17-Apr-2024

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साइबर क्राइम देगा देशभर के पुलिस अधिकारियों को प्रशिक्षण

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समस्त प्रदेशों के अधिकारियों का प्रशिक्षण कार्यक्रम भोपाल में
03 दिवसीय प्रषिक्षण कार्यक्रम में सम्मिलित हुए 12 राज्य

   
मुझे यह कहते हुए बढी प्रशन्नता हो रही है, साइबर की टीम ने पिछले दिनो से बहुत शानदार काम किया हैै, और हम लोेगों को यहां तक आने का मौका दिया है, कि हम प्रषिक्षण आयोजित कर दूसरे प्रदेशों को भी अपने साथ लेकर आगे बढ़ेगे।  

उपरोक्त उदगार पुलिस महानिदेशक भोपाल ऋषि कुमार शुक्ला द्वारा पुलिस मुख्यालय कान्फ्रेन्स हाॅल में व्यक्त किये । शुक्ला के द्वारा आज 03 दिवसीय सेमिनार साइबर क्राइम इन्वेस्टिगेष्न प्रषिक्षण कार्यक्रम की शुरूआत के दौरान व्यक्त किये गए।  कार्यक्रम में मुख्य रूप से विशेष पुलिस महानिदेशक साइबर बी मारिया कुमार, उप.पुलिस महानिरिक्षक साइबर निरंजन बायंगणकर उपस्थित थे। सुदीप गोयनका सहायक पुलिस महानिरीक्षक ट्रेर्निंग के द्वारा प्रशिक्षण कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की गई। शैलेन्द्र सिंह चौहान पुलिस अधीक्षक भोपाल साइबर द्वारा साइबर क्राइम की उपलब्धियों का ब्यौरा दिया गया। जितेन्द्र सिंह पुलिस अधीक्षक इन्दौर साइबर द्वारा सभी का आभर व्यक्त किया गया। श्रीमति सोम्या जैन उपुअ साइबर द्वारा आभार व्यक्त किया गया। 
        
उक्त प्रशिक्षण  कार्यक्रम साइबर क्राइम फाॅर प्रोटेक्षन आॅफ वूमन एण्ड चाइल्ड के अन्तर्गत किया जा रहा है। इस हेतु भारत के गृह मंत्रालय द्वारा साइबर क्राइम भोपाल को प्रषिक्षण सस्थान के रूप में उपलब्धियों को देखते हुए प्रदाय किया गया है। इसमें लगभग 2500 से अधिक प्रषिक्षणार्थीयोंको प्रषिक्षण देने का लक्ष्य है। उक्त प्रशिक्षण कार्यक्रम की विस्तृत रूपरेखा डाॅ सज्जाद नकवी के कुशल मार्गदशन में तैयार की गई ।
 
इसी पर रोकथाम के लिए म0प्र0 सायबर सेल द्वारा खुद को अधिक सक्षम, क्षमतावान बनाया गया है और इन्हीं क्षमताओं का उपयोग मैदानी क्षमता के विकास में किया जा रहा है। विगत वर्षाें के आॅकड़ांे पर नजर डाले तो सायबर थाना-भोपाल मंे वर्ष 2015 में 52, वर्ष 2016 में 161  एवं वर्ष 2017 में 132 अपराध पंजीबद्ध किये गए। सायबर द्वारा अपनी क्षमता को प्रदर्षित करते हुए लगभग 102 से अधिक प्रकरणों में चालानी कार्यवाही सुनिष्चित की गई तथा लगभग 128 अपराधियों को गिरफ्तार किया गया। पिछले वर्ष में चालानी प्रतिषत अन्य वर्षाें की अपेक्षा सर्वाधिक रहा है। सायबर मुख्यालय-भोपाल के साथ सायबर जोनल कार्यालय-इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर एवं जबलपुर कार्यरत् हैं। जहाॅ पर हमने आवेदकों को राहत पहुॅचाई है। पिछले वर्ष लगभग 4500 षिकायतें सायबर सेल में प्राप्त हुई थी जिनमें 1000 से अधिक का निराकरण कर आवेदकों को संतुष्टि देने का प्रयास किया गया।
    

