Publish Date:21-Jul-2019 01:03:29
भोपाल, 20 जुलाई 2019, स्टार्टअप से जुड़े युवाओं की मांग को गंभीरता से लेते हुए प्रदेश की कमलनाथ सरकार ने आवेदन जमा करने की तिथि 15 जुलाई से बढ़ाकर 25 जुलाई 2019 कर दी है। इससे प्रदेश के लाखों युवा लाभान्वित होंगे। आज जारी अपने बयान में उक्त जानकारी देते हुए मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी मीडिया विभाग की अध्यक्ष श्रीमती शोभा ओझा ने बताया कि मध्यप्रदेश तेजी के साथ स्टार्टअप डेस्टिनेशन के रूप में उभर रहा है, स्टार्टअप की पहली जरूरत होती है इनक्यूबेशन सेन्टर, ये सेंटर स्टार्टअप को, उनके आइडिया को, सर्विस या प्रोडक्ट के रूप में विकसित करने, उनके बिजनेस प्लान बनाने, प्रोडक्ट में सुधार करने और इन्वेस्टमेंट प्राप्त करने में मदद करते हैं। प्रदेश में अनेकों इनक्यूबेशन सेन्टर कार्यरत हैं और सैकड़ों स्टार्टअप किसी न किसी रूप में इनका लाभ प्राप्त कर रहे हैं।
श्रीमती शोभा ओझा ने बताया की प्रदेश में चल रहे इनक्यूबेशन सेन्टर्स का विकास होना आवश्यक है, क्योंकि भविष्य में स्टार्टअप की संख्या बढ़ने की संभावनाएं हैं, इसलिए मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग द्वारा संस्थानों से टेक्नोलाॅजी, बिजनेस इनक्यूबेटर एवं लाइवली हुड इनक्यूबेटर स्थापित करने के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। आवेदन जमा करने की तारीख पहले 15 जुलाई 2019 थी, जिसे बढ़ाकर 25 जुलाई 2109 कर दी गई है। कांग्रेस सरकार से इसकी तारीख बढ़ाये जानें की मांग स्टार्टअप से जुड़े युवाओं द्वारा लगातार की जा रही थी। राज्य में स्टार्टअप को बढ़ावा देने के साथ-साथ प्रदेश के विकास को ध्यान में रखते हुए सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग मध्यप्रदेश शासन द्वारा यह जनहितैषी फैसला ले लिया गया है, अब स्टार्टअप से जुड़ी हुईं संस्थाएं 25 जुलाई 2109 तक अपना आवेदन कर सकती हैं।
श्रीमती ओझा ने अपने बयान में आगे बताया कि स्टार्टअप सेन्टर को स्थापित करने के लिए अस्पायर योजना के अतंर्गत सहायता प्राप्त जा सकती है। प्रदेश का सूक्ष्म, लघु और मध्यम विभाग इसमें सहायता देगा, अस्पायर योजना में अधिकतम एक करोड़ रुपए का अनुदान, सेन्टर पर लगने वाले इक्विपमेंट और मशीनरी के लिए उपलब्ध कराया जायेगा। इस योजना के माध्यम से प्रदेश के होनहार युवा स्टार्टअप का लाभ प्राप्त कर सकते हैं। इस योजना के जरिये नवीन स्टार्टअप को आवश्यक सुविधाएं मिल सकेगी।
श्रीमती ओझा ने कहा कि एक सर्वे के मुताबिक एक स्टार्टअप में 12 नौजवानों को सीधे रोजगार मिलता है और इससे अप्रत्यक्ष रूप से नए रोजगार के अवसर भी सृजित होते हैं। यही नहीं इस क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा भागीदारी करने से नई टेक्नॉलॉजी, किसान, हेल्थ, ट्रांसपोर्ट समेत कई क्षेत्रों के जरिये राज्य के लाखों युवाओं को रोजगार मिल सकेगा। कमलनाथ सरकार द्वारा लिये गये इस जनहितैषी फैसले से न केवल प्रदेश से हो रहा प्रतिभा पलायन रोकने में मदद मिलेगी बल्कि विकास की वह रफ्तार भी तेज होगी, जिसके लिए कमलनाथ सरकार पूरी प्रतिबद्धता से लगी हुई है।
केन्द्र की मोदी सरकार द्वारा आम बजट में मध्यप्रदेश के हिस्से से 2677 करोड़ रूपये कम दिये जाने पर कांग्रेस ने जिला
