Publish Date:18-Oct-2019 23:23:54
नई दिल्ली. सरकारी टेलिकॉम कंपनी भारत संचार निगम लिमिटेड (Bharat Sanchar Nigam Limited) के यूनियन ने हड़ताल के फैसले को टाल दिया है. BSNL कर्मचारियों ने हड़ताल को टालने का फैसला कंपनी के टॉप अधिकारियों से बैठक के बाद लिया है, जहां उनसे वादा किया गया है कि 23 अक्टूबर तक कर्मचारियों को सितंबर माह की सैलरी मिल जाएगी. ऑल यूनियन एंड एसोसिएशन ऑफ बीएसएनएल (AUAB) ने आज इस सरकारी कंपनी के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक पीके पुरवर, निदेशक HR अरविंद वडनेरकर और अन्य से मुलाकात किया. द हिंदू बिजनेस लाइन ने अपनी एक रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी है.
बैठक के बाद हड़ताल टालने का फैसला
इस रिपोर्ट में एक सूत्र के हवाले से लिखा गया है कि सीएमडी ने कहा है कि BSNL कर्मचारियों को 23 अक्टूबर तक सितंबर माह की सैलरी दे दी जाएगी. उन्होंने यह भी कहा कि कंपनी की रिवाइवल प्लान पर काम चल रहा है और यह सही दिशा में है. सरकार की तरफ से कंपनी को लेकर कई साकारात्मक कदम उठाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि ये हड़ताल सरकार की कोशिशों को कमजोर करेगा. इसलिए हड़ताल की नई तारीख पर विचार किया जाएगा. यूनियन ने कहा है कि 30 अक्टूबर को होने वाली बैठक के बाद आगे का कदम उठाया जाएगा.
ये यूनियन भी बैठक में शामिल हुए
इस बैठक में संचार निगम एक्जीक्यूटीव्स एसोसिएशन (SNEA), BSNL कर्मचारी यूनियन (BSNLEU), नेशनल फेडरेशन ऑफ टेलिकॉम एम्प्लॉई (NFTE), द ऑल इंडिया भारत संचार निगम लिमिटेड एक्जीक्युटिव्स एसोसिएशन (AIBSNLEA), नेशनल यूनियन ऑफ बीएसएनएल वर्कस और द SC/ST एम्प्लॉई वेलफेयर एसोसिाएशन ऑफ बीएसएनएल (SEWA BSNL) शामिल रहे.
पहली बार फरवरी माह में नहीं मिली थी सैलरी
बता दें कि BSNL कर्मचारी यूनियन ने शुक्रवार को एक दिन के हड़ताल का आह्वाहन किया था. इस हड़ताल का आयोजन BSNL कर्मचारियों को सितंबर माह की सैलरी नहीं मिलने के विरोध में आयोजित किया जाना था. साथ में यह भी मांग थी कि कर्मचारियों को हर माह समय पर वेतन दिया जाए. कंपनी पॉलिसी के मुताबिक, BSNL कर्मचारियों को हर माह के अंतिम कार्यदिवस को सैलरी क्रेडिट की जाती है. कंपनी ने पहली बार इस साल फरवरी माह में कर्मचारियों को सैलरी देने में देर की थी, जिसे मार्च माह में कर्मचारियों को दिया गया.
हर माह कर्मचारियों पर 850 करोड़ रुपये तक का खर्च
मौजूदा समय में बीएसएनएल में कुल 1,63,902 कर्मचारी हैं, जिसमें 46,597 एक्जीक्युटिव्स और 1,17,305 नॉन-एक्जीक्युटिव्स हैं. इन कर्मचारियों की सैलरी पर कंपनी को हर माह 750-850 करोड़ रुपये खर्च करना होता है.