Publish Date:29-Oct-2019 19:24:32
नई दिल्ली. जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) को लद्दाख से अलग करके गुरुवार को नया केन्द्र शासित प्रदेश बना दिया जाएगा. ऐसे में जम्मू कश्मीर कैडर के आईएएस (IAS), आईपीएस (IPS) और अन्य केन्द्रीय सेवाओं के अधिकारी दो केन्द्र शासित प्रदेशों (UT) में सेवाएं देना जारी रखेंगे. वहीं इन सेवाओं में नई भर्तियों को एजीएमयूटी कैडर दिया जाएगा.
जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) पुनर्गठन अधिनियम 2019 के अनुसार, जब तक दो नए केन्द्र शासित क्षेत्र जम्मू कश्मीर और लद्दाख (Ladakh) के लिए उप राज्यपालों (Deputy Governor) द्वारा नए आदेश जारी नहीं होते, तब तक प्रांतीय सेवाओं के अधिकारी अपने वर्तमान पद पर सेवाएं देते रहेंगे. इसके अनुसार जम्मू कश्मीर की विधायिका पुडुचेरी की भांति रहेगी. वहीं लद्दाख का प्रारूप बिना विधायिका वाले चंडीगढ़ की तरह होगा.
मुर्मू को बनाया जम्मू-कश्मीर का नया उप राज्यपाल
गुजरात कैडर के अधिकारी गिरीश चंद्र मुर्मू को जम्मू कश्मीर और पूर्व रक्षा सचिव राधाकृष्ण माथुर को लद्दाख का नया उप राज्यपाल नियुक्त किया गया है. अरुणाचल गोवा मिजोरम केन्द्र शासित क्षेत्र को आम तौर पर एजीएमयूटी कहा जाता है.
अधिनियम के अनुसार भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस), भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) और भारतीय वन सेवा (आईएफओएस) के कैडर मौजूदा जम्मू-कश्मीर राज्य के लिए नियुक्ति तिथि (31 अक्टूबर) तक मौजूदा कैडरों पर कार्य करना जारी रखेंगे. अधिनियम में कहा गया है कि दो नए केन्द्र शासित प्रदेशों के गठन और अधिसूचित होने के बाद उपराज्यपाल अधिकारियों की शक्ति, संरचना और आवंटन पर निर्णय लेंगे.
उप राज्यपाल लेंगे स्थानांतरण पर निर्णय
अधिनियम में कहा गया है कि राज्य सरकार के कर्मचारी जम्मू कश्मीर और लद्दाख किसी भी केन्द्र शासित क्षेत्र में सेवा देने का विकल्प चुन सकते हैं और उनके स्थानांतरण पर निर्णय उप राज्यपाल लेंगे. अधिनियम कहता है कि केन्द्र सरकार के पास वह शक्ति होगी कि वह इस प्रावधान के तहत जारी किसी भी आदेश की समीक्षा कर सकती है.
साभार- न्यूज 18