केंद्र की मोदी सरकार ने संसद में वर्ष 2019-2020 का, जो आम बजट प्रस्तुत किया है, उसमें मध्यप्रदेश राज्य के साथ भेदभाव किया गया है, प्रदेश के हिस्से में से 2677 करोड़ रुपए कम आवंटित किए गये हैं। आश्चर्य इस बात का है कि मध्यप्रदेश से चुने गए भारतीय जनता पार्टी के 28 सांसदों में से एक भी सांसद ने प्रदेश के साथ हुए इस भेदभाव के विरुद्ध अपनी आवाज तक नहीं उठाई।
कांग्रेस पार्टी ने प्रदेश के साथ हुए इस भेदभाव को गंभीरता से लेते हुए, केंद्र के इस तुगलकी निर्णय के विरोध में आज पूरे प्रदेश की जिला और शहर कांगे्र्रस कमेटियों द्वारा जिला मुख्यालयों धरना-प्रदर्शन कर केंद्र सरकार के इस रवैया के प्रति अपना विरोध जताया। इस दौरान महामहिम राष्ट्रपति के नाम संबोधित एक ज्ञापन भी जिला कलेक्टरों को सौंपा गया।
धरना-प्रदर्शन में केंद्र द्वारा किये गये भेदभावपूर्ण रवैये के साथ-साथ एक और मुद्दा, जिसमें उत्तरप्रदेश के सोनभद्र में हुये नरसंहार से प्रभावित पीड़ित परिवारों से मिलने र्गइं कांगे्रस की राष्ट्रीय महासचिव और उत्तरप्रदेश कांगे्रस की प्रभारी लोकप्रिय जननेता श्रीमती प्रियंका गांधी के खिलाफ योगी सरकार द्वारा किये गये दुव्र्यवहार और उनकी गिरफ्तारी को लेकर भी कांगे्रसजनों ने अपना विरोध प्रकट किया।
प्रदेश कांगे्रस की मीडिया विभाग की अध्यक्ष श्रीमती शोभा ओझा ने बताया कि जिला और शहर कांगे्रस अध्यक्षों द्वारा जिला मुख्यालयों पर आयोजित प्रदेशव्यापी इस धरना प्रदर्शन में प्रदेश पदाधिकारी, जिला, शहर ब्लाक कांगे्रस के पदाधिकारी, पूर्व सांसद, विधायक, स्थानीय संस्थाओं के जनप्रतिनिधि, मोर्चा संगठनों/ विभागों के जिला और प्रदेश पदाधिकारियों, वरिष्ठ नेतागणांे सहित कांगे्रस कार्यकर्ताओं ने अपनी भागीदारी सुनिश्चित की। सभी जिलों में बड़ी संख्या में कांगे्रसजन और आम नागरिक इस धरना-प्रदर्शन मंे शामिल हुये।
दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री श्रीमती शीला दीक्षित के निधन पर मुख्यमंत्री एवं प्रदेश कांगे्रस अध्यक्ष कमलनाथ ने शोक-संवेदना व्यक्त की
दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री, प्रदेश अध्यक्ष और कांग्रेस की दिग्गज नेता श्रीमती शीला दीक्षित जी के निधन पर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री एवं प्रदेश कांगे्रस अध्यक्ष श्री कमलनाथ जी ने उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि देते हुए अपने शोक संदेश में कहा है कि शीला दीक्षित जी के दुःखद निधन का समाचार सुन स्तब्ध हूं, उनके परिवार के प्रति मेरी शोक संवेदनाएं। श्रीमती दीक्षित का निधन राजनैतिक क्षेत्र की ऐसी क्षति है, जो अपूरणीय है। ईश्वर उन्हें अपने श्रीचरणों में स्थान दें और परिजनों को इस गहन दुःख को सहन करने की शक्ति प्रदान करें।
श्री कमलनाथ जी ने शीला दीक्षित जी के निधन पर उक्त प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि वे भारतीय राजनीति की एक ऐसी सशक्त हस्ताक्षर थीं, जिनके डेढ़ दशक के मुख्यमंत्रित्व काल में दिल्ली विश्व के बड़े और आधुनिक शहरों की श्रेणी में शुमार हुआ। दिल्ली में बड़े-बड़े ओवरब्रिज बनाने के साथ ही दिल्ली मेट्रो के निर्माण ने यह सिद्ध कर दिया कि वे एक ऐसी दूरदर्शी राजनेता थीं, जिनकी कोई दूसरी मिसाल मिलना मुश्किल है, देश और प्रदेश का समूचा कांग्रेस परिवार आज उनके निधन से व्यथित और आहत है।
