Publish Date:27-Sep-2018 16:09:53
केन्द्रीय मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने मेल टुडे एजुकेशन समिट में कहा कि देश की नई शिक्षा नीति का जीरो ड्राफ्ट तैयार कर लिया गया है. यह ड्राफ्ट अक्टूबर के अंत तक सरकार के पास पहुंच जाएगा जिसके बाद नई शिक्षा नीति को अंतिम रूप देते हुए पूरे देश में लागू करने का काम किया जाएगा.
जावड़ेकर ने कहा कि नई शिक्षा नीति अगले 2020 से 2040 तक देश में शिक्षा के क्षेत्र का दिशा निर्देशन करेगी. इस नीति के जरिए जिला से लेकर गांव तक देश में क्वालिटी एजुकेशन को सुनिश्चित किया जाएगा. हालांकि जावड़ेकर ने कहा कि केन्द्र सरकार की नई शिक्षा नीति का फोकस देश के लिए देश के लिए अच्छा नागरिक और प्रत्येक नागरिक को एक अच्छा इंसान बनाने पर रहेगा. इस नीति का जोर लोगों को स्किल देने पर होगा. वहीं आर्टफिशल इंटेलिजेंस के साथ-साथ टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से शिक्षा को अधिक समग्र बनाने की कोशिश की जाएगी.
हालांकि जावड़ेकर ने कहा कि रोजगार जरूरी है लेकिन शिक्षा का मकसद सिर्फ रोजगार नहीं हो सकता है. शिक्षा के जरिए अच्छा नागरिक तैयार करना प्राथमिकता होनी चाहिए. बच्चों में वैल्यू एजुकेशन को महत्व देना चाहिए. फिजिकल एजुकेशन पर ध्यान दिया जाना चाहिए.
वहीं उच्च शिक्षा पर जावड़ेकर ने कहा कि रोजगार यहां एक बड़ा मुद्दा है. जावड़ेकर ने दावा किया कि देश में ज्यादातर विश्वविद्यालयों में बीते कई दशकों से कोई सुधार नहीं किया गया है. अब केन्द्र सरकार विश्वविद्यालयों के लिए नया कैरिकुलम तैयार कर रही है, हालांकि यदि युनिवर्सिटी अपना नया कैरिकुलम खुद तैयार करना चाहें तो वह पूरी तरह से स्वतंत्र होंगी.
जावड़ेकर ने बताया कि मोदी सरकार बीए, बीकॉम और बीएससी के सामान्य डिग्री के साथ-साथ अब बीए, बीकॉम और बीएससी की प्रोफेश्नल डिग्री लाने जा रही है. जावड़ेकर ने बताया कि पुराने सामान्य डिग्रियों में सबसे ज्यादा लोग बेरोजगार रहे हैं, लिहाजा अब प्रोफेशनल कोर्स के जरिए छात्रों को रोजगार पाने के लिए ज्यादा सक्षम बनाने की तैयारी है. जावड़ेकर ने बताया कि पूर्व के जनरल ग्रेजुएशन की डिग्री को मौजूदा समय में रोजगार पाने लायक बनाने की कवायद की जा रही है.