Publish Date:28-Jan-2020 23:34:57
प्रदेश कांगे्रस अनुशासन समिति की बैठक में 16 प्रकरणों पर हुई चर्चा
भोपाल, 28 जनवरी, 2020, प्रदेश कांगे्रस मुख्यालय के सभाकक्ष में आज प्रदेश कांगे्रस अनुशासन समिति की बैठक आहूत हुई, जिसमें बीते दिनों 26 जनवरी, 2020 को इंदौर के कांगे्रस कार्यालय गांधी भवन मंे पार्टी विरोधी अनुशासनहीन कृत्य करने के कारण कांगे्रस पार्टी के पदाधिकारी चंदू कंुजीर एवं देवेन्द्र सिंह यादव से स्पष्टीकरण दिये जाने हेतु नोटिस जारी किया गया है। उक्त दोनों पदाधिकारियों को समिति द्वारा निर्देर्शित किया गया है कि सात दिवस में कार्यालय को संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर पार्टी से निष्कासित किये जाने की कार्यवाही किये जाने की अनुशंसा समिति द्वारा की गई है।
वहीं, एक दूसरे प्रकरण में आजाद सिंह डवास द्वारा राज्य शासन द्वारा लिए गये निर्णयों के संबंध में विपरीत टिप्पणी व्यक्त करने के कारण समिति ने इसे गंभीरतापूर्वक विचार कर श्री डवास को उक्त संबंध में कारण बताओ नोटिस जारी किये जाने का निर्णय लिया है कि क्यों न उन्हें पार्टी से निष्कासित किया जाये। वहीं श्री डवास को तत्काल प्रभाव से पिछड़ा वर्ग विभाग की सलाहकार समिति के पद से कार्यमुक्त कर दिया गया है। प्रदेश कांगे्रस अनुशासन समिति की बैठक में अन्य 16 प्रकरणों पर भी विचार किया गया।
प्रदेश कांगे्रस अनुशासन समिति की बैठक में समिति के को-चेयरमेन एवं प्रदेश कांगे्रस के उपाध्यक्ष संगठन प्रभारी चंद्रप्रभाष शेखर, प्रदेश कांगे्रस के पदाधिकारीगण एवं समिति के सदस्य प्रकाश जैन, राजीव सिंह, सैयद साजिद अली, सत्यनारायण पंवार, मंजू राय एवं विभा पटेल उपस्थित थीं।
भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी ने ही खोल दी, भाजपा और संघ के सांप्रदायिक एजेंडे की पोल: शोभा ओझा
मध्यप्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग की अध्यक्षा श्रीमती शोभा ओझा ने आज जारी अपने वक्तव्य में बताया कि प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चैहान सहित भाजपा के अन्य नेताओं द्वारा अपनी केन्द्र सरकार की विफलताओं को छिपाने के उद्देश्य से, छोटे-छोटे छद्म मुद्दों के सांप्रदायीकरण का प्रयास, देश के प्रति गैर जिम्मेदाराना और निंदनीय है, शिवराज सिंह ने आज अपने ट्वीट के माध्यम से धार्मिक भावनाएं भड़काने का जो कुत्सित प्रयास किया है, वह प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के उस एजेंडे को ही आगे बढ़ाने का प्रयास कहा जाएग, जिसकी पोल आज भाजपा के ही विधायक नारायण त्रिपाठी ने खोल दी है।
जारी अपने वक्तव्य में श्रीमती ओझा ने आगे कहा कि आष्टा के मंदिर से लाउडस्पीकर हटाने के विषय में, शिवराज सिंह का ट्वीट धार्मिक भावनाएं भड़काने का प्रयास है, जो भाजपा के शीर्ष नेतृत्व और संघ को खुश करने के उद्देश्य से किया गया है। जबकि हकीकत यह है कि प्रशासन द्वारा माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा पारित निर्णयों के अनुसार रात्रि 10ः00 बजे से सुबह 6ः00 बजे तक ध्वनि प्रसारण यंत्रों के उपयोग पर पाबंदी लगाई गई है, जिसका किसी धार्मिक स्थल विशेष से कोई संबंध नहीं है, जैसा जिक्र शिवराज सिंह ने अपने ट्वीट में किया है।
श्रीमती ओझा ने अपने वक्तव्य में आगे कहा कि शिवराज सिंह द्वारा उठाया गया उपरोक्त मुद्दा हो या केन्द्र में मोदी व अमित शाह द्वारा उछाला गया सीएए और एनआरसी का मुद्दा हो, इन सभी छद्म मुद्दों की पोल देश की उस जागरूक जनता के सामने खुल चुकी है, जो अब यह समझने लगी है कि इन मुद्दों की आड़ में, गिरती जीडीपी, अवरूद्ध विकास, गरीबी, और बेरोजगारी जैसे ज्वलंत मुद्दों को दबाने का निंदनीय प्रयास किया जा रहा है।
अपने बयान के अंत में श्रीमती ओझा ने कहा कि केवल आम जनता ही नहीं बल्कि भाजपा के जागरूक लोग भी अब भाजपा सरकार की विभाजनकारी नीतियों के विरोधी हो गये हैं और अब धीरे-धीरे, वे अपने तानाशाही नेतृत्व के विरोध में मुखर होने को व्याकुल हैं, इसी का आगाज करते हुए भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी ने देश की एकता, अखंडता और संविधान की रक्षा के पक्ष में विभाजनकारी ताकतों के विरूद्ध विद्रोह का बिगुल बजा दिया है।