिन्हें पूर्ण कराने की कार्यवाही जारी है।
कलेक्टर पिथौड़े ने कहा कि वे लगातार इस काम पर नजर रखे हुए हैं और मापदंड अनुरूप संचालित नहीं होने वाले संस्थानों को बंद कराया जाएगा। उन्होंने समस्त एसडीएम से कहा कि कमिश्नर के निर्देश अनुसार जल्दी ही संस्थानों में व्यवस्थाएं दुरूस्त कराएं और अमले का पुलिस वेरीफिकेशन भी कराएं। शहर में संचालित कोचिंग सेंटर्स की व्यवस्थाओं का जायजा लेने के लिए गठित चार दलों के अधिकारियों द्वारा कोचिंग संस्थानों में किए गए निरीक्षण में पाई गई कमियों के बारे में विस्तार से जानकारी बैठक में दी गई।
गठित चार दलों के पदाधिकारियों द्वारा कमिश्नर को जानकारी दी गई कि शहर में संचालित कोचिंग सेंटर्स में कई अनियमितताएं पाई गई हैं। कोचिंग सेंटर्स के निरीक्षण के दौरान बिजली के लटके हुए तार, फायर सिस्टम की सुविधा नहीं होना, सकरी सीढ़ियां, पार्किंग व्यवस्था में कमी, गंदगी सहित कईं अन्य अनियमितताएं पाई गई हैं। बैठक में कमिश्नर ने नगर निगम, एसडीएम सहित अन्य संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि कोचिंग सेंटर्स संचालकों से समन्वय कर व्यवस्थाएं दुरूस्त कराएं। बैठक में बताया गया कि आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए फायर ब्रिगेड कर्मियों द्वारा कईं कोचिंग संस्थानों के संचालकों को प्रशिक्षण भी दिया गया है।
कमिश्नर ने कहा कि कोचिंग सेंटर्स में की गई व्यवस्थाएं, किए गए कार्य सत्यापित भी होने चाहिए और कोचिंग संस्थानों से एफिडेविट भी लिया जाना चाहिए। उन्होंने सभी कोचिंग संस्थानों से अपेक्षा की है कि वे बच्चों की सुरक्षा और स्वास्थ्य के प्रति ध्यान रखते हुए व्यवस्थाएं करें और प्रशासन को कार्यवाही के लिए बाध्य नहीं करें।