Publish Date:22-May-2019 20:11:25
नई दिल्ली/भोपाल। लोकसभा चुनाव में अपनी हार से बौखलाई 22 विपक्षी पार्टियां ईवीएम पर ठीकरा फोड़ने की भूमिका तैयार कर रही हैं। ईवीएम का विरोध करके ये पार्टियां देश की जनता से मिले जनादेश का अपमान तो कर ही रही हैं, ये दुनिया में देश और उसके लोकतंत्र की छवि को भी धूमिल करने का प्रयास कर रही हैं। यह बात भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह ने ईवीएम पर सवालिया निशान लगाने की विपक्षी दलों की कोशिश पर टिप्पणी करते हुए कही। उन्होंने कहा कि ईवीएम पर विपक्ष का हंगामा सिर्फ भ्रान्ति फैलाने का प्रयास है, जिससे प्रभावित हुए बिना देश की जनता को लोकतांत्रिक संस्थानों की मजबूती के प्रयास करना चाहिए। श्री शाह ने ईवीएम को लेकर विपक्षी दलों द्वारा किए जा रहे अनर्गल प्रलाप और देश में अराजकता फैलाने के उनके कुत्सित इरादों को लेकर उन्हें फटकार लगाते हुए 6 सवाल पूछे हैं, जो इस प्रकार हैं-
·राष्ट्रीय अध्यक्ष शाह ने विपक्षी दलों से पूछा है कि ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल उठाने वाले दलों और नेताओं ने ईवीएम के माध्यम से ही चुनाव जीते हैं और कई राज्यों में अभी उनकी सरकारें भी हैं। यदि उन्हें ईवीएम पर विश्वास नहीं है, तो उन्होंने चुनाव जीतकर सत्ता क्यों संभाली?
·शाह ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने तीन से अधिक जनहित याचिकाओं पर संज्ञान लेकर यह व्यवस्था दी है कि हर विधानसभा क्षेत्र में पांच वीवीपैट को गिना जाए। विपक्षी दल इस व्यवस्था पर संदेह जताकर क्या सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर भी सवालिया निशान नहीं लगा रहे हैं?
·शाह ने पूछा है कि ईवीएम पर विपक्षी दलों का हंगामा एक्जिट पोल के नतीजे आने के बाद तेज हुआ है। लेकिन एक्जिट पोल ईवीएम के आधार पर नहीं, बल्कि मतदाताओं से हुई चर्चा के आधार पर किया जाता है। इसलिए एक्जिट पोल के आधार पर ईवीएम की विश्वसनीयता पर संदेह जताना कहां से उचित है?
·शाह ने कहा कि चुनाव आयोग ने सभी दलों को चुनौती देते हुए उन्हें इस बात के लिए आमंत्रित किया था कि वे आएं और ईवीएम में गड़बड़ी करके दिखाएं। यदि ईवीएम की विश्वसनीयता पर संदेह था, तो उस समय किसी भी दल ने इस चुनौती को स्वीकार क्यों नहीं किया?
·शाह ने कहा कि वीवीपैट के आने के बाद अब मतदाता यह देख सकता है कि उसका वोट किस उम्मीदवार को गया है। इतनी पारदर्शी प्रक्रिया होने के बावजूद उस पर सवाल उठाना कहां से उचित है?
·शाह ने प्रश्न किया है कि कुछ विपक्षी दल चुनाव परिणाम अनुकूल न आने पर हथियार उठाने और खून बहाने जैसे आपत्तिजनक बयान दे रहे हैं। ऐसे हिंसात्मक और अलोकतांत्रिक बयान के द्वारा विपक्ष किसे चुनौती दे रहा है?
मतगणना में विशेष सतर्कता बरतेगी भाजपा
भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता मतगणना के दौरान पूरी तरह सतर्क और सचेत रहेंगे, क्योंकि प्रदेश की कमलनाथ सरकार हार की बौखलाहट में सरकारी मशीनरी के दुरूपयोग का दुस्साहस कर सकती है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष श्री राकेश सिंह ने इस बात को ध्यान में रखते हुए सभी संसदीय क्षेत्रों के चुनाव कार्य में लगे महत्वपूर्ण कार्यकर्ताओं और जिला स्तर पर मतगणना कार्य को संपन्न कराने वाले कार्यकर्ताओं के साथ मतगणना कार्य की बारीकियों और सावधानियों पर विस्तार से चर्चा की।
प्रदेश अध्यक्ष ने संसदीय क्षेत्रों के लिए कुछ वरिष्ठ नेताओं को विशेष रूप से निगरानी रखने के लिए कहा है। जैसे छिंदवाड़ा में पूर्व मंत्री श्री गौरीशंकर बिसेन और सांसद श्री कैलाश सोनी, झाबुआ में पूर्व मंत्री श्री अंतरसिंह आर्य, सीधी में पूर्व मंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ला और गुना में पूर्व मंत्री श्री लालसिंह आर्य आदि विशेष सतर्कता की चिंता करेंगे। श्री राकेश सिंह ने कहा है कि मध्यप्रदेश की लोकसभा सीटों पर हम प्रचंड बहुमत के साथ जीतने वाले हैं। कांग्रेस को भी यह बात समझ में आ गयी है, इसलिए वह सरकारी मशीनरी का दुरूपयोग करना चाहती है। गत दिवस छिंदवाड़ा में हमारे प्रत्याशी और पोलिंग एजेंटस को गिरफ्तार करके कमलनाथ सरकार ने अपनी नियत को साफ कर दिया है कि वह चुनाव में किस प्रकार के हथकंडे़ आजमाना चाहती है।