Publish Date:26-Jul-2019 17:34:33
नई दिल्ली, 26 जुलाई 2019, चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव के दौरान आठ मामलों में वोटर वेरिफायबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) पर्ची और इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) की विसंगतियों की जांच के लिए सात टीमों का गठन किया है.
चुनाव आयोग ने अपने एक ट्वीट में कहा था कि लोकसभा चुनाव में 8 वोटर वेरिएफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपैट) के मिलान में अंतर मिला था, यानी .0004 फीसदी वोटों का मिलान नहीं हो पाया था. हालांकि, चुनाव के तुरंत बाद आयोग ने दावा किया था कि किसी भी वीवीपैट के मिलान में अंतर नहीं मिला.
चुनाव आयोग के अधिकारियों के अनुसार, यह प्रथम दृष्टया मानवीय त्रुटी का मामला है. राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय और आंध्र प्रदेश के 8 वीवीपैट के मिलान में अंतर आया है. अधिकारियों का कहना कि करीब 50 वोटों का मिलान नहीं हो पाया था और यह आम चुनाव परिणामों को प्रभावित नहीं करता था.
गौरतलब है कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के साथ वोटर वेरिएफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपैट) जुड़ा होता है, जिसके जरिए मतदाता को यह पता चलता है कि जिस कैंडिडेट के लिए ईवीएम में उसने बटन दबाई है, वोट उसे मिला या नहीं.
साभार- आज तक