भोपाल स्थित प्रदेश कांगे्रस मुख्यालय पहुंचे अखिल भारतीय कांगे्रस के महासचिव और प्रदेश प्रभारी श्री दीपक बाबरिया ने भी श्रीमती शीला दीक्षित के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए उन्हें अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि दी है। उन्होंने कहा कि श्रीमती दीक्षित राजनीति की वह प्रेरणादायी मिसाल थीं, जिन्होंने देश की राजधानी दिल्ली में पार्टी की मुख्यमंत्री रहते हुए कांगे्रस को शिखर पर पहुंचाया, दिल्ली के विकास में उनका योगदान अतुलनीय है।
श्रीमती शीला दीक्षित के दुःखद निधन पर प्रदेश कांग्रेस के मंत्रीगणों, विधायकों, पदाधिकारीगणों एवं वरिष्ठ नेताओं ने भी अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की है।
प्रदेश कांग्रेस की तरफ से सर्वश्री चंद्रप्रभाष शेखर, राजीव सिंह, प्रकाश जैन, श्रीमती शोभा ओझा, नरेन्द्र सलूजा, अभय दुबे, भूपेन्द्र गुप्ता, जे.पी. धनोपिया, मांडवी चैहान, अजिता वाजपेयी पांडे, दुर्गेश शर्मा, संतोष सिंह गौतम, जितेन्द्र मिश्रा, डाॅ. नेहा सिंह सिसोदिया सहित सभी पदाधिकारियों ने श्रीमती शीला दिक्षित के निधन पर शोक-संवेदना व्यक्त की है।
कांगे्रस विधि एवं मानव अधिकार विभाग की बैठक संपन्न, एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट पर हुआ मंथन
मप्र कांगे्रस विधि एवं मानव अधिकार विभाग की आज प्रदेश स्तरीय बैठक प्रदेश कांगे्रस मुुख्यालय में अभा कांगे्रस के महासचिव और प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया के मुख्य आतिथ्य में संपन्न हुई। बैठक मंे प्रदेश में एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट के संबंध में प्रदेश भर से आये अधिवक्ताओं ने अपने विचार रखे।
बैठक की अध्यक्षता करते हुए प्रदेश कांगे्रस विधि एवं मानव अधिकार विभाग के अध्यक्ष राजेन्द्र बब्बर ने उपस्थित अधिवक्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि 15 वर्षों के बाद आज प्रदेश में कांगे्रस की सरकार बनी है और कांगे्रस समर्थित अधिवक्ताओं के अथक प्रयासों के उपरांत प्रदेश में एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट अस्तित्व में आ रहा है। यह सौभाग्य का विषय है कि माननीय कमलनाथ जी की सरकार में अधिवक्ताओं के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाया जा रहा है। इस अवसर पर विभाग के पदाधिकारियों की सर्वसम्मति से निम्न प्रस्ताव पारित किये गये:-
1. मप्र में अधिवक्ता संरक्षण अधिनियम इसी विधानसभा सत्र में पारित किया जाये।
2. प्रदेश के विभिन्न जिलों में कांगे्रस समर्थित अधिवक्ताओं को तुरंत प्रभाव से शासकीय/ अतिरिक्त शासकीय अधिवक्ताओं के रूप में नियुक्त किया जाये।
3. प्रदेश में नोटरी प्रक्रिया का सरलीकरण कर कांगे्रस समर्थित अधिवक्ताओं को विभिन्न जिलों मंे नोटरी के रूप में शीघ्र नियुक्त किया जाये।
4. प्रदेश में शासकीय अधिवक्ता, नोटरी व अन्य निगम-मंडलों में पैनल अधिवक्ताओं की नियुक्तियां प्रदेश अध्यक्ष, कांगे्रस विधि एवं मानव अधिकार विभाग की अनुशंसा पर की जावे।
5. प्रदेश में विभिन्न निगम-मंडलों एवं प्राधिकरणों में मप्र कांगे्रस विधि एवं मानव अधिकार विभाग के पदाधिकारियों जो इस संबंध में सक्षम हों को प्राथमिकता के आधार पर नियुक्तियां दी जायंे।
इस अवसर पर प्रदेश कांगे्रस के महामंत्री राजीव सिंह, कांगे्रस विधि एवं मानव अधिकार विभाग के राष्ट्रीय समन्वयक विजय कुमार चैधरी, पूर्व महापौर दीपचंद यादव, प्रदेश महामंत्री सैयद साजिद अली, आभा सिंह, महबूब अंसारी, मो. लईक खान, अशोक गुप्ता, राकेश गोहिल, संजय गुप्ता, प्रियनाथ पाठक, आकाश तैलंग, मयूर चालीसगांवकर, सैयद खालिद कैस सहित विभाग के प्रदेश एवं जिले के पदाधिकारी मौजूद थे।