Publish Date:06-Jan-2019 01:42:35
स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के मकसद से देशभर के 27 राज्यों में एनसीईआरटी की किताबों से पढ़ाई होगी। उक्त राज्यों ने एनसीईआरटी की किताबों से पढ़ाई करवाने के लिए पुस्तकों की मांग की है। इसलिए एनसीईआरटी 2019-20 सत्र के लिए आठ से दस करोड़ पुस्तक प्रकाशित करेगी। जबकि 2018 में यह आंकड़ा पौने पांच करोड़ था।
मानव संसाधन विकास मंत्रालय, एनसीईआरटी काउंसिल और राज्यों के बीच शनिवार को बैठक हुई। बैठक में दिल्ली, असम गुजरात के शिक्षामंत्री व अन्य राज्यों के शिक्षा सचिव मौजूद रहे। राज्यों ने नो डिटेंशन पॉलिसी हटाने का स्वागत किया और नए सिरे से लागू करने पर जोर दिया। बैठक में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए मूल्य, जीवन कौशल, खेल पर जोर दिया गया।
जावडे़कर के मुताबिक, 2021 तक एनसीईआरटी पाठ्यक्रम कम होगा। प्री स्कूल के लिए दोबारा गाइडलाइंस बनाई जा रही हैं। इसके अलावा राज्यों की स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता की परख के लिए 70 बिंदुओं पर आधारित परफॉरमेंस ग्रेडिंग इंडिकेटर तैयार किया गया है। इसमें राज्यों की स्कूली शिक्षा एक हजार स्कोर पर मापी जाएगी।
साभार- अमर उजाला