Publish Date:04-Jun-2018 21:37:16
भोपाल : चार जून, 2018, म.प्र. हाउसिंग बोर्ड के अध्यक्ष कृष्ण मुरारी मोघे ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री रमन सिंह को पत्र लिखकर 161 करोड़ 50 लाख की लम्बित राशि का भुगतान करवाने का आग्रह किया है। मोघे ने पत्र में लिखा है कि बोर्ड द्वारा दुर्ग, भिलाई और रायपुर नगर पालिका से विश्व बैंक योजना अंतर्गत किये गये कार्यों संबंधी शेष राशि 55 करोड़ 4 लाख रुपये का भुगतान अभी तक लम्बित है। इसी प्रकार, छत्तीसगढ़ प्रांत का पृथक गठन होने से छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड से विघटन के विरुद्ध 106 करोड़ 46 लाख रुपये की राशि लम्बित है। श्री मोघे ने दोनों राशियों का शीघ्र भुगतान करवाने का अनुरोध किया है।
वित्त मंत्री से मिले अध्यक्ष : जीएसटी में छूट का किया अनुरोध
अध्यक्ष मोघे ने आज वित्त मंत्री जयंत मलैया से मुलाकात की। उन्होंने श्री मलैया को पत्र के माध्यम से अवगत करवाते हुए भारत सरकार की जीएसटी काउंसिल की आगामी बैठक में आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिये मकान क्रय के समय लगने वाली 12 प्रतिशत जीएसटी की राशि में छूट दिलवाने का आग्रह किया।
मोघे ने बताया कि मण्डल द्वारा प्रधानमंत्री की मंशानुरूप अफोर्डेबल हाउसिंग के लिये अटल आश्रय योजना का क्रियान्वयन वर्ष 2012 से किया जा रहा है। मध्यप्रदेश के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिये ईडब्ल्यूएस, एलआईजी भवन इस योजना में बनाये जा रहे हैं। एक जुलाई, 2017 से जीएसटी कर लागू होने के बाद से इस श्रेणी के हितग्राहियों को 12 प्रतिशत कर अतिरिक्त रूप से देना पड़ रहा है। इसके कारण पूर्व में पंजीबद्ध हितग्राहियों को मकान वापस करने की सोच रहे हैं।
विभिन्न विभागों/अर्द्धशासकीय संस्थाओं में लम्बित भुगतान कराने का अनुरोध
मोघे ने मण्डल को विभिन्न विभागों/अर्द्धशासकीय संस्थाओं द्वारा देय राशि के भुगतान के संबंध में भी वित्त मंत्री से चर्चा की। शासन के विभिन्न विभागों/अर्द्धशासकीय संस्थाओं से मण्डल को मूल राशि 41 करोड़ 17 लाख का भुगतान किया जाना है। इसी प्रकार मूल राशि 165 करोड़ 30 लाख रुपये मण्डल की लेनदारी में से समायोजन/प्राप्त किया जाना है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुरूप मण्डलकर्मियों को सातवें वेतनमान का लाभ दिया जाना है। इस राशि के प्राप्त होने से मण्डल की संचित हानि भी लाभ में परिवर्तित होगी। श्री मोघे ने बताया कि मण्डल ने वर्ष 2000 तक ऋण एवं ब्याज का भुगतान बिना चूक के किया है। मण्डल की बड़ी राशि शासन के विभिन्न विभागों/संस्थाओं में अवरुद्ध होने के कारण मण्डल को लगातार वर्ष 2011 तक संचित हानि का सामना करना पड़ा है। इसीलिये उन्होंने मण्डल को देय राशि के संबंध में संबंधित विभाग प्रमुखों को शीघ्र भुगतान करने के लिये निर्देश जारी करने का अनुरोध किया है।