Publish Date:21-Aug-2019 18:45:54
नई दिल्ली: भारत सरकार अपने हिस्से के पानी को पाकिस्तान में जाने से रोकने पर काम कर ही है. भारत अपने हिस्से का पानी अपने खेतों, उद्योगों के लिए करना चाहता है.
केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि, 'सिंधु जल संधि से परे भी बहुत बड़ी मात्रा में भारत के हिस्से का पानी पाकिस्तान चला जाता है. हम इस पर प्रमुखता से काम कर रहे हैं कि कैसे हम अपने हिस्से के पानी को पाकिस्तान में जाने से रोके.'
शेखवात ने कहा कि पाकिस्तान की ओर जाने वाले पानी को हम किसान, उद्योग और अपने लोगों के लिए इस्तेमाल करेंगे. शेखावत ने कहा कि हम हाइड्रोलोजिकल और टेक्नोफिजिबिलिटी अध्ययन पर काम कर रहे हैं. मैंने निर्देश दिया है कि यह काम जल्दी होना चाहिए ताकि हम अपने प्लान को क्रियान्वित कर सके.
इससे पहले मंगलवार को पाकिस्तान के सिंधु जल आयोग ने कहा है कि भारत ने सतलज नदी में अब तक 24,000 क्यूसेक पानी छोड़ दिया है, जिससे बाढ़ की आशंका पैदा हो गई है। इसके साथ ही इस्लामाबाद ने सिंधु जल संधि पर भारत के रुख पर गहरी चिंता व्यक्त की है और कहा है कि वह संधि में प्राप्त अपने अधिकारों की रक्षा के लिए सभी विकल्प अपनाएगा। पाकिस्तानी जल संसाधन मंत्री फैजल वावडा ने सोमवार को एक बयान में कहा कि संधि के तहत भारत, पाकिस्तान में बाढ़ आने की पूर्व सूचना देने के लिए बाध्य है, लेकिन बार-बार आग्रह करने और याद दिलाने के बावजूद उसने संधि के तहत काम नहीं किया है।
पाकिस्तान जल आयोग के सूत्रों के अनुसार, सोमवार शाम सात बजे पाकिस्तान को प्राप्त आंकड़ों से पता चला है कि भारत ने सतलज नदी में 24,000 क्यूसेक पानी छोड़ दिया है। सूत्रों ने आगे कहा कि हेराइक और फिरोजपुर बैराज में 1,50,000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया, वहीं सतलज नदी में लगभग दो लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जा सकता है। उन्होंने कहा कि भारत ने संबद्ध अधिकारियों को जानकारी दिए बिना सतलज नदी में लगभग दो लाख क्यूसेक पानी छोड़ दिया है।
साभार- जी न्यूज