Publish Date:04-Oct-2019 16:52:06
इंदौर, भोपाल. मध्यप्रदेश हाई कोर्ट की इंदौर बैंच ने मध्यप्रदेश सरकार से 21 अक्टूबर तक हनीट्रेप मामले की जांच रिपोर्ट बंद लिफाफे में देने को कहा है। हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से एसआईटी प्रमुखों को लगातार बदले जाने का कारण भी बताने को कहा है। इधर हनीट्रेप मामले में आरोपी एक महिला के पति ने स्वीकार किया है कि उसके कई मंत्रियों से संबंध थे, लेकिन इसका कभी गलत उपयोग नहीं किया।
हाल ही में मध्य प्रदेश के बहुचर्चित हनीट्रैप केस में एक बार फिर एसआईटी चीफ को बदल दिया गया है। अब राजेंद्र कुमार को एसआईटी प्रमुख बनाया गया है। डीजीपी पर सवाल उठाने वाले साइबर सेल के डीजीपी का भी तबादला कर दिया गया है। नई टीम में मिलिंद कंसकर और रुचि वर्धन को सदस्य बनाया गया है। संजीव शमी को हनीट्रैप मामले की जांच करने की जिम्मेदारी दी गई थी लेकिन उन्हें एसआईटी प्रमुख के पद से हटा दिया गया है।
Madhya Pradesh के Honey Trap Case में भोपाल के नेहरू नगर से गिरफ्तार एक आरोपी महिला के पति ने न्यूज़ 18 से बातचीत में माना कि मेरी पत्नी के कई हाई प्रोफाइल मंत्रियों से संबंध थे। लेकिन हमने कभी इसका गलत इस्तेमाल नहीं किया और न ही कभी इसका फायदा उठाया. उसने जांच पर सवाल उठाया कि जब एफआईआर में मेरी पत्नी का नाम नहीं है तो फिर किस आधार पर उसकी गिरफ्तारी हुई है। आखिर Police किसके कहने पर काम कर रही है और किसे बचाने के लिए हमें फंसा रही है।
एसआईटी पर उंगली
हनीट्रैप मामले में नेहरू नगर से एक आरोपी महिला को गिरफ्तार किया गया था। ये आरोपी महिला अब इंदौर जेल में बंद है। महिला के पति ने अपनी पत्नी को बेकसूर बताया। उसका कहना है जब उसकी पत्नी को पकड़ा गया था, तब वो भी उसे साथ था। मिनाल रेसीडेंसी स्थित आरोपी महिला के घर से नहीं, बल्कि 14 लाख रुपये पड़ोसी से बरामद किए गए थे। पुलिस ने आरोपी महिला के पति और बेटे के पास से कई इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस जप्त की थीं, लेकिन पुलिस ने पति, बेटे और तीन पड़ोसियों को छोड़ दिया।
आरोपी महिला के पति का खुलासा
आरोपी महिला के पति ने कहा कि मेरा कोई एनजीओ नहीं है। न ही मेरी पत्नी ने मुझे कोई टेंडर दिलवाया। एफआईआर में मेरी पत्नी का नाम नहीं है। उसकी कोई पहचान भी नहीं हुई। मिनाल में रहने वाली महिला ने मेरी पत्नी का नाम लिया और उसे गिरफ्तार कर लिया गया। इस आरोपी महिला के पति ने ये भी कहा कि रिवेरा टाउन में रहने वाली महिला से हमारा कोई परिचय नहीं है। उस आरोपी महिला के भाई के एनजीओ को करोड़ों के काम मिले हैं। मिनाल की आरोपी महिला ने कई रसूखदारों को फंसाया है. पुलिस किसी दबाव में हमें फंसा रही है। मिनाल रेसीडेंसी और रिवेरा टाउन से गिरफ्तार आरोपी महिलाओं के कई बड़े नेताओं और अफसरों से संपर्क थे।
एसआईटी के पुराने अधिकारियों पर शक
तीन बार बनी एसआईटी को लेकर अब कांग्रेस नेता मानक अग्रवाल ने भी सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा एसआईटी के पुराने अधिकारी-कर्मचारी जानकारी लीक कर सकते हैं। उनके पास केस से जुड़ी सभी जानकारियां हैं। इसलिए नए एसआईटी चीफ को इन अधिकारियों कर्मचारियों पर नजर रखनी चाहिए।
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