सिंहस्थ के शाही स्नान में साधु-संत एवं महात्माओं ने लगाई धर्म एवं आस्था की डुबकी
Publish Date:09-May-2016 22:33:03
धर्म
एवं आस्था का समागम सिंहस्थ कुभ महापर्व का दूसरा शाही स्नान आज
मोक्षदायिनी क्षिप्रा सलिला के रामघाट, दत्त अखाडा, सहित विभिन्न घाट में
संपन्न हुआ। शाही स्नान में क्षिप्रा सलिला में डुबकी लगाने के लिए
साधु-संत एवं महात्माओं की भीड़ उमड़ पड़ी। शाही स्नान के दौरान साधु-संत एव
महात्माओं ने विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना की और मोक्षदायिनी क्षिप्रा
सलिला में जय-जयकार के नारे लगाते हुए धर्म एवं आस्था की डुबकी लगाई। इसके
साथ ही शाही स्नान में लाखों श्रद्धालुओं ने भी डुबकी लगाकर पुण्य-लाभ
प्राप्त किया। डुबकी लगाने वाले श्रद्वालुओं में धर्म और आस्था के प्रति
गहरा लगाव देखने को मिला। शाही स्नान के दौरान साधु-संतों और महात्माओं का
दौड़ते हुए क्षिप्रा में आकर डुबकी लगाने का दृश्य सभी को सम्मोहित कर रहा
था।
शाही स्नान में जिला-रतलाम से पहुँचे श्रद्वालु मोहन लाल
ने बताया कि सिंहस्थ के शाही स्नान में लाखों श्रद्वालुओं को क्षिप्रा
सलिला में डुबकी लगाकर पुण्य लाभ प्राप्त करने का अवसर मिला है। महापर्व
में जिला एवं मेला प्रशासन के द्वारा की गई व्यवस्थाएँ बेहतर हैं। शाही
स्नान में जिला-छिंदवाड़ा से पहुँचे श्रद्वालु श्री रामप्रसाद ने बताया कि
वह महाकाल का भक्त है। महापर्व में पुण्य लाभ प्राप्त करने के लिए वह पहले
शाही स्नान में भी सम्मिलित हुआ और तीसरे शाही स्नान में भी सम्मिलित होकर
पुण्य लाभ प्राप्त करेगा। जिला-गोंदिया महाराष्ट से पहुँचे श्रद्वालु श्री
तिलक सिंह ने बताया कि पिछलें सिंहस्थ में पुण्य लाभ प्राप्त करने के लिए
क्षिप्रा में डुबकी लगाई थी और इस सिंहस्थ में भी डुबकी लगाने के लिए आया
है। श्री तिलक सिंह ने सिंहस्थ कुंभ महापर्व में की गई तैयारियों की
प्रशंसा करते हुए बताया कि इस सिंहस्थ में साधु-संतों महात्माओं एवं
श्रद्वालुओं के लिए की गई व्यवस्थाएँ बहुत ही बेहतर हैं।
शाही स्नान के लिए रहे व्यापक प्रबंध
द्वितीय
शाही स्नान के लिए तैयार किए गए क्षिप्रा सलिला के घाटों में अदभुत रौनक
थी। साधु-संत एवं महात्माओं के साथ-साथ श्रद्धालु भी डुबकी लगाने के लिए
आतुर थे। साफ एवं स्वच्छ, बहती क्षिप्रा सलिला में उड़ते फव्वारों के साथ
शाही स्नान पर एक अदभुत नजारा दिख रहा था। शाही स्नान के लिए जिला एवं मेला
प्रशासन द्वारा व्यापक इंतजाम किए गए थे। शाही स्नान के दौरान क्षिप्रा
में तैराकों का दल और मोटर बोट डुबकी लगाने वालों पर सतत निगरानी रख रहा
था। क्षिप्रा सलिला के घाटों में डुबकी लगाने वाले साधु-संत, महात्माओं एवं
श्रद्वालुओं की सुरक्षा के लिए पुलिस और पैरा मिलेट्री फोर्स के जवान अपनी
ड्यूटी पर तैनात थे। घाटों की निरंतर सफाई करने के लिए सफाईकर्मी हर
आवश्यक स्थान पर अपनी-अपनी सेवाएँ दे रहे थे। किसी भी आपात-स्थिति से
