Publish Date:08-Jun-2019 00:02:29
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की ओर से रेपो रेट में की गई कटौती का फायदा सबसे पहले फायदा SBI देने जा रहा है. SBI ने मार्च 2019 में ही अपनी सेविंग्स डिपॉजिट और कर्ज दरों को RBI रेपो रेट से जोड़ने की घोषणा कर दी थी. इसीलिए RBI के ब्याज दरों (रेपो रेट) में की गई 0.25 फीसदी की कटौती का फायदा एसबीआई कस्टमर्स को तुरंत मिलेगा. 1 जुलाई से इसके जरिए लिंक सभी लोन 0.25 फीसदी तक सस्ते हो जाएंगे. एक्सटर्नल बेंचमार्किंग नियम के तहत यह पहल करने वाला एसबीआई देश का पहला बैंक है.आपको बता दें कि SBI 1 मई से लोन को लेकर बड़ा बदलाव कर चुका है. बैंक ने रेपो रेट को बैंक दरों से जोड़ दिया है. यह फैसला एक लाख रुपये से ज्यादा के लोन पर लागू है.
क्या है एक्सटर्नल बेंचमार्किंग- एक्सटर्नल बेंचमार्किंग नियम के तहत लोन्स में ‘फ्लोटिंग’ (परिवर्तनीय) ब्याज दरें रेपो रेट या गवर्मेंट सिक्योरिटी में निवेश पर यील्ड जैसे बाहरी मानकों से संबद्ध की जाएंगी. इसका फायदा यह होगा कि RBI द्वारा पॉलिसी रेट घटाते या बढ़ाते ही कस्टमर्स के लिए लोन भी तुंरत सस्ते या महंगे हो जाएंगे. फिलहाल बैंक अपने कर्ज पर दरों को प्रिंसिपल लेंडिंग रेट (PLR), बेंचमार्क प्रिन्सिपल लेंडिंग रेट (BPLR), बेस रेट और मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड बेस्ड लेंडिंग रेट (MCLR) जैसे आंतरिक मानकों के आधार पर तय करते हैं.
सभी SBI कस्टमर्स को फायदा नहीं-एसबीआई द्वारा की गई घोषणा के मुताबिक, आरबीआई द्वारा नीतिगत दरों में बदलाव का फायदा ग्राहकों को तुरंत देने के उद्देश्य से सेविंग डिपॉजिट और कम अवधि के कर्ज की ब्याज दर को रेपो रेट से जोड़ने का फैसला एक मई 2019 से लागू होगा. हालांकि इससे एसबीआई के सभी ग्राहकों को फायदा नहीं होगा. नया नियम सिर्फ उन्हीं खातों पर लागू होगा, जिनमें एक लाख रुपये से अधिक राशि हो.
साभार- न्यूज 18