Publish Date:10-Sep-2019 00:50:55
भोपाल। आॅल इंडिया बैंक आॅफ महाराष्ट्र एम्प्लाईज फेडरेशन एवं बैंक आॅफ महाराष्ट्र आॅफिसर्स एसोसिएशन के आह्वान पर बैंक आॅफ महाराष्ट्र के उच्च प्रबंधन की बैंक कर्मचारी-अधिकारी विरोधी नीतियों एवं लम्बित माँगों के निराकरण हेतु देशभर के बैंक आॅफ महाराष्ट्र के हजारों बैंक कर्मचारी एवं अधिकारी आन्दोलनरत हैं। आन्दोलित बैंक कर्मियों की माँग है कि - यूनियन के साथ किए गये समझौतों का पालन किया जावे, बैंक की सभी शाखाओं एवं ए.टी.एम. में सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की जावे, क्लर्क, सब-स्टाफ एवं पी.टी.एस. के रिक्त पदों को भरा जावे, अधिकारियों को दुर्भावनावश जारी किये गये निष्कासन नोटिस, वापिस लिये जावें, अधिकारियों- विशेष रूप से महिला अधिकारियों को जारी असुविधाजनक स्थानांतरण आदेशों पर पुनर्विचार किया जावे, अधिकारियों के नियमित कार्य के घण्टे तय किये जावें, अधिकारियों को साप्ताहिक अवकाश तथा सरकारी छुट्टी के दिनों में कार्य करने से राहत प्रदान की जावे इत्यादि।
राष्ट्रव्यापी आन्दोलन के तारतम्य में बैंक आॅफ महाराष्ट्र एम्प्लाईज यूनियन (म.प्र.), बैंक आॅफ महाराष्ट्र आॅफिसर्स एसोसिएशन (म.प्र.), मध्यप्रदेश बेंक एम्प्लाईज एसोसिएशन एवं म.प्र. बैंक आॅफिसर्स एसोसिएशन के संयुक्त तत्वावधान में राजधानी भोपाल की विभिन्न बैंकों के सैकड़ों बैंक कर्मचारी एवं अधिकारी आज शाम 5ः45 बजे बैंक आॅफ महाराष्ट्र जोनल आॅफिस अरेरा हिल्स भोपाल के सामने एकत्रित हुए, उन्होंने अपनी माँगों के समर्थन में जोरदार नारेबाजी कर प्रभावी प्रदर्शन किया। आन्दोलित बैंक कर्मी बैनर एवं माँगों के प्ले कार्ड्स लिये हुए बैंक के उच्च प्रबन्धन की कर्मचारी-अधिकारी विरोधी नीतियों के खिलाफ नारे लगा रहे थे। प्रदर्शन के पश्चात सभा हुई, जिसे बैंक कर्मचारी अधिकारी नेताओं साथी वी.के. शर्मा, किसन खैराजानी, अशोक पंचोली, विवेक शर्मा, गजेन्द्र पडहार, कैलाश माखीजानी, दीपक रत्न शर्मा, एम.जी. शिन्दे, गुणशेखरन, प्रभात खरे, जे.पी. दुबे, देवेन्द्र खरे, वैभव गुप्ता, सौरभ पाराशर, राजीव रंजन सिंह आदि ने सम्बोधित किया।
वक्ताओं ने बताया कि बैंक आॅफ महाराष्ट्र का उच्च प्रबन्धन लगातार बैंक कर्मचारी-अधिकारी विरोधी नीतियाँ अपना रहा है। यूनियन के साथ किये गये समझौतों का पालन नहीं कर रहा है। महिला बैंक कर्मियों को असुविधाजनक स्थानांतरण के हथियार से प्रताड़ित किया जा रहा है। बैंक के नीचे तबके के कर्मचारियों को पदोन्नत नहीं किया जा रहा है। लगातार कार्य बढ़ रहा है, लेकिन क्लर्क, सब-स्टाफ एंव पी.टी.एस. के रिक्त पदों को नहीं भरा जा रहा है। बैंक में जंगल-राज कायम है। अधिकारियों का आने का समय है, लेकिन जाने का समय निश्चित नहीं है। छुट्टी के दिनों में कार्य करने के लिए मजबूर किया जाता है, न करने की स्थिति में असुविधाजनक स्थानांतरण किये जा रहे हैं, खराब ऋणों की वसूली के लिए किसी भी प्रकार के कारगर कदम नहीं उठाये जा रहे, बल्कि खराब ऋणों से ध्यान हटाने के लिए बैंक कर्मियों को प्रताड़ित किया जा रहा है। वक्ताओं ने बैंक के उच्च प्रबंधन को आगाह किया कि द्विपक्षीय वार्तालाप के माध्यम से माँगों का निराकरण किया जावे अन्यथा आने वाले दिनों में आन्दोलन को और तेज किया जावेगा, जिससे हड़ताल आदि के कार्यक्रम भी शािमल होंगे।