मुख्यमंत्री कमल पटैल को काम पर लगायें या बर्खास्त करें- जीतू पटवारी
भोपाल। मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कृषि मंत्री कमल पटेल को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि पूरे प्रदेश में उपार्जन का तो शोर मचाया जा रहा है लेकिन बारदाने की किल्लत दूर नहीं की जा रही है। कृषि मंत्री पटेल एक तरफ खुद बारदाना कम होने की बात स्वीकार कर केंद्र पर दोष मढ़ रहे हैं तो दूसरी तरफ सहकारिता मंत्री गोविंद राजपूत बारदाने की कमी को नकार रहे हैं और इन दोनों मंत्रियों के झगड़े में किसान हलाकान हो रहा है। उसे तीन तीन दिन तक लाइन में खड़े होने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। इस भीषण गर्मी में बिना पानी भोजन की व्यवस्था के किसान ही जानता है कि वह किस तरह लाइन में लगा है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी इस संबंध में ट्वीट किया है।
पटवारी ने कहा कि कमल पटेल को काम की बात करना चाहियेऔर किसानों के लिये इंतजाम करना चाहिये, अपनी अक्षमता छुपाने के.लिये वे आईएएस अधिकारियों को काला अंग्रेज कहकर अपमानित न करें। उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि सरकार ऐसे अयोग्य व्यक्ति को जो अपनी असफलता खुद ही बता रहा है को मंत्रिमंडल से तत्काल बर्खास्त कर देना चाहिये ।पटवारी ने प्रश्न किया कि शिवराज जी यह भी बतायें क्या रंगभेद उनकी सरकार की नीति का हिस्सा है?
पटवारी ने मांग की कि कमल पटेल अगर समय पर बारदाने का इंतजाम नहीं कर पाते हैं तो प्रदेश के किसान उनका रंग सुधार देंगे। उन्होंने कहा कि कमलनाथ जी की सरकार में दक्षता की कदर थी काले या गोरे के आधार पर वहां फैसले नहीं होते थे। केवल खबर बनाने के लिए इस तरह के बयान देना अधिकारी समाज की अवमानना है।
कमल पटेल को चाहिए कि कोरी बयानबाजी करने की बजाय वे देखें कि दूसरे राज्यों के गरीबों का गेंहूं मध्यप्रदेश के उपार्जन का हिस्सा न बन जाये।जैसा सागर के सुरखी क्षेत्र में होता रहा है। पीडीएस का चावल भाजपा के कार्यकर्ताओं के वेयरहाऊस न पहुंचे जैसा मंदसौर में हुआ है। आज आपदा को अवसर बनाकर जनता का राशन लूटने वालों पर नकेल कसने की जरूरत है न कि गाल बजाने की।
ट्वीट पर कमलनाथ ने भी किसानों की पीड़ा बताई
आज भी बड़ी संख्या में किसान उपार्जन केंद्रो के बाहर भीषण गर्मी में भूखे प्यासे लंबी- लंबी लाइनें लगाकर अपनी उपज बेचने के लिये खड़े हुए है।
कई गेहूँ ख़रीदी केंद्रो पर बारदान की कमी , तुलाई व्यवस्था नहीं होने से ख़रीदी प्रभावित हुई है , किसान परेशान हुए है।
इसे देखते हुए गेहूँ ख़रीदी की तारीख़ को सभी केंद्रो पर आगे बढ़ाया जावे और इन उपार्जन केंद्रो पर रखे गेहूँ का शीघ्र परिवहन कर भंडारण करवाया जावे क्योंकि भविष्य में बारिश की संभावना से खुले में रखा गेहूँ ख़राब होने की आशंका है।
https://twitter.com/OfficeOfKNath/status/1267062810628030464?s=19