निपटने के लिये फायर वाहन, मेडिकल एम्बुलेंस, तैराक दल घाटों पर तैयार थे।
शाही स्नान के साथ ही महाकाल के दर्शन के लिए उमड़ा जन-समूह
मोक्षदायिनी
क्षिप्रा नदी में आज शाही स्नान के साथ ही श्रद्धालु महाकाल के दर्शन के
लिए उमड़ पड़े। सिंहस्थ उज्जैन में आने वाला प्रत्येक भक्त महाकाल के दर्शन
का इच्छुक था। प्रदेश सरकार द्वारा की गई व्यापक व्यवस्थाएँ एवं जिला
प्रशासन द्वारा दी जाने वाली सुविधाओं कें कारण प्रत्येक श्रद्धालु अधिकतम
30 से 35 मिनट में महाकाल भगवान के दर्शन कर रहा था।
महाकाल परिसर में पुलिस एवं सुरक्षा के व्यापक इंतजाम होने के कारण प्रत्येक श्रद्धालु को आसानी से दर्शन हो रहे थे।
आस्था,
धर्म, श्रद्धा एवं भक्ति का समागम यहाँ देखने को मिल रहा है। मुंबई से आये
श्री गिरधारी लाल शर्मा ने बताया कि मोक्षदायिनी क्षिप्रा नदी में स्नान
के बाद भगवान महाकाल के दर्शन करके जीवन धन्य हो गया। राजस्थान के झुंझुनू
जिले की सुश्री कविता एवं पिपलानी जिले के श्री मणिसेन और श्री रामावतार ने
कहा कि वे अक्षय तृतीया के पर्व पर स्नान करने के लिए 5 दिन पहले ही
उज्जैन आ गये थे। महाकाल भगवान के दर्शन करने की उत्कट इच्छा थी, आज महाकाल
भगवान के दर्शन कर जीवन पवित्र हो गया। बिहार के रोहतास जिले से आये
सर्वश्री रविन्द्र सिंह, दिलीप कुमार, धनंजय पांडे ने बताया कि वे अपने
परिवार सहित 20 अन्य लोग के साथ उज्जैन आये हैं। आज मोक्षदायिनी क्षिप्रा
स्नान के बाद काफी भीड़ होने पर भी बड़ी सरलता से महाकाल के दर्शन हुए।
उत्तरप्रदेश के गाजियाबाद जिले से आये श्री ओमप्रकाश गुप्ता एवं श्री राकेश
गुप्ता ने बताया कि वे अपने परिवार के साथ दो दिन पूर्व ही उज्जैन आये
हैं, आज अक्षय तृतीया पर्व में स्नान कर कालों के काल महाकाल के दर्शन किये
है।
मुख्यमंत्री सड़क मार्ग से उज्जैन रवाना बारिश के बाद की स्थिति की करेंगे समीक्षा
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने सिंहस्थ के दौरान आज हुई असमय बारिश में श्रद्धालुओं एवं संतजनों से धैर्य बनाए रखने की अपील की है। उन्होंने कहा है कि प्राकृतिक घटना से प्रभावितों की भरपूर सहायता की जाएगी। प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद है। व्यवस्थाओं को सुचारू बनाए रखने के हरसंभव कार्य किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा है कि सिंहस्थ का संपूर्ण आयोजन भगवान श्री महाकाल की कृपा और सबके धैर्य और सहयोग से पूर्णत: सफल होगा। संकट की इस घड़ी में भी सभी के सक्रिय सहयोग से सिंहस्थ महापर्व सानंद एवं सफलतापूर्वक सम्पन्न होगा।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री चौहान उज्जैन में बारिश की सूचना मिलते ही सिंहस्थ की व्यवस्थाओं और राहत-बचाव कार्यों की समीक्षा के लिए सड़क मार्ग से उज्जैन के लिए रवाना हो गये। मौसम खराब होने के कारण वायुयान के उड़ान नहीं भर पाने के कारण मुख्यमंत्री सड़क मार्ग से उज्जैन के लिए रवाना हुए।