Publish Date:18-Dec-2019 00:06:04
भोपाल. माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय ने एडजंक्ट प्रोफेसर दिलीप मंडल और मुकेश कुमार को बर्खास्त करने की मांग करने वाले 23 विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय प्रशासन ने निष्कासित कर दिया है. इसमें तीन छात्राएं भी शामिल हैं. विश्वविद्यालय प्रशासन ने आदेश जारी कर ये बात कही कि कुलपति दीपक तिवारी की अनुपस्थिति में विद्यार्थियों ने एमसीयू में काफी उपद्रव किया था. इससे विवि की गतिविधियां काफी प्रभावित हुई थीं. इसके चलते एमपी नगर थाने में दस विद्यार्थियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी गई है. विद्यार्थियों के साथ कई संगठन एमसीयू प्रबंधन से एफआईआर वापस लेने की मांग कर चुके हैं. इधर, मामले को लेकर सियासत तेज हो गई है. पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने विद्यार्थियों का निष्कासन वापस लेने की मांग की है.
कमेटी का फैसला
एमसीयू में विद्यार्थी और संगठनों का विरोध-प्रदर्शन थमने का काम नहीं ले रहा था. विश्वविद्यालय के आक्रोशित स्टूडेंट्स लगातार एडजंक्ट प्रोफेसर दिलीप मंडल और मुकेश कुमार को हटाने की मांग कर रहे थे. इसी दौरान एमसीयू ने इस मामले को अनुशासन कमेटी को सौंप दिया. कमेटी ने घटनाक्रम के वीडियो फुटेज खंगाले और परीक्षण के बाद अपनी रिपोर्ट सौंप दी. इसमें 23 विद्यार्थियों को दोषी पाया गया है. इसके चलते एमसीयू प्रबंधन ने इन छात्रों को निष्कासित कर दिया है. निष्कासन की अवधि निर्धारित नहीं की गई है. विद्यार्थियों को आगामी आदेश तक के लिए निकाला गया है. वहीं, एडजंक्ट प्रोफेसर दिलीप मंडल की सोशल मीडिया पर टिप्पणी लेकर भी जांच की जा रही है, जिसकी रिपोर्ट 15 दिनों में एमसीयू को मिलेगी. एमसीयू रिपोर्ट के आधार पर अपनी कार्रवाई तय करेगा.
छात्र नहीं दे सकेंगे परीक्षा
एमसीयू के जारी आदेश के अनुसार विद्यार्थियों को वर्तमान में चल रही परीक्षा और प्रैक्टिकल में शामिल होने तक की स्वीकृति नहीं दी गई है. इसलिए उन्हें परीक्षा और प्रैक्टिकल से वंचित रहना होगा. इधर, मामले को लेकर मध्य प्रदेश में राजनीति भी शुरू हो गई है. पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एमसीयू का आदेश आने के बाद ट्वीट कर छात्रों का निष्कासन वापस लेने की मांग की है. वहीं, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने भी इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. भार्गव ने कहा है कि माखनलाल विश्वविद्यालय द्वारा छात्रों पर की गई कार्रवाई निंदनीय और दमनकारी है. लोकतंत्र के चौथे स्तंभ की पढ़ाई करने वाले इन बच्चों पर की गई कार्रवाई तानाशाही पूर्ण रवैया है. भार्गव ने पूछा कि क्या सरकार के एक साल का यही तोहफा है? उन्होंने मांग की कि MCU प्रशासन तत्काल इन बच्चों का निष्कासन समाप्त करे.
साभार- न्यूज 18