Publish Date:08-Dec-2019 17:26:39
नई दिल्ली/पुणे. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने विशेषकर बलात्कार जैसे घृणतम अपराधों के संदर्भ में आपराधिक न्याय प्रणाली में देरी पर बहस के बीच भादंसं (IPC) और सीआरपीसी (CRPC) को देश के और अनुकूल बनाने के लिए उन्हें संशोधित करने के अपने सरकार के दृढ़ निश्चय पर बल दिया है. अमित शाह (Amit Shah) का बयान ऐसे समय में आया है, जब गृह मंत्रालय (Home ministry) ने सभी राज्यों से भारतीय दंड संहिता (IPC) और अपराधी दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) में आमूल-चूल बदलाव के लिए सुझाव मांगा है, ताकि यह आधुनिक लोकतंत्र की आकांक्षाओं को परिलक्षित करे और त्वरित इंसाफ प्रदान करे.
सरकारी बयान के अनुसार पुणे में पुलिस महानिदेशकों और महानिरीक्षकों के 54 वें सम्मेलन में ‘गृहमंत्री ने भादंसं और सीआरपीसी को आज की लोकतांत्रिक व्यवस्था के और अनुकूल बनाने के लिए उनमें बदलाव लाने के अपनी सरकार के निश्चय को प्रमुखता से सामने रखा.’ 2012 के कुख्यात निर्भया सामूहिक बलात्कार एवं हत्याकांड समेत घृणतम अपराधों में अपराधियों को दंड मिलने में देरी को लेकर हाल ही में अलग अलग मंचों पर जबर्दस्त बहस चल रही है.
CJI बोबडे ने कहा था न्याय तत्काल नहीं हो सकता
हालांकि रविवार को जोधपुर में एक कार्यक्रम में प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति एस ए बोबड़े ने कहा कि इंसाफ कभी भी तत्क्षण नहीं हो सकता और ‘यदि यह बदला लेने का रूप ले लेगा तो अपना मूल स्वभाव गंवा बैठेगा.’पिछले सप्ताह केंद्रीय गृह राज्यमंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा था कि भादंसं और सीआरपीसी को बलात्कार और हत्या जैसे अपराधों की जल्द सुनवाई के लिए संशोधित किया जाएगा.
पुलिस महानिदेशकों/महानिरीक्षकों के सम्मेलन में गृहमंत्री ने अखिल भारतीय पुलिस महाविश्वविद्यालय और अखिल भारतीय अपराध विज्ञान विश्वविद्यालय और राज्यों में उनसे मान्यता प्राप्त कॉलेज खोलने की केंद्र सरकार की योजना की घोषणा की. गृहमंत्री ने इस वार्षिक सम्मेलन को ‘वैचारिक कुंभ’ करार दिया, जहां देश के शीर्ष पुलिस अधिकारी एक मंच पर आते हैं और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर नीतिगत फैसला करते हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला और देश के शीर्ष पुलिस अधिकारियों ने इस तीन दिवसीय कार्यक्रम में हिस्सा लिया.
साभार- न्यूज 18