Publish Date:30-Jan-2020 00:30:07
वरिष्ठ राजनयिक हर्षवर्धन श्रृंगला ने बुधवार (29 जनवरी) को देश के नए विदेश सचिव के रूप में कार्यभार संभाल लिया और कहा कि वह आतंकवाद के प्रति ''भेदभाव रहित" तथा स्पष्ट रुख सुनिश्चित करने सहित महत्वपूर्ण मुद्दों पर भारत के सहयोगियों के साथ काम करेंगे। भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) के 1984 बैच के अधिकारी श्रृंगला ने विजय गोखले की जगह ली है। उनका कार्यकाल दो वर्ष का होगा। गोखले मंगलवार (28 जनवरी) को सेवानिवृत्त हो गए थे।
श्रृंगला ऐसे समय पदभार संभाल रहे हैं, जब भारत के समक्ष विदेश नीति संबंधी कई चुनौतियां हैं जिनमें नए नागरिकता कानून को लेकर कुछ देशों और वैश्विक संस्थानों द्वारा भारत की आलोचना भी शामिल है। हर्षवर्धन श्रृंगला अमेरिका में भारत के राजदूत भी रह चुके हैं। विदेश सचिव के रूप में कार्यभार संभालने के बाद श्रृंगला ने एक बयान में कहा कि वह विकासात्मक और आर्थिक संपर्कों को मजबूत करने, पड़ोसियों से संपर्क और आतंकवाद तथा स्वतंत्र समाजों को इससे खतरे के प्रति भेदभाव रहित और स्पष्ट रुख सुनिश्चित करने सहित विभिन्न मोर्चों पर भारत के विभिन्न अंतरराष्ट्रीय साझेदारों के साथ मिलकर काम करने को लेकर आशान्वित हैं।
श्रृंगला (57) ने कहा कि उनके कार्यकाल में कई अन्य हालिया अवसरों और साइबर क्षेत्र तथा उभरती प्रौद्योगिकियों से जुड़ी चुनौतियों पर भी ध्यान होगा। उन्होंने कहा कि विदेश मंत्रालय इन मुद्दों की सूक्ष्मता को पूरी तरह समझता है। विदेश सचिव ने एक बयान में कहा, ''मैंने आईएफएस में शीतयुद्ध के दौरान प्रवेश किया था और मैं एक ऐसे समय एफएस (विदेश सचिव) कार्यालय में प्रवेश कर रहा हूं जब ग्लोबल वार्मिंग एक महत्वपूर्ण चिंता का विषय है।"
कार्यभार संभालने से पहले श्रृंगला ने पत्रकारों से कहा कि यह बेहद स्पष्ट है कि विदेश सेवा जन सेवा है और सभी प्रयास देश को समर्पित होने चाहिए। उन्होंने कहा, ''मैं राष्ट्र-निर्माण में मंत्रालय की भूमिका के लिए प्रतिबद्ध हूं जैसा कि मैं 36 साल पहले था जब मैं एक युवा के तौर पर इन पोर्टल से जुड़ा था। मैं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और विदेश मंत्री एस. जयशंकर, अपने राजनीतिक नेतृत्व के मार्गदर्शन और मंत्रालय के अंदर तथा बाहर अपने सहकर्मियों के समर्थन एवं सहयोग के साथ काम करने को उत्साहित हूं।"
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने श्रृंगला का स्वागत करते हुए ट्वीट किया कि उन्हें विश्वास है कि नए विदेश सचिव का शानदार व्यक्तित्व और व्यापक अनुभव टीम एमईए (विदेश मंत्रालय की टीम) को नई ऊंचाइयों पर ले जाने में मदद करेगा। श्रृंगला ने अपने बयान में यह भी कहा, ''हम देश अथवा विदेश में अपने नागरिकों और लोगों को सेवा प्रदान करने वाले सेवा प्रदाता हैं। हमारा मिशन विदेश संबंधों के माध्यम से भारत की सुरक्षा और समृद्धि को मजबूत करना तथा सभी भारतीयों, चाहे वे कहीं भी हों, की कुशलक्षेम का है।"
उन्होंने कहा, ''मैं इस तथ्य से अवगत हूं कि मैं अपने बेहतरीन, महान और वरिष्ठों की जगह ले रहा हूं, जिन्होंने अपने काम में पेशेवर स्तरों और ईमानदारी के उच्चतम मानकों को बरकरार रखा है।" विदेश सचिव ने कहा कि उनसे पहले विजय गोखले और एस. जयशंकर ने बेहतरीन उच्च मानक तय किए हैं, जिन्हें हम भारत और विश्व में हर जगह विदेश नीति के प्रमुख अधिकारियों में से एक के रूप में जानते हैं। अपने 35 साल के कूटनीतिक करियर में श्रृंगला ने नई दिल्ली और विदेशों में कई पद संभाले हैं तथा उन्हें भारत के पड़ोसी देशों के मामले में विशेषज्ञ माना जाता है।
शीर्ष पद पर श्रृंगला की नियुक्ति में सरकार ने वरिष्ठता के सिद्धांत का पालन नहीं किया। 1982 बैच की आईएफएस अधिकारी एवं ब्रिटेन में भारतीय उच्चायुक्त रुचि घनश्याम भी इस पद की दावेदार थीं। श्रृंगला ने सितंबर में ह्यूस्टन में 'हाउडी मोदी' कार्यक्रम के आयोजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय समुदाय को संबोधित किया था। श्रृंगला दिल्ली के प्रतिष्ठित सेंट स्टीफंस कॉलेज से स्नातक हैं। आईएफएस में नियुक्ति से पहले उन्होंने कॉरपोरेट और सार्वजनिक क्षेत्रों में भी काम किया था।
साभार- ला हि