Publish Date:01-Sep-2019 19:55:21
दुष्यंत कुमार संग्रहालय विचार का आन्दोलन बन गया है
संग्रहालय जीवंत परंपरा का संवाहक है.
दुष्यंत की ग़ज़ल का अनावरण
भोपाल. "दुष्यंत कुमार स्मारक पाण्डुलिपि संग्रहालय विचार का आन्दोलन बन गया है. अभी देश में विचार का संकट है"-ये विचार व्यक्त किये वरिष्ठ पत्रकार श्री राजेश बादल ने. वे संग्रहालय में आयोजित दुष्यंत कुमार स्मारक व्याख्यानमाला में 'ये सूरत बदलनी चाहिए' विषय पर बोल रहे थे. उन्होंने अन्जय तिवारी स्मृति रंग सम्मान समारोह की अध्यक्षता भी की. मुख्य अतिथि प्रख्यात रंगकर्मी और अभिनेता श्री राजीव वर्मा थे. जबकि स्मृति सम्मान समारोह के मुख्य अतिथि दुष्यंत कुमार के सुपुत्र श्री आलोक त्यागी थे. श्री राजीव वर्मा ने कहा कि संग्रहालय जीवंत परंपरा का संवाहक है. वहीँ श्री आलोक त्यागी ने कहा कि मंच पर जिन लोगों का सम्मान हुआ है, उन्होंने सचमुच ही सूरत बदलने का काम किया है. इस अवसर पर आरम्भ में दुष्यंत कुमार की हस्तलिखित ग़ज़ल का 'बयान' पर अनावरण भी किया गया. सुनील दुबे वृक्षमित्र के सहयोग से संग्रहालय परिसर में पौधारोपण भी किया गया.
समारोह के पहले चरण में अंजय तिवारी स्मृति सम्मान से प्रसिद्ध रंगकर्मी श्री बद्र वस्ती और श्री हेमंत देवलेकर को सम्मानित किया गया.
समारोह के दूसरे चरण में 'स्मृति सम्मान समारोह 'संपन्न हुआ, जिसमे
युगेश शर्मा कमलेश्वर सम्मान
विनीता राहुरीकर कन्हैयालाल नन्दन सम्मान
पुष्पेन्द्र पाल सिंह राजेन्द्र जोशी सम्मान
सोमेन्द्र यादव अखिलेश जैन सम्मान
पवार राजस्थानी बालकवि बैरागी सम्मान
डॉ भैरूंलाल गर्ग विजय शिरढोणकर सम्मान
प्रतिभा गोटीवाले सुषमा तिवारी सम्मान
विमल भंडारी अंशलाल पन्द्रे सम्मान
अशोक व्यग्र ब्रजभूषण शर्मा सम्मान
चरणजीत सिंह कुकरेजा विट्ठल भाई पटेल सम्मान
से सम्मानित किये गए.
समारोह में अलंकरणों की पृष्ठभूमि पर प्रकाश डालते हुए निदेशक राजुरकर राज ने सञ्चालन किया, वही श्री अशोक निर्मल और ममता तिवारी ने स्वागत वक्तव्य दिया औए संरक्षक श्री मनोज सिनी मीक ने आभार व्यक्त किया.