24-Apr-2024

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तेजी से बदल रहे एमपी के राजनीतिक घटनाक्रम, दिग्‍गी राजा कर्नाटक पहुंचे, पुलिस ने हिरासत में लिया

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राजकाज न्‍यूज, भोपाल, दिल्‍ली एवं कर्नाटक

मध्‍यप्रदेश का सियासी ड्रामा अब संग्राम में बदल गया हैं। बुधवार को मामला तब गर्मा गया‍ कि जहां एक ओर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी है, वहीं दूसरी ओर पूर्व मुख्‍यमंत्री दिग्विजय सिंह कुछ विधायकों को लेकर बैंगलूरू पहुंच गये हैं। वहां जब ये लोग 16 विधायकों से मिलने पहुंचे तो उन्‍हें पुलिस ने हिरासत में ले लिया हैं। इधर, विधानसभा अध्‍यक्ष के राज्‍यपाल को लिखे पत्र का जवाब आज राज्‍यपाल ने दिया है। कहा जा रहा है कि मुख्‍यमंत्री कमलनाथ कर्नाटक के मुख्‍यमंत्री से मिलने जा सकते है। लेकिन यदुरप्‍पा सरकार ने मिलने का समय नहीं दिया है। उधर, कांग्रेस के विधायक भी राजभवन पहुंच गये है, जहां पर वे पृथक-पृथक ज्ञापन राज्‍यपाल को सौंपने वाले हैं। दिग्विजय सिंह को हिरासत में लिये जाने को लेकर राज्‍यसभा में हंगाम हुआ है, और कार्रवाई 2 बजे तक के लिए स्‍थगित कर दी गयी है।

विधायकों से मिलने गए दिग्विजय सिंह की अनशन की घोषणा

कांग्रेस के बागी विधायकों से मिलने के लिए वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह बेंगलुरू पहुंच गए हैं। उन्होंने बेंगलुरू स्थित रमाडा होटल में रुके सभी विधायकों से मिलने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उन्हें बाहर ही रोक लिया। इस दौरान उनके साथ धक्‍कामुक्‍की भी की गई। इसके बाद दिग्विजय सिंह पार्टी के अन्य नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ धरने पर बैठ गए, और पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया। कर्नाटक कांग्रेस के अध्‍यक्ष शिवकुमार को भी गिरफ्तार किया गया है। बताया गया है कि दिग्विजय सिंह को डीसीपी ऑफिस ले जाया गया है। अब दिग्विजय सिंह को बेंगलुरु के अमरुताहल्ली पुलिस स्टेशन से बाहर ले जाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मुझे नहीं पता कि मुझे कहां ले जाया जा रहा है। मुझे मेरे विधायकों से मिलने देना चाहिए। मैं कानून का पालन करने वाला नागरिक हूं। सरकार भी बचाएंगे और अपने विधायकों को भी वापस लाएंगे।

कांग्रेस के डीके शिवकुमार ने कहा कि दिग्विजय सिंह हमारी पार्टी के विधायकों से मिलने आए हैं। विधायकों में से एक ने टेलीफोन के माध्यम से उनसे संपर्क किया था और उनसे उन्हें मुक्त करने का अनुरोध किया था। उनके पास उन्हें ब्लॉक करने का अधिकार नहीं है, वे उच्च अधिकारियों से अनुरोध करना चाहते हैं क्योंकि ये लोग सीएम के निर्देशों पर काम कर रहे हैं।

दिग्विजय सिंह ने ट्वीट किया, 'कर्नाटक पुलिस हमें स्थानीय DCP ऑफ़िस लाई है। हमारी मांग है कि बीजेपी की क़ैद में रह रहे हमारे विधायकों से हमें मिलने दिया जाए। जब तक हमारी मुलाक़ात अपने विधायकों से नहीं होगी, मैं अनशन की घोषणा करता हूं। हमारे देश में लोकतंत्र है।

digvijaya singh

@digvijaya_28

We have been taken to the local DCP office by Bengaluru police.

I demand that we must be allowed to meet our MLAs , who are in BJP’s captivity.

I announce my Hunger Strike, till we are allowed to meet our MLAs.

We live in Democracy, not Dictatorship.
1,199
9:06 AM - Mar 18, 2020


प्राइवेसी की रक्षा का ये ग़ज़ब उदाहरण

दिग्विजय ने अपने एक और ट्वीट में लिखा- बेंगलुरु पुलिस का कहना है कि हमारे जो विधायक यहां हैं, उनकी प्राइवेसी  के चलते हम उनसे नहीं मिल सकते हैं। निगरानी के लिए पुलिस 24 घंटे उनपर नज़र रखे है। प्राइवेसी की रक्षा का ये ग़ज़ब उदाहरण है! हर संवैधानिक अधिकार, हर संवैधानिक व्यवस्था की स्वार्थी व्याख्या BJP से सीखें।

भाजपा पर बरसे कमलनाथ

दिग्विजय सिंह को हिरासत में लिए जाने पर भड़के कमलनाथ ने ट्वीट कर भारतीय जनता पार्टी पर तानाशाही का आरोप लगाया है। कमलनाथ ने कहा कि बीजेपी के द्वारा लोकतांत्रिक मूल्यों की हत्या की जा रही है।

भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधते हुए कमलनाथ ने लिखा, ‘बेंगलुरु में भाजपा द्वारा बंधक बनाये गये कांग्रेस विधायकों से मिलने गये कांग्रेस के राज्यसभा उम्मीदवार दिग्विजय सिंह व कांग्रेस के मंत्रियों, विधायकों को मिलने से रोकना, उनसे अभद्र व्यवहार करना, उन्हें बलपूर्वक हिरासत में लेना पूरी तरह से तानाशाही व हिटलर शाही है.’

