20-Apr-2024

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आसान उपाय अपनाकर कम कर सकते हैं बिजली बिल

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भोपाल : सोमवार, जुलाई 1, 2019, राज्य के ऊर्जा विभाग ने प्रदेशके बिजली उपभोक्ताओं के बिजली बिल कम करने के उपायों से संबधित एडवाइजरी जारी की है। एडवाइजरी के मुताबिक बिजली उपभोक्ता दिन में सूर्य के प्रकाश का अधिकतम उपयोग करें तथा गैर-जरूरी पंखे, लाईट इत्यादि उपकरणों को बंद रखें। विशेषत: कार्यालयीन समय में भोजनावकाश के दौरान, घर से बाहर एवं कक्ष से बाहर जाते समय, ध्यानपूर्वक समस्त प्रकाश, पंखे एवं कंप्यूटर मानिटर इप्यादि को बंद करें चाहे वे थोड़े समय के लिए ही क्यों न बाहर जा रहे हों।

एडवाइजरी के अनुसार ब्यूरो आफ एनर्जी इफिशिएंसी द्वारा प्रमाणित कम से कम तीन सितारा चिन्हित ऊर्जा दक्ष उपकरणों का क्रय करने से ऊर्जा खपत कम की जा सकती है। इलेक्ट्रानिक उपकरण जैसे टी.वी को स्टैण्डबाई मोड पर न रखने से एक वर्ष में लगभग 70 यूनिट विद्युत की बचत हो सकती है।

कम्प्यूटर- कम्प्यूटर के मॉनिटर एवं कापियर्स को स्लीप मोड में रखने से लगभग 40 प्रतिशत ऊर्जा की बचत होती है। एलईडी मॉनिटर का प्रयोग करें। यह पारंपरिक सी.आर.टी. मॉनिटर की तुलना में कम ऊर्जा खर्च करता है। यदि एक कम्प्यूटर 24x7 घंटे चालू रखा जाए, तो यह फ्रिज से अधिक विद्युत खर्च करता है। अत: उपयोग न होने पर कम्प्यूटर बंद रखें।

एलईडी, सीएफएल एवं साधारण बल्ब की ऊर्जा खपत तुलना

उजाला कार्यक्रम में एलईडी बल्ब और एलईडी टयूबलाईट वितरित किए जा रहे हैं। बिजली बचत वाले पंखे भी उपलब्ध कराये जा रहे हैं।

रूफ टाप सोलर पैनल- सौर ऊर्जा मिशन के पायलट प्रोजेक्ट में भारत सरकार के गैर-परम्परागत ऊर्जा मंत्रालय द्वारा 10 कि.वा. से 500 कि.वा. के रूफ टाप सोलर पैनल लगाए जा रहे हैं। इस कार्य के लिए सोलर एनर्जी कार्पोरेशन आफ इंडिया नोडल एजेंसी के रूप में कार्य कर रही है।

सीलिंग फैन- वर्तमान में नियमित पंखों के स्थान पर बीईई फाईव स्टार रेटेड एवं उच्च दक्षता के पंखे ऊर्जा की बचत करने में सहायक होते हैं। इनमें लगभग आधी बिजली खर्च होती है। फ्रिज को दीवार, सीधे सूर्य का प्रकाश अथवा अन्य ऊष्मा देने वाले उपकरणों के पास न रखें। फ्रिज के पीछे कंडेंसर क्वाईल पर जमी धूल से मोटर को अधिक कार्य करना पड़ता है एवं बिजली ज्यादा लगती है, अत: क्वाईल्स को नियमित साफ करें।

एयर कंडीशनर्स (एसी)- 25 डिग्री सेंटीग्रेड की सेटिंग पर न्यूनतम खर्च में अधिकतम आरामदेह वातानुकूलन प्राप्त होता है। थर्मोस्टेट की सेटिंग शीत काल में 2 डिग्री कम एवं ग्रीष्म काल में 2 डिग्री अधिक करने पर लगभग 900 किलो कार्बन डायआक्साईड का उत्सर्जन कम किया जा सकता है।

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