25-Apr-2024

 राजकाज न्यूज़ अब आपके मोबाइल फोन पर भी.    डाउनलोड करने के लिए यहाँ क्लीक करें

मध्‍यप्रदेश विधानसभा में बिजली कटाैती को लेकर जमकर हंगामा

Previous
Next

राजकाज न्‍यूज, भोपाल

राज्‍य विधानसभा में गुरूवार को प्रश्‍नकाल में बिजली कटौती को लेकर राज्‍य सरकार को विपक्ष ने घेरते हुए जमकर हंगामा किया। राज्‍य सरकार की ओर से उर्जा मंत्री प्रियवत सिंह ने इस असामाजिक तत्‍वों की करतूत बताया। ऊर्जा मंत्री प्रियव्रत सिंह ने कहा कि सरकार जनता को दिये गये वचन निभाने के लिए संकल्पित है। उन्‍होंने बताया कि     मार्च- अप्रैल 2019 में कुल 225 अधिकारियों- कर्मचारियों को विभिन्न कारणों से निलंबित किया गया हैं। मंत्री के जवाब से असंतुष्‍ट बी जे पी के सदस्‍यों ने इस मामले को लेकर जमकर हंगामा किया। सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जमकर आरोप प्रत्यारोप के बीच तीखी नोंकझोंक हुई। प्रश्नकर्ता सदस्य भूपेन्द्र सिंह द्वारा कांग्रेस को उसके वचनपत्र की याद दिलाते हुए कहा कि किसानों को चुनावी वादे के मुताबिक थ्री फेज उपलब्ध करवाने की तैयारी आधी- अधूरी है। सिंह ने सदन में जानकारी उपलब्ध कराने की बात भी कही।

जवाब में उर्जा मंत्री प्रियव्रत सिंह ने जानकारी दी कि वचनपत्र में हमारी सरकार ने किसानों को 12 घंटे बिजली देने का वादा किया है, इसकी हमें पूरी तरह याद है। इसका हम परीक्षण करा रहे हैं। इस संबंध में सरकार जल्दी ही निर्णय लेंगी। जवाब से असंतुष्ठ श्री सिंह ने कहा कि इसकी समयसीमा सदन को बता दें। उत्तर में मंत्री सिंह ने जानकारी दी कि तीनों विदयूत वितरण कंपनी परीक्षण कर रही है। बतौर परीक्षण बालाघाट जिले में 10 घंटे बिजली दी जा रही है। वहीं हरदा-होशंगाबाद जिले में भी 10 घंटे बिजली देने के प्रयास कर रहे हैं। सरकार के उत्तर से असंतुष्ठ विधायक सिंह ने कहा कि वचन पत्र में आपने किसानों को 12 घंटे थ्री फेज बिजली देने की बात कही है और आप अपने बजट भाषण में 10 घंटे बिजली देने की बात कह रहे हैं आखिर सच्चाई क्या है इससे सदन को अवगत कराया जाना चाहिए।

प्रश्नकाल के दौरान भारतीय जनता पार्टी विधायक यशपाल सिंह सिसोदिया ने लोकसभा चुनाव के दौरान बिजली कटौती, लापरवाहियों के आरोप में कई बिजली कर्मचारियों के निलंबन और कई कर्मचारियों पर प्राथमिकी दर्ज किए जाने के बारे में सरकार से जानकारी मांगी। विधायक ने कहा कि सरकार बिजली कटौती को लेकर असामाजिक तत्वों को जिम्मेदार ठहरा रही है। उन्होंने दावा किया कि पूर्व सरकार के दौरान बिजली नहीं जाती थी, क्या मात्र सात महीने में असामाजिक तत्व उत्पन्न हो गए।

नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने कहा कि सरकार ने ट्रिपिंग के लिए चमगादड़ों को जिम्मेदार बताया।  भार्गव के इसी बयान के बीच मंत्री भनोत ने कथित तौर पर एक असंसदीय टिप्पणी कर दी। इस टिप्पणी पर पूर्व मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ विधायक भूपेंद्र सिंंह ने आपत्ति उठाई। भाजपा के अन्य सदस्यों ने भी मंत्री द्वारा क्षमायाचना की मांग की। भारी शोर-शराबे के बीच अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने कथित टिप्पणी को सदन की कार्यवाही से विलोपित कर दिया। भाजपा विधायक के सवाल के जवाब में ऊर्जा मंत्री प्रियव्रत सिंह ने बताया कि पिछले 3-4 साल से बिजली मरम्मत के नाम पर खानापूर्ति हो रही थी और खरीदे गए उपकरणों की गुणवत्ता ठीक नहीं होने के कारण व्यवस्थाएं बिगड़ी हैं। उन्होंने बताया कि पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने छेड़छाड़ संबंधित 18 प्रकरणों में से पांच में प्राथमिकी दर्ज करवाई है।

एक पूरक सवाल के जवाब में उर्जा मंत्री ने कहा कि बिजली कंपनियां चार तरीकों से अकुशल, अर्धकुशल, कुुशल और उच्च कुशल श्रेणी में कर्मचारियों को आउटसोर्स करती है। अब से आईटीआई प्रशिक्षित लोगों को ही लाइनवर्क में लगाया जाएगा। उन्होंने कहा कि ट्रिपिंग अब ज्यादा नहीं है और चमगादड़ों की समस्या पूरे मध्यप्रदेश की न होकर सिर्फ उत्तर भोपाल में तालाब किनारे की है। वहां इंसुलेशन के आदेश दे दिए गए हैं। इसी मुद्दे को लेकर वर्ष 2019-2020 के आय-व्ययक पर सामान्य चर्चा के दौरान पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि सरकार बिजली कटौती के मुद्दे पर भाजपा कार्यकर्ताओं को दोषी ठहराते हुए अपनी जिम्मेदारियों से भाग रही है। उन्होंने इस दौरान बिजली कटौती पर सरकार के जवाब को लेकर जमकर कटाक्ष किए।

भाजपा सदस्यों की आपत्ति पर अध्यक्ष ने कहा कि वरिष्ठ सदस्यों को हस्तक्षेप करने से बचना चाहिए। इस बीच ऊर्जा मंत्री ने कहा कि पूर्व सरकार की नीतियों के कारण बिजली विभाग की खस्ताहाल विरासत में मिली है। पंद्रहवें वित्त आयोग ने भी कहा है कि पारेषण एवं वितरण हानियां 36 प्रतिशत हैं, जो काफी ज्यादा हैं। इन सबको सुधारने का कार्य सरकार कर रही है। इस बात को लेकर फिर दोनों पक्षों में तीखी नोंकझोंक हुयी।

मंत्री ने कहा कि सरकार वचनपत्र को पूर्णत: लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है, थोडा सब्र करिए हम इसे लागू करेंगे। इस बीच वित्तमंत्री तरुण भनोत ने प्रश्नकर्ता सदस्य की ओर सं कहा कि इतने अधीर क्यों हो रहे हो रहे हैं, पूरा वचन पत्र लागू करेंगे। अभी तो चार साल बाकी है। इतने सुनते ही विपक्ष के सदस्य उत्तेजित हो गए और शोरशराबा करने लगे। विपक्षी सदस्यों का कहना था कि जब मंत्री जी जवाब दे रहे हैं तो बीच में बगैर अनुमति के अन्य मंत्री के बोलने की क्या जरुरत है। उन्होंने कहा कि यह अच्छी परंपरा नहीं है।

Previous
Next

© 2012 Rajkaaj News, All Rights Reserved || Developed by Workholics Info Corp

Total Visiter:26602386

Todays Visiter:4068