भाजपा पर बरसे कमलनाथ

मुख्यमंत्री ने लिखा कि भारतीय जनता पार्टी एक चुनी हुई सरकार को अस्थिर कर रही है और लोकतांत्रिक मूल्यों की हत्या कर रही है। कमलनाथ ने सवाल किया कि आखिर विधायकों से मिलने क्यों नहीं दिया जा रहा है? बीजेपी किस बात से डर रही है? बीजेपी प्रदेश में एक गंदा खेल खेल रही है।

    Office Of Kamal Nath
    ✔
    @OfficeOfKNath
     · 1h

    बैंगलोर में भाजपा द्वारा बंधक बनाये गये कांग्रेस विधायकों से मिलने गये कांग्रेस के राज्यसभा उम्मीदवार दिग्विजय सिंह व कांग्रेस के मंत्रियो , विधायकों को मिलने से रोकना , उनसे अभद्र व्यवहार करना , उन्हें बलपूर्वक हिरासत में लेना पूरी तरह से तानाशाही व हिटलर शाही है।
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    Office Of Kamal Nath
    ✔
    @OfficeOfKNath


    पूरा देश आज देख रहा है कि एक चुनी हुई सरकार को अस्थिर करने के लिये किस प्रकार से भाजपा द्वारा लोकतांत्रिक मूल्यों की हत्या की जा रही है।
    क्यों विधायकों से मिलने नहीं दिया जा रहा है , आख़िर किस बात का डर भाजपा को है ?
    भाजपा द्वारा एक गंदा खेल प्रदेश में खेला जा रहा है।

प्रदेश में फ्लोर टेस्ट कराने की मांग
बता दें कि मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्ययमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर प्रदेश में फ्लोर टेस्ट कराने की मांग की थी। इस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मध्ये प्रदेश की कमलनाथ सरकार, स्पीकर और कांग्रेस पार्टी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा। इस मामले पर बुधवार 18 मार्च को सुनवाई चल रही है।

कांग्रेस ने बदली रणनीति, बागियों की वापसी पर जोर

कमलनाथ सरकार पर छाए संकट के बीच बागी विधायकों में से कुछ विधायकों द्वारा भाजपा में शामिल होने के मुद्दे पर चुप्पी साधने से कांग्रेस खेमे में चमक दिखाई दी है। इसकी झलक विधायक दल की बैठक में भी दिखी। वहीं, कुछ विधायकों ने उन बागी विधायकों से संपर्क करने का सुझाव दिया है। कांग्रेस के बागी विधायकों की मंगलवार सुबह हुई पहली पत्रकार वार्ता में भांडेर की विधायक रक्षा सिरोनिया तथा कुछ अन्य विधायकों द्वारा भाजपा में जाने के सवालों को टाल दिया था। विधायक सिरोनिया ने तो साफ कह दिया कि उन्होंने भाजपा में जाने का नहीं सोचा है। बागियों के इन बयानों से कांग्रेस खेमे में रोशनी की किरण दिखाई दी है। इसके बाद कांग्रेस ने बर्खास्त किए गए सिंधिया समर्थक मंत्रियों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया।

यही नहीं, बेंगलुरु में जो विधायक हैं, उनमें से कुछ के परिजनों से अदालत में जाने के लिए बातचीत की गई। बागियों को लेकर मुख्यमंत्री कमलनाथ और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजयसिंह के बीच रात में करीब दो घंटे तक मंत्रणा हुई। इसी कड़ी में विधानसभा अध्यक्ष नर्मदाप्रसाद प्रजापति द्वारा भी बेंगलुरु में ठहरे विधायकों को वापस लाने के लिए राज्यपाल लालजी टंडन को पत्र लिखकर भाजपा पर दबाव बनाने का प्रयास किया गया है।

भाजपा में नहीं जाने वालों को भरोसे में लें

बताया जाता है कि बेंगलुरु में ठहरे सिंधिया समर्थकों के अलावा दूसरे विधायकों को लेकर कांग्रेस विधायक दल की बैठक के बाद अनौपचारिक बातचीत में कुछ विधायकों ने अपनी बात रखी। सलाह भी दी गई कि भाजपा में नहीं जाने वाले बागी विधायकों के परिजनों से प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से संपर्क किया जाए। सूत्रों के अनुसार पार्टी ने बागियों को समझाने के लिए वरिष्ठ विधायक केपी सिंह को बेंगलुरु भेज भी दिया है। परिजनों के माध्यम से बागी विधायकों को भाजपा में जाने से रोकने के लिए चर्चा करने का फैसला भी लिया गया। साथ ही उन्हें भरोसा भी दिलाया जाएगा कि पार्टी उनके खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई नहीं करेगी।

बेंगलुरु में जो विधायक हैं और उनमें से जो भाजपा में नहीं जाने की बातें कह रहे हैं, उन्हें वापस लाने के लिए संगठन और सरकार के वरिष्ठ नेताओं को प्रयास शुरू करना चाहिए। - लक्ष्मण सिंह, विधायक व पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के अनुज

हाटपिपल्या विधायक मनोज चौधरी ने आरोप लगाया कि उनके जिले में किसान आंदोलन में जितने भी किसानों के खिलाफ प्रकरण दर्ज हुए थे, उनमें से एक भी वापस नहीं हुआ। कई काम छह महीने पहले से स्वीकृत हैं लेकिन वे शुरू ही नहीं हो पा रहे।

इसी तरह विधायक हरदीप सिंह डंग ने सीधे आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री के पास हमारे लिए समय ही नहीं था इसलिए इस सरकार को जाना ही चाहिए। उन्होंने कहा कि वे खुले मन से बेंगलुरु में आए हैं, किसी ने दबावपूर्वक नहीं रोका है।

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