Publish Date:22-May-2020 22:59:09
भोपाल. मध्य प्रदेश में शराब की दुकानों को खोलने के आदेश के बाद भी दुकान नहीं खोलने पर सरकार अब सख्ती के मूड में आ गई है. शिवराज सरकार ने शराब ठेकेदारों के खिलाफ सख्त रुख अख्तियार कर लिया है. सरकार ने तय किया है कि यदि शराब ठेकेदार 27 मई तक जरूरी जमा शुल्क जमा नहीं करते हैं और दुकान नहीं खोलते हैं तो उनके लाइसेंस फीस को जब्त कर लिया जाएगा. राज्य सरकार ने शराब ठेकेदारों को दुकानें खोलने को लेकर 27 मई तक का अल्टीमेटम दिया है. 27 मई तक दुकान नहीं खोलने के बाद सरकार नए सिरे से शराब दुकानों की नीलामी करेगी.
शराब की दुकानों की नीलामी
सरकार ने तय किया है कि शराब की दुकान नहीं खुलने पर छोटे समूह या फिर एकल दुकान व्यवस्था के तहत दुकानों की नीलामी की जाएगी. दरअसल राज्य सरकार ने ग्रीन जोन के अलावा ऑरेंज जोन में कंटेनमेंट एरिया के बाहर और रेड जोन वाले जिलों में ग्रामीण इलाकों में दुकानें खोलने का अनुमति जारी की थी. बावजूद इसके शराब ठेकेदारों ने कुछ ऑरेंज और रेड जोन के बाहर दुकानें नहीं खोलने का फैसला किया था. इस मामले को लेकर कई बार शराब ठेकेदारों की सरकार के प्रतिनिधियों के साथ बैठक हो चुकी है. शराब ठेकेदार इस बात की मांग कर रहे हैं कि बीते दो महीने से शराब की दुकानें नहीं खोलने पर और देर से नीलामी होने पर उनको हुए नुकसान की भरपाई सरकार करें. साथ थी शराब ठेकेदार सरकार से लाइसेंस फीस में छूट की मांग कर रहे हैं. लेकिन अब सरकार ने तय किया है कि यदि शराब की दुकान नहीं खुलती है तो संबंधित ठेकेदारों के खिलाफ एक्शन लिया जाएगा.
सरकार को हर महीने हो रहा करोड़ों का नुकसान
दरअसल मध्य प्रदेश सरकार की आय का सबसे बड़ा जरिया पेट्रोल-डीजल और शराब की बिक्री है. पेट्रोल और डीजल की कम बिक्री होने के कारण सरकार को राजस्व में नुकसान उठाना पड़ रहा है. वहीं सरकारी खजाने को भरने के लिए सरकार ने शराब दुकानें खोलने को अनुमति जारी की है. लेकिन सरकार और शराब ठेकेदारों के बीच तकरार खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. और अब सरकार ने अल्टीमेटम जारी करते हुए शराब ठेकेदारों के खिलाफ एक्शन लेने का ऐलान कर दिया है.
अनुराग श्रीवास्तव की रिपोर्ट
साभार- न्यूज 18