Publish Date:03-Jan-2019 20:40:28
वैश्विक फूड और बेवरेज कंपनी नेस्ले इंडिया (Nestle India) ने सुप्रीम कोर्ट में स्वीकार किया कि उसके सबसे लोकप्रिय एफएमसीजी उत्पाद मैगी (Maggi) में लेड की मात्रा थी. कोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान कंपनी के वकीलों ने इस बात को स्वीकार किया.
कोर्ट में मामले की चल रही सुनवाई के दौरान कंपनी के वकीलों की इस स्वीकारोक्ति से सरकार बनाम नेस्ले की लड़ाई एक बार फिर जोर पकड़ेगी. कोर्ट ने मैगी में लेड की मात्रा को लेकर एनसीडीआरसी द्वारा दर्ज कराए गए मामले पर सुनवाई की.
उल्लेखनीय है कि स्वास्थ्य सुरक्षा के मानदंडों को पूरा न कर पाने पर पिछले साल 550 टन मैगी को नष्ट कर दिया गया था. इसके अलावा, सरकार ने मुआवजे के तौर पर 640 करोड़ रुपये की भी मांग की थी.
सुप्रीम कोर्ट के जज ने नेस्ले के वकील से कहा उन्हें लेड की मौजूदगी वाला नूडल क्यों खाना चाहिए? उन्होंने पहले तर्क दिया था कि मैगी में लेड की मात्रा परमीसिबल सीमा के अंदर थी, जबकि अब स्वीकार कर रहे हैं कि मैगी में लेड था.
क्या है मामला-आपको बता दें कि सन 2015 में मैगी में लेड की मात्रा 17.2 पीपीएम पाई गई जबकि यह 0.01 से 2.5 पीपीएम तक ही होनी चाहिए. उत्तर प्रदेश के फूड सेफ्टी एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने मैगी के सैंपल लिए और इसकी जांच कराई तो मैगी में लेड की मात्रा तय सीमा से ज्यादा मिली.
इस मामले के बाद देश के कई राज्यों ने अपने यहां पर मैगी की ब्रिकी रोक दी. भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने भी मैगी के सभी वर्जंस को असुरक्षित बताते हुए कंपनी को इसके प्रॉडक्शन एवं बिक्री पर रोक लगा दी. एफएसएसएआई ने उस समय कहा था कि नेस्ले ने अपने उत्पाद पर मंजूरी लिए बिना और जोखिम-सुरक्षा आंकलन को मैगी ओट्स मसाला नूडल्स मार्केट में उतार दिया था जो कि कानूनी रूप से पूरी तरह अवैध है.
ज्यादा लैड से क्या होता है नुकसान- फूड सेफ्टी के नियमों के मुताबिक, अगर प्रोडक्ट में लेड और मोनोसोडियम ग्लूटामेट (एमएसजी) का इस्तेमाल किया गया है तो पैकेट पर इसका जिक्र करना अनिवार्य है. एमएसजी से मुंह, सिर या गर्दन में जलन, स्किन एलर्जी, हाथ-पैर में कमजोरी, सिरदर्द और पेट की तकलीफें हो सकती हैं.
डॉक्टरों के मुताबिक, बहुत ज्यादा मात्रा में लेड का सेवन गंभीर स्वास्थ्य दिक्कतें पैदा कर सकता है. इससे न्यूरोलॉजिकल दिक्कतें, खून के प्रवाह में समस्या और किडनी फेल होने तक की नौबत आ सकती है.लेड का ज्यादा सेवन बच्चों के लिए ज्यादा खतरनाक है. इससे उनके विकास में रुकावट आ सकती है, पेट दर्द, नर्व डैमेज और दूसरे अंगों को भी नुकसान पहुंच सकता है.
साभार- न्यूज 18