19-Apr-2024

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बैंकिंग उद्योग में राष्ट्रव्यापी बैंक हड़तालों की श्रृँखला का शंखनाद, बैंक कर्मियों का प्रभावी प्रदर्शन

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यूनाईटेड फोरम आॅफ बैंक यूनियन्स, जिसमें कि नौ बैंक कर्मचारी-अधिकारी संगठन शामिल हैं एवं यह करीब शत-प्रतिशत बैंक कर्मियों का प्रतिनिधित्व करते हैं, के आह्वाान पर देशभर के दस लाख बैंक कर्मचारी एवं अधिकारी ”26 माह से लम्बित वेतन पुनरीक्षण समझौता एवं सम्बन्धित मुद्दों के शीघ्र निरकरण की माँग को लेकर 31 जनवरी एवं 01 फरवरी 2020“ को दो दिवसीय तथा 11, 12 एवं 13 मार्च 2020 को तीन दिवसीय एवं 01 अप्रैल 2020 से अनिश्चितकालीन राष्ट्रव्यापी बैंक हड़ताल में भाग लेंगे।
हड़ताल के पूर्व के कार्यक्रमों के तारतम्य में फोरम की स्थानीय इकाई के तत्वावधान में आज शाम 6ः00 बजे राजधानी की विभिन्न बैंकों के सैकड़ों बैंक कर्मचारी अधिकारी ओरियेन्टल बैंक आॅफ काॅमर्स रीजनल आॅफिस प्रेस-काम्पलेक्स, भोपाल के सामने एकत्रित हुए। उन्होंने अपनी माँगों के समर्थन में जोरदारी नारेबाजी कर प्रभावी प्रदर्शन किया। तत्पश्चात सभा हुई, जिसे फोरम के पदाधिकारियों साथी वी.के. शर्मा, संजीव सबलोक, दीपक रत्न शर्मा, अरूण भगोलीवाल, आशीष तिवारी, एम.एस. जयशंकर, संजय कुदेशिया, मो. नज़ीर कुरैशी, बी.एस. नेगी, सुनील सिंह, जे.पी झवर, एम.जी. शिन्दे, रणजीत सिंह, रजत मोहन वर्मा, गुणशेखरन, प्रदीप भिलाला, राजेश लाला, प्रभात खरे, बाबूलाल राठौर, देवेन्द्र खरे, जे.डी. मलिक, सत्येन्द्र चैरसिया, अशोक पंचोली, मंगेश दवांदे, के.के. त्रिपाठी, बी.एस. रावत, बी.सी. पौणिकर, अभय वर्मा, श्रीकांत परांजपे, सी.एस. शर्मा, राजू जोधानी आदि ने सम्बोधित किया। वक्ताओं ने बताया बैंक कर्मचारी एवं अधिकारियों का वेतन पुनरीक्षण हर पाॅंच वर्ष में होता है। वर्तमान में यह करीब 26 माह से लम्बित है। पिछले वेतन पुनरीक्षण समझौता की अवधि 31.10.2017 को समाप्त हो गई है, इसके पश्चात 01.11.2017 से नया वेतन समझौता लागू होना था। बैंक कर्मचारी-अधिकारी संगठनों ने अपना माँग पत्र बैंकों के उच्च प्रबंधन की संस्था भारतीय बैंक संघ को नियत समय पर प्रेषित कर दिया था। यूनियन एवं भारतीय बैंक संघ के बीच वार्ताओं के दौर 02 मई 2017 से प्रारंभ हो गये थे। बैंक प्रबन्धन ने आश्वासन दिया था कि अक्टूबर 2017 तक नया वेतन समझौता हस्ताक्षरित कर लिया जावेगा, लेकिन बड़े ही दुर्भाग्य की बात है कि दोनों पक्षों के बीच करीब 21 वार्ताओं के बाद भी वेतन समझौता हस्ताक्षरित नहीं हो सका।
