Publish Date:08-Jan-2019 13:21:13
राजकाज न्यूज, भोपाल
बिना वोटिंग प्रोटेम स्पीकर ने एनपी प्रजापति को घोषित किये जाने पर बी जे पी ने विधानसभा में जमकर हंगामा किया। विपक्ष के विधायकों ने आंसदी के समक्ष हंगामा किया और इसके बाद सदन से बर्हिगमन कर दिया। जबकि आंसदी से प्रोटेम स्पीकर ने नियम पांच का हवाला देकर पहले प्रस्ताव को अनुमोदित किया। 52 साल बाद हो रहा है कि मध्यप्रदेश विधानसभा के स्पीकर का चुनाव हो रहा है। अब तक निर्विरोध ही विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव होता रहा है। सदन के बाहर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हमने भारी मन से सदन का बहिष्कार किया। प्रोटेम स्पीकर को कम वरिष्ठता के बाद भी बनाया गया। उधर, एन पी प्रजापति को 120 मतों के साथ विधानसभा का अध्यक्ष चुन लिया गया और अध्यक्ष की आंसदी पर बैठा दिया गया। इसके बाद सदन की कार्यवाही भी शुरू हो गयी। सदन की कार्यवाही को दोपहर 3 बजे तक स्थगित कर दिया गया है।
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हमने विजय शाह को अध्यक्ष पद का उम्मीदवार घोषित किया था, लेकिन उनके नाम को प्रस्तावित भी नहीं किया गया। यह घोर अलोकतांत्रिक है। संविधान की मर्यादा को तार-तार किया गया। यह इस भय से किया गया ताकि एक तरफा इस तरह की घोषणा की गयी। हम इसका विरोध करेंगे। हम मूक दर्शक होकर नहीं बैठेंगे। यहां से हम पैदल मार्च करते हुए हम राजभवन जाकर राज्यपाल को ज्ञापन सौंपेंगे।
डाॅ. नरोत्तम मिश्र ने कहा कि कार्यसूची में जिन सदस्यों का नाम होगा उनके नाम को पुकारने की परंपरा है। यहां नियम और पंरपंरा की धज्जियां उड़ाई गयी। मनमानी करने के लिए कम वरिष्ठता के व्यक्ति को प्रोटेम स्पीकर बनाया गया। अगर ये चाहते तो हमारे प्रस्ताव का उल्लेख करते और मत विभाजन करा लेते। जो किया वह असंवैधानिक है। नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने कहा कि हम इस अलोकतांत्रिक कार्य का विरोध करेंगे। आदिवासी नेता का नाम नहीं पढ़ा गया। यह काला दिन है, मध्यप्रदेश का। विपक्ष ने चर्चा के बाद राजभवन की ओर कूच कर दिया।
पूर्व में मध्यप्रदेश विधानसभा में प्रोटेम स्पीकर ने मंगलवार को कांग्रेस के एनपी प्रजापित को बिना वोटिंग के विधानसभा अध्यक्ष घोषित किया। घोषणा होते ही भाजपा के विधायक गर्भगृह में आकर नारेबाजी करने लगे। हगांमा बढ़ने पर प्रोटेम स्पीकर ने सदन की कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित कर दी। कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर भी हंगामा जारी रहा। प्रोटेम स्पीकर के बार-बार अपील करने के बाद भी जब भाजपा विधायक अपनी सीटों पर नहीं गए तो उन्होंने दोबारा कार्यवाही स्थगित कर दी। सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर विपक्ष ने बर्हिगमन कर दिया।
जब सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो संसदीय कार्य मंत्री गोविंद सिंह ने अध्यक्ष पद के चुनाव का प्रस्ताव पेश किया। एनपी प्रजापति के पक्ष में चार प्रस्ताव प्रोटेम स्पीकर के पास पहुंचे। पांचवां प्रस्ताव भाजपा के विजय शाह का पहुंचा। इसके बाद प्रोटेम स्पीकर ने नियम पांच का हवाला देकर पहले आए प्रस्ताव को अनुमोदित करते हुए एनपी प्रजापति को नया विधानसभा अध्यक्ष घोषित कर दिया।
वहीं, मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि विपक्ष जानता था कि उसके पास बहुमत नहीं है, उसके बाद भी उन्होंने परंपरा को तोड़ा। सरकार के अध्यक्ष के ऊपर कोई दबाव नहीं बनाया। उन्होंने अपने विवेक से निर्णय लिया।
गोपाल भार्गव बने विपक्ष के नेता
भाजपा विधायक गोपाल भार्गव को नेता विपक्ष चुना गया। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने उन्हें बधाई दी, तो गोपाल भार्गव ने सकारात्मक सहयोग का वादा किया। संसदीय कार्यमंत्री गोविंद सिंह ने सदन की कार्ययोजना पढ़कर सुनाई।