24-Apr-2024

 राजकाज न्यूज़ अब आपके मोबाइल फोन पर भी.    डाउनलोड करने के लिए यहाँ क्लीक करें

राम मंदिर निर्माण के लिए सरकार हफ्ते भर में कर सकती है ट्रस्ट का ऐलान

Previous
Next

अयोध्या के मंदिर-मस्जिद की जमीन के मालिकाना हक के विवाद पर पिछले साल 9 नवम्बर को सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले पर अमल की घड़ी नजदीक आती दिख रही है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने देश की सर्वोच्च अदालत के आदेश पर अमल करते हुए अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए अगले एक सप्ताह के भीतर ट्रस्ट गठित करने पर तेजी से कार्रवाई शुरू कर दी है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार यह ट्रस्ट अयोध्या में राम मंदिर बनाने के तौर तरीके तय करेगा।

नई दिल्ली ब्यूरो के अनुसार केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट के गठन और मस्जिद के लिए जमीन देने की पेशकश की एक सप्ताह के भीतर घोषणा किए जाने की संभावना है। मामले से जुड़े अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। सुप्रीम कोर्ट  ने राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मुद्दे का निपटारा करते हुए ट्रस्ट के गठन और मस्जिद के लिए जमीन देने का निर्णय किया था।

गृह मंत्रालय ने राम मंदिर निर्माण के वास्ते ट्रस्ट बनाने के लिए एक आधारभूत ढांचा तैयार किया है और उत्तर प्रदेश सुन्नी वक्फ बोर्ड को दी जाने वाली जमीन की पहचान की है। समूचा प्रस्ताव मंजूरी के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल के समक्ष रखा जाएगा। घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले एक अधिकारी ने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल की स्वीकृति मिलने के बाद ट्रस्ट निर्माण की घोषणा और मस्जिद के लिए पांच एकड़ का प्लॉट देने की पेशकश संभवत: एक सप्ताह के भीतर की जाएगी। उत्तर प्रदेश सुन्नी वक्फ बोर्ड को तीन प्लॉट की पेशकश की जाएगी जिससे कि वह कोई एक उपयुक्त प्लॉट चुन सकें।

9 फरवरी को पूरी हो रही है तीन महीने की मियाद
शीर्ष अदालत ने नौ नवंबर 2019 के निर्णय में अयोध्या में ट्रस्ट के माध्यम से संबंधित स्थल पर राम मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त कर दिया था और केंद्र को निर्देश दिया था कि वह सुन्नी वक्फ बोर्ड को नई मस्जिद के निर्माण के लिए अयोध्या में पांच एकड़ का प्लॉट दे। शीर्ष अदालत ने कहा था कि मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट का गठन तीन महीने के भीतर होना चाहिए। यह मियाद 9 फरवरी को पूरी हो रही है।

कैसा होगा ट्रस्ट
2 अप्रैल को रामनवमी पड़ रही है। तैयारी कुछ इस तरह से की जा रही है कि रामनवमी के अवसर पर रामजन्म भूमि पर मंदिर का शिलान्यास एक भव्य समारोह में किया जाए। अयोध्या के संत समाज का दावा है कि अयोध्या में राम मंदिर के लिए प्रस्तावित ट्रस्ट गुजरात के सोमनाथ मंदिर और जम्मू के वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड का मिलाजुला रूप होगा। सोमनाथ मंदिर के ट्रस्ट में तो 6 ही सदस्य हैं मगर अयोध्या के ट्रस्ट में यह संख्या बढ़ाई जा सकती है।

इन नामों की है चर्चा
ट्रस्ट में शामिल किये जाने वालों में जो नाम प्रमुखता से लिए जा रहे हैं, उनमें रामजन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास, निरमोही अखाड़ा के महंत द्विजेन्द्र दास, निर्वाणी अनि अखाड़े के महंत धर्मदास (इनके गुरू महंत अभिरामदास) रामलला के पुजारी थे)। इनमें कुछ अन्य बड़े धर्मगुरू, राम मंदिर आन्दोलन से जुडे संगठनों के प्रतिनिधि व प्रमुख समाजसेवी भी शामिल किए जा सकते हैं।

मस्जिद बनाने को तीन प्लाट चिन्हित
जानकारी के अनुसार सुप्रीम कोर्ट के फैसले के क्रियान्वयन के लिए केंद्र में गठित अयोध्या डेस्क से जुड़े अधिकारियों ने सन्नी वक्फ बोर्ड को 5 एकड़ जमीन देने के लिए अयोध्या में तीन प्लाट चिन्हित कर लिए हैं। इनमें एक प्लाट बोर्ड को दिया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट के फैसले में यूपी सुन्नी वक्फ बोर्ड को अयोध्या में ही किसी अन्य स्थान पर मस्जिद बनाने के लिए 5 एकड़ जमीन देने के लिए केन्द्र सरकार को आदेश दिया गया था। यह भी जानकारी मिली है कि अयोध्या जिला प्रशासन ने सुन्नी वक्फ बोर्ड को मस्जिद बनाने के लिए अयोध्या में पांच स्थान चिन्हित करके इसका प्रस्ताव प्रदेश शासन को पहले ही भेज दिया था। बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एस.एम. शुएब के अनुसार जैसा कि बोर्ड के चेयरमैन जुफर फारूकी पहले ही कह चुके हैं कि जब प्रस्ताव आएगा तभी उस पर विचार कर आगे का निर्णय लिया जाएगा।

साभार- ला हि

Previous
Next

© 2012 Rajkaaj News, All Rights Reserved || Developed by Workholics Info Corp

Total Visiter:26592331

Todays Visiter:1970