यूनियन द्वारा 20 प्रतिशत वेतन वृद्धि की माँग के बदले बैंक प्रबन्धन द्वारा मात्र 12.25 प्रतिशत वेतन वृद्धि का प्रस्ताव रखा, जिसे यूनियनों द्वारा ठुकरा दिया गया। वेतन वृद्धि के साथ-साथ माँग-पत्र के अन्य सम्बन्धित मुद्दें के ऊपर भी कोई निर्णय नहीं हो सका। इन मुद्दों में पाँच दिवसीय बैंकिंग, नई पेन्शन योजना को समाप्त कर पुरानी पेन्शन योजना को लागू करना, विशेष भत्तों का मूल वेतन में विलय, पेन्शन अपडेशन, फेमिली पेन्शन में सुधार, अधिकारियों के कार्य का समय निश्चित करना, काॅन्ट्रेक्ट कर्मचारियों/व्यापार प्रतिनिधियों को समान काम के लिए समान वेतन देने की नीति लागू करना, बैंकों की शाखाओं में व्यवसाय के समय की एकरूपता, कर्मचारी कल्याण निधि की राशि में बढ़ोत्तरी, अवकाश बैंक की शुरूआत, सेवा निवृत्ति लाभों पर आयकर से छूट आदि शामिल हैं।
वक्ताओं ने बताया कि भारतीय बैंक संघ (आई.बी.ए.) ने हमारी सम्मानजनक वेतन समझौते की माँग पर अड़ियल एवं हठधर्मितापूर्ण रवैया अपनाया हुआ है। हमारी ये राष्ट्रव्यापी बैंक हड़तालें इसी कारण से की जा रही है। उन्होंने बैंक कर्मियों को आह्वान किया कि हर स्तर पर अपनी एकता एवं एकजुटता का इजहार कर प्रदर्शनों, सभाओं, रैलियों एवं हड़तालों में शामिल होकर इन्हें सफल बनावें।
प्रदर्शन एवं सभा में विभिन्न बैंकों की ट्रेड यूनियनों के पदाधिकारीगण साथी दीपक रत्न शर्मा, मदन जैन, डी.के. पोद्दार, वी.के. शर्मा, संजीव सबलोक, अरूण भगोलीवाल, प्रदीप बिलाला, संजय कुदेशिया, नजीर कुरैशी, जे.पी. झंवर, एम.जी. शिन्दे, संतोष जैन, बी.एस. नेगी, रजत मोहन वर्मा, आशीष तिवारी, सुनील सिंह, राजेश लाला, गुणशेखरन, जे.पी. दुबे, प्रभात खरे, बाबूलाल राठौर, बी.सी. पौणिकरण, एम.एस. जयशंकर, बी.एस. रावत, सत्येन्द्र चैरसिया, अशोक पंचोली, सी.एस. शर्मा, जी.बी. अणेकर, विजय जगन, सुनील देसाई, जे.पी. जैन, दीपक जैन, आर.के. निगम, योगेश मनूजा किसन खैराजानी, कैलाश माखीजानी, महेश जिज्ञासी, सौरभ पाराशर, विजयपाल, जे.डी. मलिक, अमोल, वैभव गुप्ता, सनी श्रीवास्तव, नरेश सधानी, राजेन्द्र भाई, खालिद भाई, नारायण पंवार, विश्वामित्र दुबे, रामाश्रय, सुदीप विश्नोई रीतेश शर्मा, संजय वर्मा, संजय धान, शैलेन्द्र नरवरे, मंगेश दवांदे, विशाल धमेजा, देवेन्द्र खरे, वी.पी. गौर, आनन्द खोखले, अमिताभ चटर्जी, वी.के. कोठारी, दर्शन भाई, सतीश चैबे, गौरव दुबे, एन.जे.एस. तलवार, अबध वर्मा, प्रदीप कटारिया, पंकज सक्सेना, बसंत जोशी, आनन्द, शोभित वाडेल, अमित शर्मा, गोवर्धन मिश्रा, अरविन्द बिलगैया, हेमन्त मुक्तिबोध, सितान्शु शेखर, अविनाश धमेजा, मिलिन्द डेकाटे, इकबाल बहादुर, एस.पी. मालवी, रवि ठाकुर, करीम खान, आनन्द अग्रवाल, मनीष बौरा, मनोज कौशल, मनोज श्रोते, विजय चोईथानी, राकेश भारद्वाज, वी.के. त्रिपाठी, दीपक शुक्ला, लखन तिलवानी, रवि विश्वकर्मा, प्रभात सक्सेना, मयंक गुप्ता, ओ.पी. टहलयानी, रणजीत सिंह, संदीप चैबे, अनिल मरोती, अनुज भार्गव, बारेलाल यादव, जितेन्द्र शर्मा, भूपेन्द्र शर्मा, मदनलाल विश्वकर्मा, कुणाल गावड़े, चेतना साहू, नेहा यादव, अभिलाषा राठौर, ऋचा सक्सेना, श्रीमती शुभप्रभा गुप्ता, सुनीता वर्मा, तृप्ति जोशी, मोनिका पारते आदि उपस्थित थे।

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