25-Apr-2024

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नगरीय निकाय की ग्राउण्ड स्टडी के आधार पर बने विकास की रणनीति

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मंत्री जयवर्द्धन सिंह ने की नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ अर्बनाइजेशन की स्थापना के संबंध में चर्चा

भोपाल : शनिवार, फरवरी 9, 2019, नगर निगम, नगर पालिका और नगर परिषद की ग्राउण्ड स्टडी कर उसकी चुनौतियों और समस्याओं के निराकरण के संबंध में रणनीति बनायी जाये। इसी रणनीति के आधार पर विकास के कार्य करवाये जायें। नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री जयवर्द्धन सिंह ने नेशनल इंस्टीटयूट ऑफ अर्बनाइजेशन के संबंध में अधिकारियों से चर्चा करते हुए यह सुझाव दिये।

मंत्री श्री सिंह ने कहा कि नगरीय निकायों को आत्म-निर्भर बनाने के लिए प्रेरित करना होगा। उन्होंने कहा कि योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए निकाय पूरी तरह से अनुदान पर निर्भर हैं। अपने हिस्से की 10 प्रतिशत राशि भी नहीं दे पाते हैं। श्री सिंह ने कहा कि विकास की प्लानिंग करते समय गाँवों से शहरों की ओर हो रहे माइग्रेशन को भी ध्यान में रखा जाये। नगरीय विकास के विशेषज्ञों की सेवाएँ भी ली जायें।

अटल बिहारी बाजपेयी सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान के महानिदेशक श्री आर. परशुराम ने कहा कि नगरीय विकास एवं आवास विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों के साथ ही निर्वाचन के तुरंत बाद निर्वाचित पदाधिकारियों की ट्रेनिंग भी होना चाहिए। उन्होंने कहा कि 30 से 45 वर्ष तक के अनुभवी नगरीय विकास के विशेषज्ञों की सेवाएँ लेने का प्रावधान भी होना चाहिए। श्री परशुराम ने कहा कि भोपाल में बनने वाला संस्थान अन्य राज्यों के लिए भी उपयोगी होगा।

आयुक्त नगरीय विकास एवं आवास श्री गुलशन बामरा ने कहा कि नगरीय निकायों में मुख्य रूप से अमृत, स्वच्छ भारत मिशन, प्रधानमंत्री आवास और स्मार्ट सिटी की योजनाओं में काम हो रहा है। पेयजल और सीवरेज की समस्याओं का निराकरण प्राथमिकता में शामिल है।

शहरी विकास विशेषज्ञ श्रीमती सुनाली रोहरा ने नेशनल इंस्टीट्यूट की स्थापना के उद्देश्यों एवं महत्व के बारे में प्रेजेन्टेशन दिया। उन्होंने बताया कि संस्थान की स्थापना में डी.एफ.आई.डी., यूएसआईडी, एमआईटी, आक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी जैसे संस्थान भी सहयोग के इच्छुक हैं। श्रीमती सुनाली ने बताया कि संस्थान के संचालन के लिए 25 सदस्यों का एक स्वतंत्र बोर्ड होगा। संस्थान सेंटर ऑफ एक्सीलेंस, सर्विस लाइन्स और रीजनल चेप्टर्स के रूप में कार्य करेगा। यह पीपीपी मोड में चलाया जा सकता है।

वर्ष 2025 तक 38 प्रतिशत होगी शहरी आबादी

श्रीमती सुनाली ने बताया कि वर्ष-2025 तक भारत में 38 प्रतिशत आबादी शहरी होने का अनुमान है। उन्होंने शहरों में पुअर क्वालिटी ऑफ लाइफ के कारणों, शहरीकरण की धीमी गति और एक्सपर्ट की कमी की ओर ध्यान आकृष्ट किया। उन्होंने कहा कि देश के आर्थिक विकास के लिए शहरीकरण जरूरी है।

बैठक में प्रमुख सचिव नगरीय विकास एवं आवास श्री संजय दुबे, सचिव श्री राजीव शर्मा, संचालक टी एण्ड सी.पी. श्री राहुल जैन,अपर आयुक्त श्री स्वतंत्र सिंह, अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान के मुख्य सलाहकार श्री एम.एम. उपाध्याय और श्री चितरंजन त्यागी ने भी महत्वपूर्ण सुझाव दिये।

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