Publish Date:21-Nov-2019 22:55:23
भोपाल. देश के आर्थिक हालातों और केंद्र की मोदी सरकार की नीतियों के खिलाफ कांग्रेस ने अब तक के सबसे बड़े आंदोलन की रणनीति पर काम तेज कर दिया है. कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) के नेतृत्व में होने वाली दिल्ली की रैली के लिए कांग्रेस ने सभी जिलों को तीस से चालीस हजार कार्यकर्ताओं के साथ पहुंचने का टारगेट दिया है. इसको लेकर गुरुवार को भोपाल में कांंग्रेस जिला अध्यक्षों की बैठक हुई, जिसे पीसीसी चीफ और मुख्यमंत्री कमलनाथ (Chief Minister Kamal Nath) के अलावा कांग्रेस प्रभारी दीपक बाबरिया (Deepak Babaria) ने भी संबोधित किया. कांग्रेस ने तय किया है कि केंद्र के खिलाफ भोपाल छोड़ सभी जिलों में 25 नवंबर को धरना होगा. जबकि भोपाल में कुछ वजह से ऐसा 26 नवंबर को धरना होगा.
कमलनाथ ने दिया ये आदेश
पीसीसी चीफ कमलनाथ ने कांग्रेस जिला अध्यक्षों की बैठक में जिलों में 25 नवंबर को केंद्र के खिलाफ धरना देने और 14 दिसंबर को दिल्ली में होने वाले आंदोलन में बड़ी संख्या में शामिल होने को कहा है. इसके साथ ही सीएम ने कांग्रेस जिला अध्यक्षों को राज्य सरकार की उपलब्धियां आम लोगों तक पहुंचाने का आग्रह किया है. जबकि कांग्रेस प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया ने बैठक में पहुंचे जिला अध्यक्षों और प्रभारियों की अटेंडेंस लगाई. जबकि पार्टी बैठक में नहीं पहुंचे जिला अध्यक्षों की रिपोर्ट तैयार करेगी.
बैठक में अपनों ने फिर जताई नाराजगी
कांग्रेस जिला अध्यक्षों की बैठक में नेताओं ने संगठन और सत्ता के खिलाफ फिर अपनी नाराजगी जाहिर की. जिला अध्यक्षों ने पीसीसी के सुस्त रवैये को लेकर बाबरिया से शिकायत की,तो वहीं मंत्रियों के सुनवाई नहीं करने के मामले को भी उठाया. प्रदेश प्रभारी बाबरिया ने कहा है कि ग्यारह महीने सत्ता में रहने के कारण सुस्त पड़े संगठन को फिर सक्रिय किया जाएगा. जबकि संगठन के बूते पर मंत्री बने चेहरों को कार्यकर्ताओं की सुनवाई करना होगा. बाबरिया ने कहा है कि कार्यकर्ताओं की उपेक्षा बर्दाश्त नहीं होगी और वचनपत्र पर अमल पर नजर रखने के लिए मेनिफेस्टो इम्प्लीमेंटेशन कमेटी का गठन होगा. बाबरिया ने कांग्रेस में दुकान चलाने वालों को सजा देने की की बात कही है.
साभार- न्यूज 18