Publish Date:24-May-2018 18:47:37
पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों को लेकर आलोचना झेल रही मोदी सरकार अब लोगों को राहत देने के मकसद से ओएनजीसी जैसी तेल उत्पादक कंपनियों पर टैक्स लगाने की तैयारी कर रही है. सरकार के इस कदम से पेट्रोल-डीजल के दाम दो रुपये तक कम हो सकते हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक हुई थी, जिसके बाद बताई सरकार की तरफ से कहा गया कि वह इसके लॉन्ग टर्म सॉलुशंस पर काम कर रही है.
वहीं इस बैठक से जुड़े सूत्रों ने बताया कि भारतीय तेल उत्पादक कंपनियों के लिए कच्चे तेल की कीमत 70 डॉलर प्रति बैरेल तक सीमित की जा सकती है. उन्होंने बताया कि अगर यह योजना अमल में लाई जाती है तो भारतीय ऑयल फील्ड से तेल निकाल कर उसे अंतरराष्ट्रीय दरों पर बेचने वाली तेल उत्पादक कंपनियां अगर 70 डॉलर प्रति बैरेल की दर से ज्यादा पर पेट्रोल बेचती हैं, तो उन्हें आमदनी का कुछ हिस्सा सरकार को देना होगा.
इसके अलावा सरकार ग्राहकों को राहत देने के लिए एक्साइज़ में थोड़ी कटौती कर सकती है. इसके अलावा राज्यों से भी वैट और सेल्स टैक्स कम करने को कहा जा सकता है. पेट्रोल की बढ़ती कीमतों से परेशान लोगों को इन कदमों से तत्काल थोड़ी राहत मिलने का अनुमान है.
सूत्रों ने बताया कि सरकार इस मामले में आगे किसी आलोचना से बचने के लिए सरकारी और निजी दोनों तरह की पेट्रोल उत्पादक कंपनियों को सेस लगाने की सोच रही है.
बता दें कि दुनिया के कुछ विकसित देशों में तेल उत्पादक कंपनियों पर इस तरह के टैक्स लगाए जाते रहे हैं. ब्रिटेन ने 2011 में उत्तरी सागर से निकलने वाले पेट्रोल और गैस पर इसी तरह का टैक्स लगाते हुए 75 डॉलर प्रति बैलर का रेट तय किया था. वहीं वर्ष 2008 में जब तेल की कीमतें उछाल पर थी, तब भारत में भी ऐसे टैक्स का प्रस्ताव रखा गया था, लेकिन केयर्न इंडिया जैसी प्राइवेट कंपनियों की तरफ से भारी विरोध के कारण इसे तब ठंडे बस्ते में डाले दिया गया था.
साभार- आईबीएन खबर