26-Apr-2024

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रेरा ने बिल्डर द्वारा प्लॉट पर विकास कार्य न किये जाने पर ब्याज सहित मूल राशि तथा रजिस्ट्री खर्च लौटानें का निर्णय

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रेरा के निर्णय से आवेदक को मिली राहत
आवदेक को प्लॉट की मूल राशि  के मिलेंगे 4.50 लाख तथा रजिस्ट्री खर्च के 56 हजार 500 रूपये


भोपाल:- 01  अक्टूबर, 2019, म.प्र. भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण (रेरा) ने बिल्डर द्वारा भौंरी, भोपाल परियोजना में प्लॉट का  किसी भी तरह का विकास कार्य नही किये जाने पर आवेदक को मूल राशि ब्याज सहित 8 प्रतिशत वार्षिक दर से 4 लाख 50 हजार रूपये तथा रजिस्ट्री खर्च की राशि 56 हजार 500 सौ रूपये देने का निर्णय दिया हैं। साथ ही आवेदक द्वारा यह राशि प्राप्त होने पर बिल्डर से प्लॉट का विक्रय पत्र निरस्त कराकर प्लॉट का भैतिक अधिपत्य प्रदान करने को कहा हैं। बिल्डर द्वारा आवेदक के खाते में एक लाख 10 हजार रूपये राशि  की प्रथम किस्त के रूप में  जमा की जा चुकी हैं।

शिकायतकर्ता श्री शिवकुमार सिंह तोमर ने अनावेदक मेसर्स काकड़ा द्वारका बिल्डर्स एण्ड डेवलपर्स की भौरी, भोपाल स्थित "द्वारका जी सुखद" परियोजना में एक प्लॉट बुक किया था। इसकी रजिस्ट्री 2013 में हुई थी। रेरा में आवेदक श्री तोमर ने वर्ष 2017 में शिकायत दर्ज करायी थी, कि बिल्डर द्वारा रजिस्ट्री के चार वर्ष बीत जाने के बाद भी परियोजना में किसी तरह का विकास कार्य नही किया गया और वें आज भी अव्यवस्थित हैं। आवेदक ने अनावेदक से सम्पूर्ण राशि और रजिस्ट्री खर्च वापस दिलाया जायें।

अनावेदक के इंजीनियर ने 26 सितम्बर 2019 को हुई सुनवाई में बताया कि इस प्रकरण में प्राधिकरण के आदेशानुसार शेष राशि आवेदक को अब वे आगामी पेशी 25 अक्टूबर 2019 को एक लाख 10 हजार रूपये, 25 नवम्बर 2019 को एक लाख 10 हजार रूपये तथा 25 दिसम्‍बर 2019 को 98 हजार 334 रूपये जमा करेंगे। कुल 4.50 लाख रूपये बिल्डर को किश्तों में देना प्रस्तावित किया, जिसे अनावदेक ने देना स्वीकार किया।  प्राधिकरण ने अनावेदक को निर्देशित किया कि वे आगामी पेशी तारीक पर आवेदक के खाते में राशि जमा कर प्राधिकरण को सूचित करेंगे। यदि किसी भी किश्त का भुगतान आवेदक को नहीं होता है तो निष्पादन के बाद में भी पुन: विचार किया जायेंगा। साथ ही आवदेक को अगर इस निष्पादन के बाद में एक भी चेक का भुगतान नहीं होता है तो पुन: प्राधिकरण में आ सकता हैं।      

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