Publish Date:11-Jun-2019 22:30:08
नई दिल्ली, 11 जून 2019, भारतीय जनता पार्टी के नेता थावर चंद गहलोत राज्यसभा में पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली की जगह सदन के नेता होंगे. थावर चंद गहलोत मोदी सरकार में सामाजिक न्याय एवं सशक्तिकरण मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं.
थावर चंद गहलोत बीजेपी के दलित चेहरों में एक हैं जिन्हें दूसरी बार मोदी कैबिनेट का हिस्सा बनाया गया है. मोदी सरकार के पहले कार्यकाल 2014 में भी थावर चंद गहलोत सामाजिक न्याय और सशक्तीकरण मामलों के मंत्री रह चुके हैं. मंत्री के तौर पर थावर चंद गहलोत ने समाजिक तौर पर पिछड़े, समाज के वंचित तबके और दिव्यांग लोगों के लिए कई लाभदायक स्कीम को ड्राफ्ट कर चुके हैं.
अरुण जेटली स्वास्थ्य की वजह से पिछले कुछ महीनों से राजनीतिक रूप से सक्रिय नहीं है. उनका इलाज चल रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट में वित्त मंत्रालय संभाल रहे अरुण जेटली ने शपथग्रहण से पहले ही खत लिखकर ऐलान किया था कि स्वास्थ्य कारणों से उनका पद पर बने रहना संभव नहीं है. उन्होंने पीएम मोदी से अपील की थी कि उन्हें मंत्रिमंडल का हिस्सा दोबारा न बनाया जाए.
थावर चंद गहलोत का जन्म 18 मई 1948 को मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले के नागदा गांव में हुआ था. इन्होंने उज्जैन की ही विक्रम विश्वविद्यालय से स्नातक की पढ़ाई की. थावर चंद गहलोत 1996 से 2009 के दौरान शाजापुर लोकसभा सीट से सांसद रहे हैं. 2009 में थावर चंद गहलोत को कांग्रेस पार्टी के सज्जन सिंह वर्मा से हार मिली. सज्जन सिंह वर्मा फिलहाल मध्य प्रदेश की कमलनाथ कैबिनेट में मंत्री हैं. सन् 2012 में थावर चंद गहलोत राज्यसभा सदस्य चुने गए, 2018 में उन्हें दोबारा राज्यसभा सदस्य चुना गया. राज्यसभा सदस्य के तौर पर उनका कार्यकाल 2024 में खत्म होगा.
थावर चंद गहलोत, पीएम मोदी के काफी करीबी लोगों में से एक हैं. वहीं थावर चंद गहलोत अनुसूचित जाति से आने वाले बड़े चेहरों में से एक हैं. गुजरात में उन्हें बीजेपी के केंद्रीय ऑब्जर्वर नियुक्त किया था.
साभार- आज तक