इन अपराधों में आॅनलाइन ठगी, बैंक फ्राॅड, हैंकिंग, फर्जी आई0डी0 एवं महिला एवं बच्चों के विरूद्ध किये गए अपराध शामिल हैं। महिलाओं एवं बच्चांे के विरूद्ध होने वाले अपराधों को सायबर सेल द्वारा अपनी प्राथमिकताओं में शामिल किया गया है और इन मामलों पर त्वरित कार्यवाही संपादित की जा रही है। पिछले वर्ष में आॅनलाइन फ्राॅड में अकेले झारखण्ड प्रदेष से संबंधित अपराधियों पर कार्यवाही हेतु 02 दर्जन से अधिक योजनाबद्ध रूप से दबिष दी गई जिससे अधिक संगठित गिरोहों के लगभग 01 दर्जन से अधिक आरोपियों को गिरफ्तार कर जेला भेजा गया। जहाॅ तक अपराध वृद्धि का सवाल है, लगातार अपराध बढ़ रहे हैं। मध्यप्रदेष में वर्ष 2015 में 373, वर्ष-2016 में 419 एवं वर्ष-2017 मंे 656 आई0टी0 एक्ट के प्रकरण पंजीबद्ध किये गए हैं। प्रदेष में सायबर अपराधों में पिछले वर्ष की अपेक्षा 63 प्रतिषत की वृद्धि हुई है।

सायबर सेल द्वारा स्वयं को क्षमतावान बनाने हेतु कैपेसिटी बिल्डिंग के अंतर्गत 51 जिलों में मानव एवं तकनीकी संसाधन तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है एवं फोरेंसिक क्षमताओं को उन्नयन करने का लक्ष्य रखा गया है। इस हेतु प्रष्क्षिण टीम द्वारा स्वयं को प्रषिक्षण के क्षेत्र में दक्ष बनाते हुए आधारभूत सुविधाओं का विकास किया है जिसमें प्रषिक्षण में आने वाले प्रषिक्षणर्थियों के ठहरने के लिए हाॅस्टल, काॅफ्रेस हाॅल, हैण्डआॅन के लिए लैब का विकास किया गया है। इसी क्रम में पिछले दिनांे एम0एच0ए0 में सायबर क्राइम के चैलेजेंस और प्रषिक्षण के संबंध में 02 सेमीनार आयोजित किये गए, जिसमें म0प्र0 सायबर सेल द्वारा किये गए कार्याें को बखूबी उल्लेख किया गया और म0प्र0 सायबर सेल द्वारा सायबर अपराधों की रोकथाम में निभाई जा रही महती भूमिका एवं प्रषिक्षण स्तर को देखते हुए उक्त प्रषिक्षण की जिम्मेदारी बी0पी0आर0एण्ड डी0 एवं एन0पी0ए0 के बाद मध्यप्रदेष को दी गई है। संपूर्ण देष-प्रदेष से लगभग 2500 प्रषिक्षणार्थियों को उक्त प्रषिक्षण कार्यक्रम के तहत प्रषिक्षण दिया जाने का लक्ष्य है, जिसमें पुलिस अधिकारियों, न्यायाधीष एवं लोक अभियोजक शामिल हैं। न सिर्फ अपराधों की रोकथाम, पतारसी बल्कि फोरेंसिक के क्षेत्र में भी मध्यप्रदेष द्वारा संख्यात्मक एवं गुणात्मक दोनों ही दृष्टि से संपूर्ण देष में स्तरीय कार्य के परिणाम दिये जा रहे हैं। निष्चित ही सायबर क्राइम के प्रति अन्य पुलिस इकाइयों का रूझान सायबर क्राईम के साथ कार्य करने के लिए बढ़ रहा है। इस प्रषिक्षण को सफल बनाने का जिम्मा हम लोगों ने सामूहिक रूप से उठाया है । अपने आपको सायबर अपराधों से लड़ने के लिए, तैयार करने के लिए सायबर वरियर्स तैयार करने के लिए सायबर सेल कृतसंकल्पित हैं और हमें पूर्ण विष्वास है कि वरिष्ठ अधिकारियों के मागदर्षन में यह काम हमारी टीम बखूबी कर पायेगी।

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