मंत्री आरिफ अकील से मिले तहसीलदार, विरोध प्रगट किया
भोपाल, सीहोर। मंगलवार को सीहोर तहसील के औचक निरीक्षण के बाद राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत द्वारा कार्य में गंभीर लापरवाही बरतने और कथित भ्रष्टाचार के आरोप में सीहोर के तहसीलदार सुधीर कुशवाह को निलंबित करने के आदेश दिये थे। इसके बाद से ही तहसीलदार संवर्ग में आक्रोश है। इसको लेकर बुधवार को तहसीलदारों का एक प्रतिनिधि मंडल मंत्री आरिफ अकील से मिला और विरोध दर्ज कराते हुए उन्हें ज्ञापन सौंपा। इधर, बताया जा रहा है कि सीहोर कलेक्टर अजय गुप्ता ने भी राजपूत के आदेश को मानने से इंकार कर दिया है।
बताया जा रहा है कि कलेक्टर ने कहा है कि सीहोर के तहसीलदार सुधीर कुशवाह भ्रष्ट हैं तो उन्हें निलंबित करने का प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा जाए। कलेक्टर का कहना है कि तहसीलदार को निलंबित करने का अधिकार राज्य शासन को है। मंत्री राजपूत चाहें तो इस संबंध में प्रमुख सचिव राजस्व को कार्यवाही के लिए लिख सकते हैं। ज्ञातव्य है कि राजस्व मंत्री ने कल सीहोर तहसीलदार सुधीर कुशवाह के कार्यालय का औचक निरीक्षण किया था और तहसीलदार को भ्रष्ट बताया था। इसके बाद प्रदेश भर के तहसीलदार लामबन्द हो गये हैं। चेतावनी दी गयी है कि कुशवाह का निलंबन हुआ तो सभी तहसीलदार हड़ताल पर चले जाएंगे। तहसीलदारों ने आज राजस्व मंत्री की शिकायत सीहोर के प्रभारी मंत्री आरिफ अकील से की है। इसकी प्रति मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव एवं आयुक्त भोपाल को भेजी है।
यह है मामला
मंत्री राजपूत ने तहसील कार्यालय में संधारित की जा रही पंजियों, सूचना का अधिकार, लोक सेवा गारंटी, दायरा पंजी एवं शिकायत पंजी का निरीक्षण किया। इस दौरान नामांतरण के 595 प्रकरणों में से 224 प्रकरण लंबित पाये गये। मात्र 371 प्रकरणों का ही निपटारा किया गया। शिकायत पंजी भी संधारित नहीं पाई गई। सूचना के अधिकार के तहत वर्ष 2018 में कोई शिकायत दर्ज नहीं पाई गई।
जाँच में आरआरसी (शासकीय राशि की वसूली) पंजी बी-4 का संधारण नहीं किया गया। भूमि संबंधी प्रकरणों की पंजी बी-4 पर कलेक्टर का अनुमोदन नहीं मिला। सीमांकन के 191 प्रकरण लंबित पाये गये। अतिक्रमण के 17 प्रकरणों में से मात्र 4 प्रकरणों का ही निपटारा किया गया। शेष 13 प्रकरणों पर कोई कार्यवाही की गई। एक साल से अधिक समय से नामांकन के 6 प्रकरण लंबित पाये गये।