मुख्यमंत्री कमल नाथ की मीडिया से चर्चा
मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कहा है कि इस समय किसानों को राजनीति की नहीं मदद की जरूरत है। उन्होंने कहा कि राज्य के विभिन्न जिलों में बाढ़ की स्थिति पर नजर रखने के लिए कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है। जिसमें हर घण्टे की स्थिति की जानकारी ली जा रही है। उन्होंने कहा कि अतिवृष्टि के कारण 10 हजार करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है। मुख्यमंत्री ने बताया बाढ़ से जो नुकसान हुआ है उसका प्रारंभिक सर्वे किया जा रहा है। कई स्थानों पर बाढ़ आने के कारण सर्वे कार्य में दिक्कतें आ रही है। इसके बावजूद फसलों, मकानों और अन्य नुकसान का सर्वे कई जिलों में शुरू हो गया है। सर्वे कार्य पूरा होते ही प्रभावितों को मदद देने का कार्य प्रारंभ हो जाएगा। सरकार हर हाल में बाढ़ पीड़ितों की हर संभव मदद के लिए वचनबद्ध है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के नेताओं और सांसदों को चाहिए कि वे बाढ़ पीड़ितों के नाम पर राजनीति करने की बजाए उन्हें राहत पहुँचाने में राज्य सरकार की मदद करें। उन्होंने कहा कि कलाकारी की राजनीति से बाढ़ पीड़ितों का भला नहीं होने वाला है। संकट की इस घड़ी में बाढ़ प्रभावितों की मदद के लिए भाजपा के सभी सांसद और नेता दिल्ली में जाकर बाढ़ से जो नुकसान हुआ है, उसके लिए केन्द्र सरकार से मदद मांगे और उनके द्वारा मदद न दी जाने पर धरना दें। यह राजनीति नहीं प्रदेश के लोगों के हितों की बात है विशेषकर किसानों जिनकी मेहनत से उगाई गई फसल को भारी नुकसान पहुँचा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार अपने दायित्वों के निर्वहन में कोई कसर बाकी नहीं रखेगी।